बाजार में खाना बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तेल की भरमार है। तेल चुनते वक्त आमतौर पर लोग उसके स्वाद को ध्यान में रखते हैं या फिर उसी तेल का चयन करते हैं जो सालों से लोगों द्वारा खाना बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है। तकनीकी रूप से अगर बात करें तो आपके खाना बनाने का तरीका यह सुनिश्चित करता है कि आपको किस तरह के तेल का उपयोग करना चाहिए। दरअसल हर तेल का वाष्प में बदलने का एक निश्चित बिंदू होता है। तेल के वाष्प में बदलने में जितना अधिक समय लगता है, उतनी ही अधिक देर तक आप खाना पकाने में उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
बहरहाल यहां हम आपको बता रहे हैं कि कौन सा तेल स्वास्थ्य के लिए उत्तम है और कौन सा तेल नुकसानदायक:

आर्गेनिक नारियल तेल
चूंकि 90 प्रतिशत नारियल तेल सैचुरेटेड वसा (संतृप्त वसा) से बनता है, इस वजह से नारियल तेल सबसे अधिक गर्मी रोधी तेलों में से एक है जिसका इस्तेमाल खाना पकाने के लिए किया जाता है। असल में सैचुरेटेड फैट लंबे समय तक गर्म रहता है। आपको बताते चलें कि नारियल तेल में मौजूद सैचुरेटेड फैट आपकी हृदय धमनियों को ब्लाॅक नहीं करता। आर्गेनिक नारियल तेल फैटी एसिड और लाॅरिक एसिड का बेहतरीन स्रोत है।

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जैतून का तेल
पोषण और खाना पकाने के विशेषज्ञ इस बात में सहमत हैं कि ओलिव आयल यानी जैतून का तेल खाना पकाने और स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन विकल्प है बशर्ते वह एक्स्ट्रा वर्जिन (शुद्ध तेल का रूप) हो। एक्स्ट्रा वर्जिन का मतलब है कि जैतून का तेल रिफाइंड नहीं है यानी वह उच्च गुणवत्ता का है। एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव आयल में काफी ज्यादा मात्रा में मोनोसैचुरेटेड फैट और कुछ मात्रा में पोलीसैचुरेटेड फैटी एसिड मोजूदा होता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि इसके सेवन से आपका हृदय स्वस्थ रहता है। अन्य तेलों की तुलना में इसके वाष्प में बदलने का निश्चित बिंदू काफी कम है। अतः खाना पकाने के लिए यह अच्छा विकल्प है।

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वेजीटेबल आयल/वनस्पति तेल
वनस्पति तेल या वेजीटेबल आयल मार्केट में बहुत आसानी से पाया जाता है। यह अत्यधिक प्रोसेस्ड किया जाता है इस वजह से इसमें खनिज और विटामिन काफी कम मात्रा में रह जाते हैं। आमतौर पर वनस्पति तेल में मकई, सोयाबीन, कुसुम, ताड़ और सूरजमुखी के तेल का मिश्रण होता है। ओमेगा 6 फैटी एसिड से भरपूर होने के बाद वनस्पति तेलों के प्रक्रिया बंद हो जाती है। जबकि प्रक्रिया के बाद इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड कम रह जाता है, जिस वजह से इसका सेवन करने पर सूजन की समस्या हो सकती है।

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सूरजमुखी का तेल
यह तेल विटामिन ई से भरपूर है। एक चम्मच सूरजमुखी के तेल में रोजाना की जरूरत का 28 फीसदी पोषक तत्व मौजूद होता है। इस तेल का वाष्प बिंदू काफी ज्यादा है, इसमें किसी तरह के फ्लेवर का इस्तेमाल भी नहीं किया जाता है। इसका मतलब यह है कि यह खाद्य पदार्थ का स्वाद नहीं बदलता। हालांकि सूरजमुखी के तेल में बहुत ज्यादा ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है। यह सूजन को बढ़ाता है जबकि ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम करता है। अगर आप बहुत ज्यादा ओमेगा-6 का सेवन कर लेते हैं और इसके साथ ओमेगा-3 का संतुलन नहीं बनाए रखते हैं, तो इससे आपके शरीर में सूजन हो सकती है।

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खाना बनाने का तेल चुनते वक़्त हमेशा सजग रहें। वही तेल चुनें जो स्वास्थ्य के लिए सही हो।

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