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अलग-अलग कच्ची घानी तेल में पीयूएफए और एंटीऑक्सिडेंट का लेवल अलग-अलग होता है और यह तेल के स्त्रोत पर निर्भर करता है कि वह सूखे मेवे या बीज किससे प्राप्त किया गया है। मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर कोल्ड प्रेस्ड ऑयल में पीयूएफ और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं जिसकी वजह से अक्सर ऑटो-ऑक्सिडेशन होता है। लिपिड ऑक्सिडेशन प्रक्रिया की वजह से तेल की क्वॉलिटी खराब होने लगती है क्योंकि इसमें अस्वास्थ्यकर तत्व तेल की तलहटी में जमा होने लगते हैं जिसकी वजह से तेल की शेल्फ-लाइफ कम हो जाती है।
इस समस्या से बचने के लिए ज्यादातर तेल कंपनियां इन तेलों को फोर्टिफाई कर देती हैं या फिर तेल का उत्पादन करने वाली प्रक्रिया को रूपांतरित कर देती हैं ताकि तेल की शेल्फ-लाइफ को बढ़ाया जा सके। इसका सबसे कॉमन तरीका ये है कि कच्ची घानी तेल में कुछ मात्रा में अनसैचुरेटेड फैटी एसिड तेल या रिफाइंड ऑयल मिलाया जाता है जो मौलिक उत्पाद के पोषक तत्वों को कम कर देता है। इन मिलावटी तेलों की वजह से ट्रांस फैटी एसिड कॉन्टेंट में बढ़ोतरी हो जाती है और इस तरह के तेल का सेवन सेहत के लिए उतना फायदेमंद नहीं होता जितना शुद्ध कच्ची घानी तेल होता है।
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एक और तरीका तेल के उत्पादन प्रक्रिया के दौरान स्टीम ट्रीटमेंट या भाप को शामिल करना है। इस प्रक्रिया के दौरान उत्पादन में गर्मी को शामिल किया जाता है जो- भले ही तेल पर इसका स्थिर असर हो- इसे रिफाइंड ऑयल के बराबर बना देता है और कोल्ड-प्रेसिंग प्रक्रिया के फायदों को बेअसर कर देता है। कच्ची घानी तेल को स्थिर रखने के लिए फूड स्टैंडर्ड अथॉरिटीज ने सख्त दिशा निर्देश दिया है, लिहाजा इन कच्ची घानी तेल को मार्केट से खरीदते वक्त अधिकारियों द्वारा दिए गए अंकों को चेक जरूर करें।
कच्ची घानी तेल को उनके निर्माण की प्रक्रिया की वजह से सामान्यतः रिफाइंड तेल की तुलना में हेल्दी माना जाता है। चूंकि गर्मी और अतिरिक्त चीजों को कच्ची तेल के निर्माण प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता इसलिए तेल का बायोऐक्टिव कंपाउंड जैसे- विटामिन, मिनरल, और एंटीऑक्सिडेंट्स बने रहते हैं। इस वजह से कच्ची घानी तेल का सेवन करना एक हेल्दी विकल्प माना जाता है।
हालांकि, मार्केट से खरीदते वक्त कच्ची घानी तेल का लेबल चेक करना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोल्ड प्रेस्ड ऑयल की शेल्फ-लाइफ कम होती है इसलिए उन्हें दी गई समय अवधि के अंदर ही इस्तेमाल कर लेना चाहिए। लिहाजा कच्ची घानी तेलों को बल्क में या बहुत अधिक मात्रा में खरीदना बेहतर नहीं होगा। साथ ही तेल के लेबल पर यह भी चेक करना जरूरी है कि कच्ची घानी तेल के उत्पादन प्रक्रिया के दौरान उसमें रिफाइंड ऑयल या भाप को शामिल किया गया है या नहीं। अगर तेल में ये तब्दीली की गई है तो बेहतर यही होगा कि आप इस तेल की जगह किसी और तेल का चुनाव करें क्योंकि ये प्रक्रियाएं कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल के फायदों को कम कर देती हैं।
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