दुनियाभर में इतने सारे तेल हैं कि कई बार आप भी कन्फ्यूज हो जाते होंगे कि किसका इस्तेमाल करें और किसका नहीं, कौन सा तेल आपकी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है? फिर चाहे बात खाने पकाने वाले तेल की हो या फिर त्वचा और बालों पर लगाने वाले तेल की- मार्केट में तेल के ढेरों विकल्प मौजूद हैं। वे सारे तेल जो हमारी सेहत के लिए अच्छे और फायदेमंद माने जाते हैं वे सभी प्लांट-बेस्ड यानी पौधों से प्राप्त होने वाले तेल हैं लिहाजा हमारे सामने सूरजमुखी के तेल से लेकर सरसों का तेल, जैतून का तेल, तिल का तेल और मूंगफली के तेल जैसे कई विकल्प मौजूद हैं। तेल की वरायटी में अब कच्ची घानी यानी कोल्ड प्रेस्ड तेल भी शामिल हो गया है।  (और पढ़ें- खाना बनाने के लिए सबसे अच्छा तेल)
 
आपको बता दें कि दुनियाभर में सेहत के लिहाज से कोल्ड प्रेस्ड ऑयल को काफी अच्छा माना जा रहा है और बड़ी संख्या में लोग इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं। तो आखिर कोल्ड प्रेस्ड या कच्ची घानी तेल है क्या, बाकी तेलों से यह तेल किस तरह से अलग है और कच्ची घानी तेल के फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं, इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।
  1. कच्ची घानी तेल क्या होता है - What is Kachi Ghani (Cold-pressed) oil in Hindi?
  2. क्या कोल्ड प्रेस्ड तेल बाकी तेलों से बेहतर है - Are cold-pressed oil better than other oils in Hindi?
  3. कच्ची घानी तेल के फायदे - Benefits of Kachi Ghani Oil in Hindi
  4. कच्ची घानी तेल के नुकसान - Side effects of Kachi Ghani oil in Hindi
  5. आखिर में इन बातों का रखें ध्यान - Takeaways
कच्ची घानी तेल के फायदे और नुकसान के डॉक्टर
किसी भी बीज से तेल निकालने के लिए 2 तरीके का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध तरीका है- रासायनिक घोल का इस्तेमाल करके तेल का निचोड़ प्राप्त करना जिसके बाद इसे रासायनिक रूप से परिष्कृत (रिफाइंड) किया जाता है ताकि इसमें से अशुद्धियां निकल जाएं और इसमें पोषक तत्वों (फोर्टिफाइड तेल बनाने के लिए) को शामिल किया जा सके। 
 
वहीं, दूसरी तरफ कोल्ड प्रेस्ड ऑयल या कच्ची घानी तेल बनाने की प्रक्रिया में एक प्रेस जैसी मशीन में बीजों को डालकर दबाव के साथ अच्छी तरह से कूटा जाता है ताकि बीज के पल्प या गूदे को तेल से अलग किया जा सके। हो सकता है कि कच्ची घानी तेल में कुछ अशुद्धियां रह जाएं (जो मुख्य रूप से पल्प का हिस्सा होता है) लेकिन इस तरह से बनने वाले तेल को प्राप्त करने के लिए उच्च गर्मी या केमिकल्स की जरूरत नहीं होती और यही मुख्य कारण है जिस वजह से इसे बाकी तेलों की तुलना में अधिक फायदेमंद माना जाता है।
 
इंटरनैशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंसेज में साल 2018 में प्रकाशित एक स्टडी में यह समझाया गया है कि कोल्ड प्रेस्ड ऑयल यानी कच्ची घानी तेल में पोषक तत्व ज्यादा मात्रा में होते हैं और इसका कारण ये है कि इस तेल को रिफांइड यानी परिष्कृत नहीं किया जाता है। चूंकि कोल्ड-प्रेसिंग प्रक्रिया के दौरान किसी तरह की गर्मी या रासायनिक प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं होता है, लिहाजा कोल्ड प्रेस्ड ऑयल या कच्ची घानी तेल के घटक और चिकित्सा संबंधी फायदे अन्य तेलों की तुलना में काफी अधिक होते हैं।
 
कच्ची घानी तेल में एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स जैसे- टोकोफेरॉल्स, स्टेरॉल्स, स्टैनॉल्स, फॉस्फोलिपिड्स और फेनॉलिक कंपाउंड्स की सघनता काफी अधिक होती है। ज्यादातर कच्ची घानी तेल में पॉलिअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (पीयूएफए) भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इन तेलों को फिक्स्ड या स्टेबल (स्थिर) तेल भी कहते हैं क्योंकि रूम के तापमान पर यह तेल बदलता नहीं है। हालांकि, एंटीऑक्सिडेंट्स की मौजूदगी के कारण अक्सर कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल या कच्ची घानी तेल में ऑटो-ऑक्सिडेशन (रूम के सामान्य तापमान पर ऑक्सीजन की वजह से ऑक्सिडेशन होना) होने लगता है जिसकी वजह से अगर तेल को सही तरीके से संरक्षित करके न रखा जाए तो तेल की शेल्फ-लाइफ (तेल को स्टोर करके रखने और उपयोग होने की अवधि) कम हो जाती है और वह खराब होना शुरू हो जाता है। 
 
इस बात के कई सबूत मौजूद हैं कि कोल्ड प्रेस्ड ऑयल या कच्ची घानी तेल सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। हम आपको कच्ची घानी तेल के उन विभिन्न फायदों के बारे में बता रहे हैं जिसकी वजह से आप इस तेल को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहेंगे:
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए- जैसा कि पहले ही बताया गया है कि कच्ची घानी तेल में पोषक तत्वों की मात्रा काफी अधिक होती है खासकर एंटीऑक्सिडेंट्स की। लिहाजा इन पोषक तत्वों की अधिक मात्रा को प्राप्त करने से न सिर्फ इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है बल्कि फ्री रैडिकल्स की वजह से शरीर को होने वाले नुकसान से भी बचाता है।
  • हृदय रहेगा स्वस्थ- बहुत से लोगों के मन में इस बात की भी आशंका रहती है कि ज्यादातर तेल कोलेस्ट्रॉल के मामले में भारी और हानिकारक होते हैं लेकिन कच्ची घानी तेल में पीयूएफए यानी पॉलिअनसैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है जो इसे हार्ट के लिए हेल्दी बनाता है। इसके अलावा कोल्ड प्रेस्ड ऑयल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड भी होता है जो आपके हृदय के लिए अच्छा माना जाता है।  (और पढ़ें- हृदय को स्वस्थ रखने के उपाय)
  • ब्लड शुगर कंट्रोल- कुछ अध्ययनों में यह बात भी सामने आयी है कि कच्ची घानी तेल जैसे- वर्जिन और एक्सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है और टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम भी कम हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि कच्ची घानी तेल, भोजन करने करने के बाद बढ़ने वाले ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद जरूरी है।
  • इन्फ्लेमेशन से लड़ने में मददगार- चूंकि कच्ची घानी तेल एंटीऑक्सिडेंट्स और हेल्दी फैट से भरपूर होता है इसलिए अध्ययनों में यह बात सामने आयी है कि कच्ची घानी तेल इन्फ्लेमेशन लेवल को कम करने में भी मदद करता है। इसलिए यह जरूर याद रखें कि कोल्ड प्रेस्ड ऑयल केमिकल फ्री पौधों पर आधारित तेल का विकल्प है इसलिए इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं जो आपके लिए फायदेमंद है।
  • त्वचा के लिए फायदेमंद- कच्ची घानी तेल स्थिर होते हैं, एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं और पूरी तरह से केमिकल फ्री यानी रसायन-मुक्त होते हैं। लिहाजा आपकी स्किन और सिर की त्वचा (स्कैल्प) के लिए भी यह तेल परफेक्ट है क्योंकि इस तेल को लगाने से न सिर्फ त्वचा और बालों को नमी मिलती है बल्कि एलर्जी, मुंहासे और चकत्ते दूर करने में भी मदद मिलती है।  (और पढ़ें- चकत्तों के घरेलू उपाय)
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अलग-अलग कच्ची घानी तेल में पीयूएफए और एंटीऑक्सिडेंट का लेवल अलग-अलग होता है और यह तेल के स्त्रोत पर निर्भर करता है कि वह सूखे मेवे या बीज किससे प्राप्त किया गया है। मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर कोल्ड प्रेस्ड ऑयल में पीयूएफ और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं जिसकी वजह से अक्सर ऑटो-ऑक्सिडेशन होता है। लिपिड ऑक्सिडेशन प्रक्रिया की वजह से तेल की क्वॉलिटी खराब होने लगती है क्योंकि इसमें अस्वास्थ्यकर तत्व तेल की तलहटी में जमा होने लगते हैं जिसकी वजह से तेल की शेल्फ-लाइफ कम हो जाती है।

इस समस्या से बचने के लिए ज्यादातर तेल कंपनियां इन तेलों को फोर्टिफाई कर देती हैं या फिर तेल का उत्पादन करने वाली प्रक्रिया को रूपांतरित कर देती हैं ताकि तेल की शेल्फ-लाइफ को बढ़ाया जा सके। इसका सबसे कॉमन तरीका ये है कि कच्ची घानी तेल में कुछ मात्रा में अनसैचुरेटेड फैटी एसिड तेल या रिफाइंड ऑयल मिलाया जाता है जो मौलिक उत्पाद के पोषक तत्वों को कम कर देता है। इन मिलावटी तेलों की वजह से ट्रांस फैटी एसिड कॉन्टेंट में बढ़ोतरी हो जाती है और इस तरह के तेल का सेवन सेहत के लिए उतना फायदेमंद नहीं होता जितना शुद्ध कच्ची घानी तेल होता है।

(और पढ़ें- चावल की भूसी के तेल के फायदे)

एक और तरीका तेल के उत्पादन प्रक्रिया के दौरान स्टीम ट्रीटमेंट या भाप को शामिल करना है। इस प्रक्रिया के दौरान उत्पादन में गर्मी को शामिल किया जाता है जो- भले ही तेल पर इसका स्थिर असर हो- इसे रिफाइंड ऑयल के बराबर बना देता है और कोल्ड-प्रेसिंग प्रक्रिया के फायदों को बेअसर कर देता है। कच्ची घानी तेल को स्थिर रखने के लिए फूड स्टैंडर्ड अथॉरिटीज ने सख्त दिशा निर्देश दिया है, लिहाजा इन कच्ची घानी तेल को मार्केट से खरीदते वक्त अधिकारियों द्वारा दिए गए अंकों को चेक जरूर करें।

कच्ची घानी तेल को उनके निर्माण की प्रक्रिया की वजह से सामान्यतः रिफाइंड तेल की तुलना में हेल्दी माना जाता है। चूंकि गर्मी और अतिरिक्त चीजों को कच्ची तेल के निर्माण प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता इसलिए तेल का बायोऐक्टिव कंपाउंड जैसे- विटामिन, मिनरल, और एंटीऑक्सिडेंट्स बने रहते हैं। इस वजह से कच्ची घानी तेल का सेवन करना एक हेल्दी विकल्प माना जाता है।

हालांकि, मार्केट से खरीदते वक्त कच्ची घानी तेल का लेबल चेक करना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोल्ड प्रेस्ड ऑयल की शेल्फ-लाइफ कम होती है इसलिए उन्हें दी गई समय अवधि के अंदर ही इस्तेमाल कर लेना चाहिए। लिहाजा कच्ची घानी तेलों को बल्क में या बहुत अधिक मात्रा में खरीदना बेहतर नहीं होगा। साथ ही तेल के लेबल पर यह भी चेक करना जरूरी है कि कच्ची घानी तेल के उत्पादन प्रक्रिया के दौरान उसमें रिफाइंड ऑयल या भाप को शामिल किया गया है या नहीं। अगर तेल में ये तब्दीली की गई है तो बेहतर यही होगा कि आप इस तेल की जगह किसी और तेल का चुनाव करें क्योंकि ये प्रक्रियाएं कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल के फायदों को कम कर देती हैं।

(और पढ़ें- पुदीना के तेल के फायदे नुकसान)

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संदर्भ

  1. Lin, Tzu-Kai. et al. Anti-Inflammatory and Skin Barrier Repair Effects of Topical Application of Some Plant Oils. Int J Mol Sci. 2018 Jan; 19(1): 70. PMID: 29280987
  2. Grajzer, Magdalena. et al. Characteristics and Antioxidant Potential of Cold-Pressed Oils—Possible Strategies to Improve Oil Stability. Foods. 2020 Nov; 9(11): 1630. PMID: 33171600
  3. Prescha, Anna. et al. The Antioxidant Activity and Oxidative Stability of Cold-Pressed Oils. J Am Oil Chem Soc . 2014;91(8):1291-1301. PMID: 25076788
  4. Bruhl, L. Determination of trans fatty acids in cold pressed oils. Eur J Med Res . 1995 Nov 17;1(2):89-93. PMID: 9420186
  5. Wroniak, Malgorzata and Rekas, Agnieszka. Nutritional value of cold-pressed rapeseed oil during long term storage as influenced by the type of packaging material, exposure to light & oxygen and storage temperature. J Food Sci Technol. 2016 Feb; 53(2): 1338–1347. PMID: 27162415
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