अरहर भारत में 3,500 साल पहले आयी थी। 2,000 ईसा पूर्व में पूर्वी अफ्रीका में अरहर की दाल को विकसित किया गया था, और इसके बाद में फिर अमेरिका में लाया गया। इसके बीज को अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में अनाज के रूप में उपयोग किया जाता है। आज के समय में अरहर की दाल दुनियाभर में व्यापक रूप से उगाई जाती है और कृषि प्रथाओं में ये एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अरहर की दाल का पेड़ आसानी से बढ़ता है, यहां तक कि कठोर परिस्थितियों में भी इस दाल का पेड़ सरलपूर्वक पनपता है।
अरहर दाल के कई लाभ हैं - इससे शरीर की वृद्धि होती है, रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) संतुलित रहता है, हृदय से जुडी बीमारियां नहीं होती, वज़न को संतुलन में रखता है, पाचन क्रिया को सुधारता है, शरीर की ऊर्जा अच्छी रहती है और सूजन से जुडी परेशानियां नहीं होतीं। औषधीय लाभ के संदर्भ में, अरहर की दाल में प्रोटीन, खनिज, विटामिन, फाइबर, और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। इनसे आपके शरीर को भरपूर पोषण मिलता है।
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तो आइये अरहर की दाल के इन और दूसरे लाभ पर करीब से नज़र डालते हैं -