कोरोना वायरस संकट के बीच दिल्ली सरकार ने इस हफ्ते अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया। बजट में दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। इनमें केंद्र सरकार की 'आयुष्मान भारत' योजना को दिल्ली में लागू किए जाने के फैसले ने सभी का ध्यान खींचा। यानी अब दिल्ली के लोगों को भी जल्दी ही इस केंद्रीय योजना का लाभ मिल सकेगा। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बजट में अलग से आवंटन किया है।
दिल्ली में नए अस्पताल बनाने की योजना
दिल्ली विधानसभा में बजट पेश करते हुए उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कुल 65,000 करोड़ रुपये के बजट आवंटन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इनमें से 7,485 करोड़ रुपये स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए खर्च किए जाएंगे। सिसोदिया ने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र के तहत विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 3,737 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। वहीं, नए अस्पताल बनाने और पुराने अस्पतालों को दुरुस्त करने के लिए 588 करोड़ रुपये की राशि दिए जाने का फैसला किया गया है।
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कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बजट तय
देश के कई राज्यों की तरह दिल्ली भी कोरोना संकट से जूझ रही है। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार ने अपने बजट में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अलग से आवंटन तय किया है। इसके तहत 50 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। ये 50 करोड़ रुपये दिल्ली में आने वाले कोरोना मरीजों को क्वारंटाइन (इलाज के लिए अलग-थलग करना) जैसी चिकित्सा सुविधाएं देने पर खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, दिल्ली में आरोग्य कोष के लिए 125 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस परियोजना के माध्यम से दिल्ली में कई प्रकार के उपचार और चिकित्सा सुविधाएं (जैसे सर्जरी, रेडियोलॉजी, डायग्नोसिस आदि) निःशुल्क दिए जा रहे हैं।
मोहल्ला क्लीनिक और पॉलीक्लिनिक्स पर जोर
दिल्ली सरकार, शहर में 1,000 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने की योजना भी बना रही है। इसी के तहत 25 पॉलीक्लिनिक्स भी तैयार किए जा रहे हैं। वहीं, पहले से मौजूद 94 डिस्पेंसरीज को रीमॉडल कर पॉलिक्लिनिक में तब्दील किया जा रहा है। इन सबके के लिए 375 करोड़ रुपये का प्रस्तावित बजट रखा गया है।
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साथ ही अस्पतालों की बेड क्षमता 10,000 से 20,000 करने पर काम किया जा रहा है। इसके लिए अंबेडकर नगर में 600 और बुराड़ी में 800 बेडों की क्षमता वाले अस्पतालों के निर्माण का काम जल्दी ही पूरा किया जाएगा। बजट घोषणा में यह भी बताया गया कि द्वारका में 1,241 बेडों की क्षमता वाले अस्पताल का निर्माण एडवांस स्टेज में है। वहीं, राजधानी के कई सरकारी अस्पतालों में अन्य कई चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए 963 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने वालों के लिए प्रोत्साहन के रूप में 2,000 रुपये की राशि तय की गई है। इस योजना के लिए बजट में दो करोड़ रुपये रखे गए हैं।
आयुष्मान योजना में कोविड-19 का इलाज शामिल किया जाएगा
उधर, केंद्र सरकार ने भी आयुष्मान भारत योजना के पात्रों के हित में एक बड़ा फैसला किया है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) की मानें तो अब आयुष्मान योजना के तहत कोविड-19 के मुफ्त परीक्षण की सुविधा दी जाएगी। मतलब अब गरीब से गरीब व्यक्ति को कोरोना वायरस से संदिग्ध होने की स्थिति में निजी अस्पताल में केंद्र सरकार की इस स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिल सकेगा, बशर्ते वह योजना का लाभार्थी हो। मीडिया रिपोटों की मानें तो आयुष्मान भारत के लाभार्थी किसी भी निजी अस्पताल में कोविड-19 के लिए न सिर्फ मुफ्त में परीक्षण करवा सकेंगे, बल्कि जरूरत पड़ने पर उन्हें आइसोलेशन की सुविधा भी फ्री में मिलेगी। यानी अगर कोरोना वायरस के संदिग्ध रोगी को निजी अस्पताल में आम लोगों से अलग-थलग करने की नौबत आई तो इस योजना के तहत यह सुविधा भी दी जाएगी।
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