निरंतर बढ़ रही महंगाई के इस दौर में अस्पताल का खर्च उठाना आम आदमी के बस से बाहर हो गया है। इतना ही नहीं काम और अन्य जिम्मेदारियों के बोझ में एक साधारण व्यक्ति इतना डूब जाता है कि अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं दे पाता। ऐसे में हमारी जीवनशैली बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है और परिणामस्वरूप नई-नई बीमारियां जन्म लेती हैं। कुछ गंभीर बीमारियां सिर्फ आपके स्वास्थ्य को ही प्रभावित नहीं करती हैं, बल्कि उनके इलाज पर खर्च आपकी जेब को भी हल्का कर देता है। फिर लंबे समय तक आप उस वित्तीय संकट से उबर नहीं पाते हैं। ऐसे में यदि आपके पास कोई बैकअप प्लान, जिससे समय पर पैसे की मदद मिल जाए, तो आप एक महत्वपूर्ण जीवन बचा पाते हैं।

बैकअप प्लान से हमारा मतलब है क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान, जो आपको कोई गंभीर बीमारी होने पर उसके इलाज में होने वाले खर्च को कवर करता है। इसलिए इस बीमा योजना की मदद से ऐसी स्थितियों के लिए पहले से ही तैयार रहना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आज इस लेख में हम क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स के बारे में बात करने वाले हैं, जिसमें हम आपको यह बताने की कोशिश करेंगे कि क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान खरीदना आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है -

(और पढ़ें - myUpchar बीमा प्लस हेल्थ इन्शुरन्स के फायदे)

  1. क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स किसे कहते हैं - Critcal Health Insurance meaning in Hindi
  2. क्रिटिकल इलनेस क्या है - What is Critical illness in Hindi
  3. क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स किसलिए जरूरी है - Why you should buy Critical Health Insurance in Hindi

क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स क्या है?

क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स गंभीर और लंबे समय तक रहने वाली बीमारियों के इलाज पर होने वाले खर्च को कवर करने वाला एक स्वास्थ्य बीमा है। जिस व्यक्ति के नाम यह इन्शुरन्स प्लान लिया गया है, यदि उस व्यक्ति को भविष्य में कोई भी गंभीर (क्रिटिकल) रोग होता है, तो उसके इलाज पर होने वाला खर्च बीमा करने वाली कंपनी देती है। क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान में आमतौर पर कैंसर, मल्टीपल स्क्लेरोसिस और गुर्दे, लिवर व हृदय संबंधी गंभीर रोग शामिल होते हैं। हालांकि, बीमा करने वाली हर कंपनी का अपना एक पैकेज होता है, जिसमें वह कुछ अन्य गंभीर रोगों के इलाज पर भी कवरेज प्रदान करती हैं।

कुछ लोग क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान को सामान्य हेल्थ इन्शुरन्स ही समझ लेते हैं, जबकि ये पूरी तरह से अलग है। इसलिए कोई भी बीमा खरीदने से पहले उसके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।

(और पढ़ें - हृदय रोग के लक्षण)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

क्रिटिकल इलनेस किसे कहते हैं?

बीमारी, रोग या विकार कोई भी हो वह हमारे स्वास्थ्य को कहीं ना कहीं से प्रभावित करता ही है। लेकिन कुछ बीमारियां होती हैं, जिन्हें हम झेल पाते हैं और उनका इलाज भी आसानी से हो जाता है। जबकि कुछ बीमारियां गंभीर होती हैं, जो स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं और यहां तक कि जानलेवा भी हो सकती हैं। इन गंभीर बीमारियों को क्रिटिकल इलनेस की लिस्ट में रखा जाता है, जिनका इलाज इतना आसान नहीं होता है और इलाज पर खर्च भी अधिक आता है। क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स में आमतौर पर किडनी फेल होना, हार्ट अटैक, लिवर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाना और अन्य कई बीमारियां शामिल हैं, जिनका जल्द से जल्द इलाज करना बेहद जरूरी है अन्यथा से मरीज की जान भी ले सकती हैं। कुछ आम गंभीर बीमारियां निम्नलिखित हैं।

1 कैंसर से कभी प्रमुख प्रकार
2 खास गंभीरता तक के हार्ट अटैक
3 कोरोनरी आर्टरी बाई-पास सर्जरी
4 स्ट्रोक या आघात
5 किडनी फेलियर
6 कोमा
7 लकवा या पैरालिसिस (हाथ या पैर का बेकार होना)
8 हार्ट वाल्व सर्जरी
9 अंधापन (दृष्टि खो देना)
10 बहरापन (सुनवाई न देना)
11 बोलने में असमर्थ होना
12 मल्टीपल स्क्लेरोसिस
13 फुलमिनेंट हेपेटाइटिस
14 मेजर ऑर्गन या बोन मैरो ट्रांसप्लांट
15 प्राइमरी पल्मनरी हाइपरटेंशन
16 अल्जाइमर रोग / गंभीर मनोभ्रंश (डिमेंशिया)
17 महाधमनी के लिए सर्जरी
18 गंभीर रूप से जलना
19 लाइलाज बीमारियां (टर्मिनल इलनेस)
20 रक्तधान के कारण या व्यवसाय के कारण एचआईवी होना
21 अंतिम चरण की फेफड़ों की बीमारी
22 अंतिम चरण की लिवर की बीमारी
23 मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
24 पार्किंसंस रोग
25 अप्लास्टिक एनीमिया
26 कोरोनरी आर्टरी की एंजिप्लास्टी और अन्य सर्जिकल ट्रीटमेंट
27 बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस
28 बिनाइन ब्रेन ट्यूमर
29 वायरल एन्सेफलाइटिस
30 मोटर नूरोन रोग
31 अपैलिक सिंड्रोम
32 स्वयं कार्य करने में असमर्थ होना
33 मेजर हेड ट्रॉमा
34 अन्य गंभीर कोरोनरी धमनी रोग
35 पोलियो
36 प्रोग्रेसिव स्क्लेरोडर्मा
37 ल्यूपस नेफ्रैटिस के साथ सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमैटोसस

(और पढ़ें -हेल्थ इन्शुरन्स में क्या-क्या कवर होता है?)

क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स क्यों जरूरी है?

हालांकि, कुछ गंभीर बीमारियों को myUpchar बीमा प्लस जैसी हेल्थ इन्शुरन्स में कवर किया जाता है। लेकिन गंभीर बीमारियों का बोझ हेल्थ इन्शुरन्स पर ज्यादा न पड़े, इसलिए क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स की सलाह दी जाती है। एक स्वस्थ व खुशहाल जीवन हर कई चाहता है, लेकिन फिर भी कुछ गंभीर बीमारियां अचानक से एक बिन बुलाए मेहमान की तरह आ जाती हैं। इन बीमारियों का इलाज करना इतना आसान नहीं है उसमें बहुत मेहनत, समय और पैसा लगता है। इतना ही नहीं, आपको कई बार अस्पताल जाना पड़ता है और ऐसे में मेडिकल खर्च बढ़ जाते हैं। एक सामान्य हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदना बेशक एक अच्छा विकल्प है, लेकिन क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान लेना आज के समय में महत्वपूर्ण हो गया है, ताकि आप गंभीर बीमारियों से ठीक हो पाएं।

अस्पताल के बड़े-बड़े बिलों और महंगी दवाओं को खरीदने के लिए क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स जरूरी है, जो आपको ऐसे मुश्किल समय में वित्तीय रूप से कमजोर नहीं होने देता है। चलिए कुछ पॉइंट्स के अनुसार समझते हैं कि क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है -

  • एक्सटेंडड कवरेज -
    यदि आप क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान खरीदते हैं, तो आपको सिर्फ इलाज और दवाओं के खर्च पर कवरेज नहीं मिलता है। इसके साथ ही इसमें एम्बुलेंस, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, डायलिसिस, ऑर्गन डोनर और अन्य कई सर्जरी प्रोसीजर के खर्च को कवर किया जाता है।
     
  • अचानक कर्ज होना -
    कई बार आपको अचानक से पता चलता है कि आप किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, ऐसे में जरूरी नहीं कि आप वित्तीय रूप से तैयार हों। उदाहरण के तौर पर अगर आप खुद को स्वस्थ महसूस कर रहे हैं और अचानक से आपको हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसे लक्षण होने लगें, तो जाहिर है आप उसके लिए तैयार नहीं थे। ऐसी स्थिति में जब आपको किसी गंभीर बीमारी के इलाज के रूप में एक बड़ी राशि अस्पताल में देनी पड़ जाए, तो आपकी जेब में ऐसा छेद हो जाता है जो लंबे समय तक नहीं भर पाता।
     
  • जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा -
    क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान को आप जीवनरक्षक बीमा भी कह सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह जानलेवा बीमारियों का इलाज करवाने में आपकी मदद करता है। यदि आपको अचानक के कोई क्रिटिकल इलनेस हो गई है और आपके पास इलाज करवाने के पैसे नहीं है, तो ऐसे में स्थिति जानलेवा बन सकती है। जबकि इसके विपरीत अगर आपके पास क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान है, तो समय पर वित्तीय मदद लेकर आप इस गंभीर बीमारी का इलाज करवा सकते हैं।
     
  • जीवन को चिंतामुक्त बनाने में मदद -
    आजकल लगभग हर व्यक्ति अपने काम और परिवार की जिम्मेदारियों की चिंता में जी रहा है। एक आम आदमी जो अपने परिवार की जरूरतों को ही मुश्किल से पूरा कर पा रहा है, उसे गंभीर बीमारियां होने का खतरा लगातार सताता है। ऐसे में यदि उसे क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान की मदद मिलती है, तो वह चिंतामुक्त जीवन जी सकता है।
     
  • अस्पताल में भर्ती होने के मेडिकल खर्च पर कवरेज -
    यदि आप बीमार होकर 24 घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहते हैं, तो आपका मेडिकल खर्च क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान द्वारा कवर किया जाता है। अस्पताल में भर्ती होने पर आपको बेड, आसीयू, डॉक्टर व सर्जन की फीस और अन्य सभी के लिए कोई पैसा देने की आवश्यकता नहीं होती है।
     
  • डे केयर ट्रीटमेंट -
    यदि आपको अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, तो भी आपका मेडिकल खर्च क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान ही कवर करता है। ऐसी बहुत सी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिनमें आपको अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है और उनका नाम क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान की लिस्ट में भी होता है।
     
  • मेडिकल खर्च की बढ़ती महंगाई -
    इस महामारी के दौर में मेडिकल सुविधाएं व दवाओं में महंगााई काफी बढ़ गई है। साथ ही अस्पतालों में नई-नई मशीनें व तकनीकें आ रही हैं, जिस कारण से भी मेडिकल खर्च में काफी इजाफा हुआ है। ऐसे में किसी गंभीर बीमारी का इलाज करवाना एक आम आदमी के लिए काफी मुश्किल हो गया है। यदि आपके पास क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स हो तो फिर परीस्थिति आपके लिए काफी आसान हो सकती है।
     
  • लंबी अवधि और अधिक बीमा राशि -
    क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान की अवधि आमतौर पर सामान्य हेल्थ इन्शुरन्स प्लान की तुलना में लंबी होती है। यहां तक कि कुछ बीमा कंपनियां तो जीवनभर के लिए प्लान ऑफर करती हैं, जिसमें आपको रीन्यू करवाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है। साथ ही क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान में बीमित राशि सामान्य हेल्थ इन्शुरन्स से अधिक होती है।
     
  • टैक्स से लाभ -
    इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के तहत यदि आपने माता-पिता या बीवी-बच्चों के लिए क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान के प्रीमियम का भुगतान किया है, तो आप टैक्स पर एक विशेष छूट के हकदार हैं। इस प्रकार क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स का प्रीमियम भर कर आप हर साल लगभग 50,000 रुपये बचा सकते हैं। हालांकि, टैक्स पर मिलने वाली छूट आमतौर पर बीमाधारक की उम्र और संख्या पर निर्भर करती है।

ऊपर दिए गए सभी पॉइंट बताते हैं कि क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान खरीदना हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। अपने अनुसार एक अच्छा बीमा प्लान खरीदने के बाद आप चिंता मुक्त रह सकते हैं, क्योंकि यदि दुर्भाग्य से आप किसी बीमारी की चपेट में आ भी जाते हैं, तो बिना पैसे की टैंशन के आप उसका इलाज करवा सकते हैं। यदि आप भी क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो फिर आपको शुभ काम में देर नहीं करनी चाहिए। अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा के लिए जल्द से जल्द क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स प्लान खरीदें।

(और पढ़ें - सबसे अच्छा हेल्थ इन्शुरन्स कौन सा है?

ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ