क्या कहीं बाहर घूमने जाने का प्रोग्राम है? विदेश जा रहे हैं? या देश में कहीं हिल स्टेशन या समुद्री बीच पर? आपका प्रोग्राम जो भी हो उसकी तैयारी तो कई दिन पहले से ही करनी पड़ती है। अगर विदेश जा रहे हैं तो फ्लाइट टिकट बुकिंग से लेकर ट्रेवल एजेंट तक न जाने कितने ही काम महीनों पहले से करने पड़ते हैं। जिस देश में जा रहे हैं, वहां कि करेंसी लेना भी जरूरी होता है। इसके अलावा वीजा और पासपोर्ट की वैलिडिटी भी आपको देखनी होगी। देश में भी अगर अपनी कार से न जा रहे हों तो फ्लाइट या ट्रेन टिकट की बुकिंग और होटल बुकिंग आदि यात्रा से काफी पहले ही करनी होती है। ट्रैवल के दौरान क्या खाएंगे, क्या पहनेंगे और कैसे एंजॉय करेंगे, यह सब आप पहले से ही प्लान कर लेते हैं।

अब एक बार के लिए सोचें कि जैसा आपने सोचा है, प्लान किया है, सब कुछ वैसा ही नहीं हुआ तो? यात्रा के दौरान कोई एक्सीडेंट हो गया या आप बीमार पड़ गए तो? कुछ ऐसी स्थितियां बनीं कि आपको यात्रा अधूरी छोड़कर वापस आना पड़े या फिर आप यात्रा पर जा ही न पाएं तो? क्यों दिमाग घूम गया ना? ऐसे में फ्लाइट टिकट या ट्रेन टिकट, होटल बुकिंग और अन्य प्लानिंग पर जो खर्चा हुआ है वह सब बर्बाद हो जाएगा। यात्रा के दौरान बीमार पड़ने या एक्सीडेंट होने पर जो अतिरिक्त बोझ आपके सिर पर आएगा वह अलग। अब आप सोच रहे होंगे फिर क्या करें? जवाब है ट्रैवल इन्शुरन्स करवा लो।

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  1. ट्रेवल इन्शुरन्स क्या है - What is travel insurance in Hindi?
  2. ट्रेवल इन्शुरन्स में क्या-क्या कवर होता है - What does travel insurance cover in Hindi?
  3. ट्रेवल इन्शुरन्स में क्या कवर नहीं होता - Exclusion in Travel Insurance in Hindi
  4. किस तरह की ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी लें - What Travel Insurance to Buy in Hindi
  5. विदेश यात्रा के दौरान क्लेम कैसे करें - How to claim during foreign travel in Hindi
  6. ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी लेते समय क्या करें, क्या न करें - Dos and Don'ts for Travel Insurance in Hindi
  7. जल्दी लौटने पर क्या मुझे कुछ रिफंड मिलेगा - Should I get Refund if Cut short my Tour in Hindi

सीधे शब्दों में कहें तो ट्रेवल इन्शुरन्स आपको यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान करता है। अलग-अलग कंपनियों के ट्रेवल इन्शुरन्स का नाम भी अलग-अलग हो सकता है। अगर आप ट्रेवल इन्शुरन्स ले रहे हैं तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि उस पॉलिसी में आपको विदेश यात्रा पर कवरेज मिल रही है या डॉमेस्टिक ट्रेवल या फिर दोनों पर कवरेज मिलती है। ट्रेवल इन्शुरन्स यात्रा के दौरान आपको और आपके परिवार को यात्रा से जुड़ी दुर्घटनाओं, यात्रा के दौरान अचानक बीमार पड़ जाने, बैग या पासपोर्ट खो जाने जैसे कई तरह के खर्चों के लिए कवरेज देता है। इसके अलावा किसी पारिवारिक इमरजेंसी के कारण यात्रा रद्द होने, हवाई यात्रा में रुकावट, यात्रा में देरी या समान देरी से पहुंचने के लिए भी कवरेज मिलती है। कुल मिलाकर ट्रेवल इन्शुरन्स लेकर आप चिंतामुक्त होकर अपनी यात्रा का लुत्फ ले सकते हैं।

जब आप ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी लें तो उसके सभी नियम और शर्तों को अच्छे से पढ़ लें, ताकि आपको पता हो कि क्या-क्या कवरेज मिल रही है। पॉलिसी के संबंध में आपको कोई भी संदेह नहीं होना चाहिए, यदि ऐसा है तो अपनी इन्शुरन्स कंपनी या एजेंट से बात करें। इस पॉलिसी के तहत एक खास अवधि के लिए ही कवरेज मिलती है। कुछ इन्शुरन्स कंपनियां इसके साथ ग्राहकों की जरूरतों के अनुसार कुछ एड-ऑन भी दे सकते हैं। याद रहे ऐसे कॉर्पोरेट जो अक्सर ट्रेवल करते हैं, उनके लिए ट्रेवल इन्शुरन्स बिल्कुल अलग तरह का होता है।

(और पढ़ें - सबसे अच्छा हेल्थ इन्शुरन्स कौन सा है?)

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इससे पहले कि आप यह समझने की कोशिश करें कि ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी कैसे काम करती है, आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इसमें क्या-क्या कवर होता है। साधारण तौर पर आपकी ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी आपको निम्न स्थितियों में कवरेज देती है -

मेडिकल इमरजेंसी के समय
क्योंकि आमतौर पर आपकी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी के तहत आपको विदेशों में कवरेज नहीं मिलती है, इसलिए ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी आपके लिए बेहद खास हो जाती है। यदि विदेश यात्रा के दौरान कोई एक्सीडेंट हो जाता है या बीमार पड़ जाते हैं तो आप तुरंत मेडिकल सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप नेटवर्क हॉस्पिटल में जाते हैं तो कैशलेस क्लेम की सुविधा मिल सकती है, जबकि नॉन नेटवर्क अस्पताल में इलाज कराने पर आप जरूरी दस्तावेजों के साथ रिइम्बर्समेंट क्लेम कर सकते हैं। इस तरह आप विदेश में बड़े मेडिकल बिल के बोझ से बच जाते हैं। कई भारतीय इन्शुरन्स कंपनियां विदेश में रहने के दौरान भी आपकी अपनी भाषा में आपको 24x7 मदद देती हैं। यह आपको न सिर्फ अस्पताल ढूंढ़ने में मदद करेंगे, बल्कि आपके लिए परिवहन की व्यवस्था भी कर देंगे।

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यात्रा रद्द होने पर
बुरा समय कभी भी बताकर नहीं आता। आपने यात्रा पर जाने की पूरी तैयारी कर ली है और ऐसे में अचानक परिवार में कुछ ऐसी घटना घट जाए जिसके कारण आपका घर से निकलना मुश्किल हो जाए तो, आप क्या करेंगे? निश्चित तौर पर ऐसी स्थिति में आपको अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ेगी। ऐसे में अगर आपने ट्रेवल इन्शुरन्स लिया है तो इन्शुरन्स कंपनी उन सब खर्चों का भुगतान करेगी, जो आप पहले ही कर चुके हैं। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितना सम-इनश्योर्ड लिया है और आपके खर्चे कितने हो चुके हैं। जाहिर है यह भुगतान यात्रा रद्द करने के आपके दावे की प्रमाणिकता की जांच के बाद ही होगा। अगर आप कनेक्टिंग वाहन को पकड़ने से चूक जाते हैं तो उस स्थिति में भी आप यात्रा को रद्द कर सकते हैं। उदाहरण के लिए ऐसे समझें - आपका क्रूज मिस हो गया क्योंकि, कनेक्टिंग फ्लाइट देर से पहुंची। ऐसी स्थिति में आपको अपनी इन्शुरन्स कंपनी से बात करनी होगी, जो इसके लिए आपकी लागत की भरपाई करेगी।

अन्य नुकसान होने पर
ट्रेवल इन्शुरन्स में ज्यादातर इन्शुरन्स कंपनियां कई अन्य चीजों को भी कवर करती हैं, जिनमें से एक नुकसान की भरपायी भी है। उदाहरण के लिए आपकी यात्रा के दौरान यदि एयरलाइन आपका सामान खो देती है तो इन्शुरन्स कंपनी आपको हुए नुकसान की भरपाई करेगी। यदि आपका पासपोर्ट खो जाता है तो इन्शुरन्स कंपनी नया पासपोर्ट बनने में आने वाले खर्च को वहन करेगी। नए पासपोर्ट के लिए आप अपनी इन्शुरन्स कंपनी से भी सीधे संपर्क कर सकते हैं।

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पर्सनल लायब्लिटी कवर
मान लीजिए कि यात्रा के दौरान आप किसी ऐसी घटना में शामिल होते हैं, जिससे किसी तीसरे पक्ष को नुकसान पहुंचा हो या उनके वाहन या संपत्ति को नुकसान हुआ हो। ऐसी स्थिति में नुकसान की भरपाई करना आपके लिए काफी महंगा साबित हो सकता है, विशेषकर अगर उस देश की करंसी का मूल्य भारतीय रुपये से ज्यादा हो तो आपको भरपाई भी ज्यादा करनी पड़ेगी। ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी में पर्सनल लायब्लिटी कवर भी मिलता है। इसके तहत किसी भी तीसरे पक्ष को आपकी वजह से हुए नुकसान की भरपाई आपकी इन्शुरन्स कंपनी करेगी। 

इतनी तैयारी के साथ आप यात्रा पर जा रहे हैं और ट्रेवल इन्शुरन्स भी ले रहे हैं तो थोड़ा और स्मार्ट बनें। अपनी पॉलिसी के एक्सक्लूजन के बारे में भी पता कर लें। एक्सक्लूजन का मतलब उन स्थितियों से है, जिनके लिए आपको ट्रेवल इन्शुरन्स के तहत कवर नहीं मिलता। अपनी पॉलिसी को ध्यानपूर्वक पढ़ें, समझ न आए तो इन्शुरन्स कंपनी या एजेंट से भी स्पष्टीकरण ले सकते हैं, लेकिन कोई भी संदेह शेष नहीं बचना चाहिए। आमतौर पर निम्न स्थितियों के लिए आपको कवरेज नहीं मिलेगी।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में क्या क्या कवर होता है)

विभिन्न इन्शुरन्स कंपनियों की ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी में कवरेज और लाभ अलग-अलग हो सकते हैं। यह आपकी ही जिम्मेदारी है कि आप अपने लिए सर्वोत्तम यात्रा बीमा पॉलिसी चुनें। निम्न कुछ कवर हैं, जिन्हें आमतौर पर सभी इन्शुरन्स पॉलिसी में शामिल किया जाता है। हालांकि, कॉम्बीनेशन अलग-अलग हो सकता है। नीचे बताए गए कवर के अलावा भी कुछ कंपनियां कई अन्य लाभ दे सकती हैं।

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  • कैशलेश सुविधा के साथ मेडिकल खर्चों के लिए कवर (ज्यादातर पॉलिसियों में कैशलेस कवर मिलता है)
  • पर्सनल एक्सीडेंट कवर
  • बैग खोने के लिए कवर
  • बैग आने में देरी के लिए कवरेज
  • पासपोर्ट खोने का कवर
  • यात्रा में देरी के लिए कवरेज
  • शव आदि के परिवहन के लिए कवर

विभिन्न ट्रेवल पॉलिसियों में सम-इनश्योर्ड अलग-अलग हो सकता है और प्रीमियम भी उसी के अनुरूप अलग होगा। आप जिस देश में जा रहे हैं प्रीमियम का निर्धारण उसके आधार पर भी हो सकता है। इसके अलावा बीमाधारकों की उम्र और यात्रा की कुल अवधि भी प्रीमियम पर असर डालती है।

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आपकी तैयारी पुख्ता है और ट्रेवल इन्शुरन्स भी ले चुके हैं। अब प्रश्न है कि यदि विदेश में क्लेम लेने की जरूरत पड़ी तो क्या और कैसे करें? आमतौर पर इन्शुरन्स कंपनियां ट्रेवल इंशुरन्स के लिए हॉटलाइन नंबर उपलब्ध कराती हैं, जहां पर क्लेम के संबंध में सूचना दी जानी चाहिए। इसके साथ ही आपको संबंधित अधिकारियों और विभागों (जिनसे भी संबंधित मामला हो) को भी सूचित करना चाहिए, जैसे - पुलिस, भारतीय दूतावास, परिवहन कंपनी आदि। आमतौर पर प्रत्येक ट्रेवल हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी डॉक्यूमेंट के साथ एक क्लेम फॉर्म भी दिया जाता है। यह इसलिए, क्योंकि आप दूर स्थान पर होते हैं और इमरजेंसी में क्लेम फॉर्म हासिल नहीं कर सकते।

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जब आप ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी लें तो उसके संबंध में कुछ सामान्य डूज और डॉन्ट्स यानी क्या करें - क्या न करें को भी जरूर समझें -

क्या करें -

  • जिस तरह से आप वीजा और एयर टिकट की बहुत पहले से ही प्लानिंग करते हैं, उसी तरह से ट्रेवल इन्शुरन्स के लिए भी करें।
  • जरूरी मेडिकल टेस्ट करवाने के बाद उसकी रिपोर्ट हासिल करें और ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी के प्रपोजल फॉर्म को पूरी तरह से और पूरी सच्चाई के साथ भरें।
  • अपनी यात्रा की पूरी अवधि का आंकलन पहले ही कर लें और उसी के अनुरूप पूरी यात्रा अवधि के लिए ट्रेवल इन्शुरन्स प्लान लें।
  • यदि आपको बीच में ही अपनी यात्रा अवधि बढ़ानी पड़ रही है तो ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी के समाप्त होने से पहले ही अपनी इन्शुरन्स कंपनी से संपर्क करें और जरूरी दस्तावेज जमा करके इन्शुरन्स अवधि को भी बढ़ा लें।
  • अपनी इन्शुरन्स पॉलिसी को अच्छी तरह से पढ़ लें और क्लेम मदद करने वाली एजेंसी के कॉन्टेक्ट डिटेल अपने पास रख लें, ताकि इमरजेंसी से समय आप जल्दी से उनसे संपर्क कर सकें।

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क्या न करें -

  • ट्रेवल इन्शुरन्स बहुत जरूरी है, इसलिए इसे अंतिम क्षणों तक न टालें।
  • अपनी जरूरत को समझें, सिर्फ ट्रेवल एजेंट के कहने पर कोई भी ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी न खरीदें। जानकारी जुटाएं और अपनी पसंद के अनुसार अच्छी तरह से कंपेयर करके पॉलिसी लें।
  • सस्ते के चक्कर में न पड़ें। हो सकता है सस्ती ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी आपकी जरूरतों को पूरा न करे।
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अगर आप अपनी यात्रा अवधि को कम करके जल्दी लौट रहे हैं तो एक बार सुनिश्चित कर लें कि क्या आप इन्शुरन्स कंपनी से कुछ रिफंड ले सकते हैं। यदि ऐसा है तो रिफंड के लिए जल्द से जल्द दावा करें। हो सकता है इन्शुरन्स कंपनी आपको कुछ प्रीमियम रिफंड कर दे और नहीं भी कर सकती। इसके अलावा यदि आप किसी कारण से आप यात्रा पर नहीं जा पाए तो, ऐसी स्थिति में भी आप जरूरी दस्तावेज दिखाकर रिफंड के लिए दावा कर सकते हैं। कंपनी अपने नियमों के तहत एडमिनिस्ट्रेटिव खर्चों को काटकर आपके प्रीमियम को लौटा सकती है।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी कैंसल कैसे करें)

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