आपके लिए बीमा राशि कितनी होनी चाहिए, यह निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है :
आयु : बीमा राशि तय करने में आयु महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आप जितनी कम उम्र में हेल्थ इन्शुरन्स लेते हैं, उतना कम प्रीमियम देना होगा। ज्यादा उम्र में हेल्थ इन्शुरन्स लेने पर प्रीमियम में भी बढ़ोतरी होगी, क्योंकि आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ-साथ बीमारी का जोखिम भी बढ़ता जाता है। यही कारण है कि आपको अधिकतम बीमा राशि लेने का सुझाव दिया जाता है और 18 वर्ष के बाद आप अपने लिए इंडिविजुअल हेल्थ इन्शुरन्स खरीद सकते हैं।
वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति : एक उचित बीमा राशि का चुनाव करते समय आपको अपनी व परिवार के सदस्यों की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए। इसके लिए आपको मेडिकल हिस्ट्री का भी आकलन करने की जरूरत है, क्योंकि पहले से मौजूद बीमारियां कई बार अस्पताल में भर्ती होने के जोखिमों को बढ़ा देती हैं।
जीवनशैली : अक्सर नौकरी या बिजनेस शुरू करने के बाद जीवन व्यस्त हो जाता है और ऐसे में तनाव होना सामान्य बात है। कई नौकरियों में टारगेट होते हैं, जिन्हें कर्मचारियों को पूरा करना होता है, ऐसे में तनाव बहुत अधिक बढ़ जाता है और धीरे-धीरे यह कई बीमारियों का कारण बन सकता है। इसकी वजह से सिरदर्द, पेट खराब होना, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दर्द, यौन स्वास्थ्य पर असर और नींद में गड़बड़ी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा तनाव से भावनात्मक समस्याएं जैसे अवसाद, पैनिक अटैक और एंजायटी भी हो सकती है। ऐसे में अपनी जीवनशैली पर गौर करें, यह उचित बीमा राशि चुनने में आपकी मदद करेगा।
आय : आय पर ध्यान देने के लिए आपको छोटी सी कैलकुलेशन करने की जरूरत है। मान लीजिए आपको इन्शुरन्स लेना है और आपकी उम्र है 30 साल, जबकि आप 58 साल तक ही काम कर सकते हैं, इसके बाद रिटायर हो जाएंगे। तो इस हिसाब से आप महज अगले 28 साल तक ही कमाई कर सकते हैं, जो कि आपकी बीमा राशि पर प्रभाव डाल सकता है।
वार्षिक खर्चों का तैयार करें चार्ट : वार्षिक खर्चों पर ध्यान देने का मतलब उस फ्रीक्वेंस की पहचान करना है, जिसके तहत आप प्रीमियम जमा कर सकते हैं :
चल रहे खर्चों जैसे कि मकान या कमरे का किराया, स्कूल की फीस, ईंधन का खर्च, स्वास्थ्य देखभाल खर्च, किराना और शौक व मनोरंजन से जुड़े खर्च आदि पर ध्यान दें। इसके अलावा छुट्टियों में बाहर जाना, उपहार देना जैसे बार-बार होने वाले खर्चों पर भी विचार करें। यदि आप एक बजट बना लेंगे तो आपके लिए सम इन्श्योर्ड का चुनाव करना मुश्किल काम नहीं रहेगा।
लक्ष्य का रखें ध्यान : जीवन में एक नहीं कई बार ऐसा समय आ सकता है, जब आपके परिवार को बड़ी एकमुश्त राशि की आवश्यकता हो सकती है। इनमें शादी, उच्च शिक्षा, विदेश यात्रा, सेवानिवृत्ति आदि शामिल हैं।
यदि आप पहले से ही इन स्थितियों के लिए बचत कर रहे हैं, तो यह आपको अंदाजा लगाने में मदद करेगा कि सम-इन्श्योर्ड के लिए कितना प्रीमियम आप मैनेज कर सकते हैं।
सुनिश्चित करें कि आप अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बचत करें और यदि आप वर्तमान में बचत कर रहे हैं तो मानकर चलें कि आगे इससे भी ज्यादा करनी पड़ सकती है। उदाहरण के लिए, यदि आप अब से 3 साल बाद अपने पहले बच्चे की प्लानिंग करना चाहते हैं, तो आपके बच्चे के जन्म के बाद उसकी देखभाल की लागत के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत होगी।
देनदारियां जोड़ें, बचत और निवेश घटाएं : अपनी सभी देनदारियों जैसे कार लोन, पर्सनल लोन, हाउस लोन या अन्य किसी प्रकार के लोन का ध्यान रखें। जो खर्चे अनावश्यक हैं उनसे बचें। इसके अलावा इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइट मौजूद हैं, जिन पर जाकर आप यह कैलकुलेट कर सकेंगे कि कितनी बीमा राशि के लिए कितना प्रीमियम बनेगा। इसके अलावा आप यह भी जान सकेंगे कि वह प्रीमियम आपको कितने समय तक देना है और मासिक, त्रैमासिक, छह महीने या सालभर पर प्रीमियम भरने पर कितना अंतर आएगा।
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