इलाज के बाद जब आपको अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाता है, तो ऐसे में आपको लंबा चौड़ा बिल थमा दिया जाता है। अस्पताल के इस बिल में वे सेवाएं शामिल हैं, जो इलाज के दौरान मरीज को दी जाती हैं। इसमें कमरे का किराया भी शामिल है, जो अच्छा खासा जेब को प्रभावित करता है। मान लीजिए किसी व्यक्ति ने हेल्थ इन्शुरन्स लिया है, तो बीमाकर्ता द्वारा अस्पताल के बिल का निपटान किया जाएगा। ऐसे में क्लेम में कमरे के किराए को कैसे कैल्कुलेट किया जाएगा, यह समझना थोड़ा मुश्किलभरा हो सकता है। इसलिए नीचे लेख में इस बात पर जोर दिया गया है रूम रेंट कैपिंग और नो रूम रेंट कैपिंग क्या है।