महिलाओं और बच्चों की हालत किसी भी समाज का आईना होता है। जितना स्वस्थ मां और उसका बच्चा होंगे, उतना ही स्वस्थ समाज भी होगा। हमारे देश के ग्रामीण अंचलों, छोटे नगरों और कस्बों में अधिकांश महिलाएं कुपोषित हैं। ग्रामीण अंचल की महिलाओं का एक बड़ा वर्ग कुपोषण और एनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित है। कुपोषण बच्चे के जन्म पर बहुत बुरा असर डालता है। एक कुपोषित मां अक्सर आदर्श वजन से कम वजन वाले बच्चे को ही जन्म देगी। इसकी वजह से मां और बच्चे दोनों की सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना भी कहा जाता है और पूर्व में इसका नाम इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना यानी आईजीएमएसवाय था।
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