अन्य कई देशों की तरह भारत में भी हेल्थ इन्शुरन्स की मांग काफी बढ़ गई है, जिसके चलते कई हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां मार्केट में आ गई हैं। ऐसे में हर कंपनी सस्ते दाम पर आपको हेल्थ इन्शुरन्स प्लान ऑफर करने की कोशिश करती है। जिसके कारण कई बार वे अपनी सेवाओं से ग्राहक को संतुष्ट नहीं कर पाती हैं। यदि आप अपने हेल्थ इन्शुरन्स प्लान से खुश नहीं हैं या फिर किसी अन्य कंपनी से प्लान खरीदना चाहते हैं, तो ऐसे में हेल्थ इन्शुरन्स पोर्टेबिलिटी से आपको मदद मिल सकती है। इन्शुरन्स रेगूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने हेल्थ इन्शुरन्स पोर्टेबिलिटी नाम का एक विशेष फीचर जारी किया, जिसमें स्वास्थ्य बीमा को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्थानांतरित किया जा सकता है।
हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने से पहले सोच-विचार करना और अलग-अलग कंपनियों से मिलने वाले लाभ व फीचर से उनकी तुलना करना बहुत जरूरी है। लेकिन फिर भी कई ऐसी स्थितियां हैं, जो पॉलिसीधारक को एक कंपनी से दूसरी में जाने पर मजबूर कर सकती हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपकी बीमाकर्ता कंपनी अचानक से प्रीमियम बढ़ा देती है या आप उसकी किसी अन्य सर्विस से खुश नहीं है तो आप अपने स्वास्थ्य बीमा को किसी अन्य कंपनी में ट्रांस्फर करने पर निर्णय ले सकते हैं।
शुरुआत में जब किसी कारण बीमा कंपनी को बदलने की आवश्यकता पड़ती थी, तब आपको एक नई पॉलिसी ही खरीदनी पड़ती थी। जिसके कारण आपको एक बार फिर क्रिटिकल इलनेस और प्री-एग्जिस्टिंग डिजीज सहित कई स्थितियों के लिए वेटिंग पीरियड से गुजरना पड़ता था। लेकिन जब से आईआरडीएआई ने हेल्थ इन्शुरन्स पोर्टेबिलिटी फीचर शुरू किया है, उसके बाद बीमाधारक बिना किसी लाभ को खोए बीमाकर्ता कंपनी को बदल सकता है। यदि आप भी अपनी हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी को बदलने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको हेल्थ इन्शुरन्स पोर्टेबिलिटी के बारे में भी अच्छे से जान लेना चाहिए।
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