नई-नई बीमारियों के दौर में बढ़ती महंगाई के बीच इलाज भी महंगा होता जा रहा है। ऐसे में स्वस्थ रहना और बीमार होने के बाद फिर से स्वस्थ होने दोनों ही स्थितियों के लिए हमें तैयार रहने की जरूरत होती है। इस तैयारी का एक अहम हिस्सा है हेल्थ इन्शुरन्स लेना। हेल्थ इन्शुरन्स लेकर आप बीमारियों के कारण आने वाले खर्च को मैनेज कर सकते हैं और इससे आपकी सेविंग्स पर भी असर नहीं पड़ेगा। हेल्थ इन्शुरन्स लेने से पहले आपको कंपनी और प्लान के बारे में अच्छे से जानकारी जुटा लेनी चाहिए। हेल्थ इन्शुरन्स लेने के बाद भी कई ऐसी बातें हैं, जिनके लिए आपको डूज और डॉन्ट को अच्छे से समझ लेना चाहिए। इसलिए हमने क्या करें, क्या न करें (डूज एंड डॉन्ट्स) की लिस्ट बनाई है जिसे आपको हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।

(और पढ़ें - myUpchar बीमा प्लस के बारे में जानने के लिए)

  1. क्या करें - Dos for Health Insurance in Hindi
  2. क्या न करें - Don’ts for Health Insurance in Hindi
जब आप हेल्थ इन्शुरन्स लेते हैं तो सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि प्लान को जारी रखने और उसका अधिकतम लाभ उठाने के लिए क्या करें  -
  • सबसे पहले अपनी जरूरत को समझें। कहीं ऐसा न हो कि आप किसी के कहने पर कोई ऐसा प्लान खरीद लें, जो आपके किसी काम न आए।
  • आपको यह समझने की जरूरत है कि इसमें कवरेज की एक सीमा है (और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में क्या कवर होता है)
  • पॉलिसी के नियम और शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझें, विशेषकर -
    • प्री-एग्जिस्टिंग डिजीज जिनका इलाज कवर नहीं होगा
    • किसी बीमारी के लिए कवरेज मिलने से पहले वेटिंग पीरियड
    • हॉस्पिटलाइजेशन से संबंधित विभिन्न खर्चों की सीमा
    • रूम रेंट कैपिंग, आईसीयू और एम्बुलेंस शुल्क को लेकर कैपिंग के बारे में अच्छे से समझ लें
    • कोपेमेंट के बारे में भी अच्छे से समझ लें। क्योंकि कोपेमेंट का सीधा मतलब यह है कि इलाज के कुल खर्च में से कुछ हिस्सा आपको चुकाना होगा
  • पॉलिसी रिन्युवल के लिए पूर्व शर्तें
    • नई पॉलिसी खरीदने और रिन्युवल की अधिकतम आयु क्या है
    • यदि आपको पहले से कोई भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या (प्री-एग्जिस्टिंग कंडीशन) है तो पॉलिसी लेते समय फॉर्म में इसका जिक्र जरूर करें
    • प्रमुख रोग जैसे ब्लड प्रेशर या डायबिटीज है तो इस बारे में इन्शुरन्स कंपनी को पहले ही बता दें
  • मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट
    • आपकी उम्र के आधार पर इन्शुरन्स पॉलिसी इश्यू करने से पहले कंपनी आपकी मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट देखना चाहे, तो आपको इसके लिए सभी जरूरी प्रक्रियाओं दस्तावेजों की मांग को पूरा करना चाहिए। (और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स प्लान से जुड़ी महत्वपूर्ण तारीखें)
    • आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कब और कहां यह मेडिकल टेस्ट किया जाएगा
    • आपको इस बात की भी तस्दीक कर लेनी चाहिए कि मेडिकल टेस्ट का बिल आप चुकाएंगे या इन्शुरन्स कंपनी यह खर्च वहन करेगी
  • यदि इन्शुरन्स कंपनी आपके पूरे दस्तावेजों को देखने के बाद इन्शुरन्स पॉलिसी जारी करने को तैयार हो, तभी प्रीमियम का भुगतान करें
  • आने वाले वर्षों में समय रहते अपनी इन्शुरन्स को रिन्यु करते रहें यानी नियत समय पर प्रीमियम चुकाते रहें।

(और पढ़ें - हॉस्पिटल कैश पॉलिसी क्या होती है)

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हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी लेने का मन बना ही लिया है तो कुछ ऐसी बातों के बारे में भी जान लीजिए, जो आपको कतई नहीं करनी चाहिए -

  • पॉलिसी लेते समय किसी भी हेल्थ कंडीशन को न छिपाएं। ऐसे में जरूरत के समय आपके क्लेम को रिजेक्ट किया जा सकता है।
  • पॉलिसी रिन्यु करने में एक दिन की भी देरी न करें, अन्यथा आपका हेल्थ कवर पूरी तरह से खत्म हो सकता है।
  • किसी के कहने पर कोई भी हेल्थ इन्शुरन्स प्लान न लें। जब तक आप इस पॉलिसी को अच्छे से स्वंय नहीं समझ लेते तब तक ऐसी पॉलिसी न खरीदें।

(और पढ़ें - डे केयर ट्रीटमेंट में कौन-कौन सी बीमारिया कवर होती हैं?)

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