नई-नई बीमारियों के इस दौर में जहां महंगाई भी लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में व्यक्ति अपने आप के स्वास्थ्य का खर्च नहीं उठा पाता, तो परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल करना उसके लिए थोड़ा मुश्किल काम हो सकता है। इस स्थिति को देखते हुए हेल्थ इन्शुरन्स लेना उसके पास एक अच्छा विकल्प है। यदि आप स्वास्थ्य बीमाधारक हैं और आपको कोई मेडिकल इमर्जेंसी हो जाती है, तो आपका मेडिकल खर्च आपकी बीमाकर्ता कंपनी द्वारा उठाया जाता है। यदि आपने अभी तक हेल्थ इन्शुरन्स नहीं खरीदा है, तो आप अधिक देर न करके अपने लिए कोई अच्छा सा हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीद सकते हैं।

जब आप अपने लिए कोई हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदते हैं, तो उससे मिलने वाली कवरेज आपके परिवार के उन लोगों को भी मिल सकती है जो आप पर निर्भर हैं। आप पर निर्भर लोगों को डिपेंडेंट (आश्रित) कहा जाता है। इसी तरह यदि आप किसी कंपनी में काम करते हैं, जहां से आपको हेल्थ इन्शुरन्स की सुविधा मिल रही है। ऐसे में आपकी कंपनी द्वारा ऑफर किए जाने वाले बीमा की कवरेज में आप पर आश्रित लोगों को भी शामिल किया जा सकता है।

यदि आप अपने आश्रितों के मेडिकल खर्च को कवर करने के लिए फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह सुनिश्चित कर लें कि आपके डिपेंडेंट्स इस स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल होने के योग्य पात्र हैं या नहीं। अंतिम निर्णय लेने से पहले ऐसा सुनिश्चित करना जरूरी होता है, ताकि प्लान खरीदने के बाद आपको किसी नुकसान का सामना न करना पड़े।

  1. हेल्थ इन्शुरन्स में डिपेंडेंट का क्या मतलब है? - What is Dependent in health insurance in Hindi
  2. अपने हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में डिपेंडेंट को कैसे शामिल करें? - How to include Dependent in health insurance in Hindi
  3. हेल्थ इन्शुरन्स में बच्चों को डिपेंडेंट के रूप में कैसे शामिल करें - How to include children as Dependents in Health insurance in Hindi
  4. क्या अपने माता-पिता को डिपेंडेंट में शामिल किया जा सकता है? - How can you add your parents to your health insurance in Hindi
  5. हेल्थ इन्शुरन्स में अतिरिक्त डिपेंडेंट कैसे शामिल करें? - How to add additional dependents in health insurance in Hindi

डिपेंडेंट वह व्यक्ति होता है, जो आपके हेल्थ इन्शुरन्स प्लान के द्वारा कवर किए जाने वाले लोगों में आता है। परिवार का कोई व्यक्ति जिसे आप अपने हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में शामिल करके उसे इन्शुरन्स कवरेज देना चाहते हैं, उसे डिपेंडेंट के रूप में शामिल किया जाता है।

सरल भाषा में कहा जाए तो डिपेंडेंट या आश्रित वह व्यक्ति है, जो किसी बीमित व्यक्ति के परिवार का सदस्य या रिश्तेदार है। बीमाधारक की पत्नी/पति, बच्चे, कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चे और माता-पिता को आमतौर पर डिपेंडेंट लिस्ट में रखा जा सकता है। इसके अलावा यदि अनुबंध “ए” में किसी व्यक्ति का नाम बीमित व्यक्ति के सदस्य के रूप में लिखा गया है, तो उसे भी डिपेंडेंट लिस्ट में रखा जाता है। निश्चित शर्तों के तहत बीमाकर्ता कंपनियां आपके सास-ससुर को भी डिपेंडेंट लिस्ट में शामिल करने की स्वीकृति दे सकती हैं।

(और पढ़ें - कैशलेस हेल्थ इन्शुरन्स क्या है)

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यदि कोई हेल्थ इन्शुरन्स प्लान विशेष रूप से किसी एक ही व्यक्ति के लिए तैयार नहीं किया गया है, तो डिपेंडेंट को प्लान में आसानी से शामिल किया जा सकता है। यदि आपके परिवार के कुछ लोग आप पर ही निर्भर करते हैं, तो स्वाथ्य बीमा योजना खरीदने से पहले इसकी पुष्टि कर लेनी चाहिए कि बीमाकर्ता कंपनी डिपेंडेंट को शामिल कर रही है या नहीं। हालांकि, यदि आप पहले से ही स्वास्थ्य बीमाधारक हैं और पॉलिसी में डिपेंडेंट को शामिल करना चाहते हैं, तो आप इस बारे में अपनी बीमाधारक कंपनी से संपर्क कर सकते हैं। कंपनी आपसे कुछ दस्तावेजीकरण करवाकर डिपेंडेंट को प्लान में एड करने की प्रक्रिया शुरू कर देती है। हालांकि, यह कंपनी के मानदंडों पर निर्भर करता है, क्योंकि कुछ कंपनियां डिपेंडेंट की एप्लीकेशन को अस्वीकार भी कर सकती हैं।

अविवाहित व्यक्ति यदि फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदते हैं, तो डिपेंडेंट के रूप में उसके माता-पिता को शामिल किया जा सकता है। यदि आपकी शादी हो चुकी है, तो फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में बच्चों के साथ-साथ आपके जीवनसाथी को भी शामिल किया जाता है। हालांकि, यदि आपके बच्चों का अपना अलग घर है, तो उन्हें हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में शामिल नहीं किया जा सकता है।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स और लाइफ इन्शुरन्स में अंतर)

बच्चे आमतौर पर डिपेंडेंट बनने के सबसे अधिक हकदार माने जाते हैं, क्योंकि वे पूरी तरह से अपने माता-पिता पर ही निर्भर होते हैं। यदि आप हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने के बारे में सोच रहे हैं या फिर पहले से ही पॉलिसीधारक हैं और अपने बच्चों को डिपेंडेंट के रूप में शामिल करना चाहते हैं, तो ऐसा करने के लिए निम्न मानदंडों को पूरा करने की आवश्यकता पड़ती है -

  • उम्र -
    बच्चे की उम्र उसके डिपेंडेंट लिस्ट में शामिल होने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक है। बीमित व्यक्ति का डिपेंडेंट बनने के लिए बच्चे की उम्र 26 साल से कम होनी चाहिए। यदि उसकी उम्र 26 साल से अधिक है, तो उसे डिपेंडेंट लिस्ट में नहीं रखा जाता है।
     
  • बीमित व्यक्ति के रिश्ता -
    एक बच्चे को आश्रित सूची में शामिल करने के लिए उससे आपका एक विशेष रिश्ता भी होना जरूरी है। जिस बच्चे का नाम आप अपने हेल्थ इन्शुरन्स में एक डिपेंडेंट के रूप में दर्ज कराना चाहते हैं, वह आपकी खुद की संतान होनी चाहिए। इसके अलावा यदि वह आपका सौतेला बच्चा या फिर आपने कानूनी प्रक्रिया से गोद लिया हुआ है, तो भी उसे डिपेंडेंट लिस्ट में शामिल कर लिया जाता है। यदि उस बच्चे के सगे या सौतेले भाई-बहन भी हैं, तो उन्हें भी आपके डिपेंडेंट के रूप में हेल्थ इन्शुरन्स प्लान की कवरेज में शामिल किया जा सकता है।
     
  • साथ रहने की अवधि -
    यदि आपका सौतेला या गोद लिया हुआ बच्चा आपके साथ 6 महीने से भी कम समय से रह रहा है, तो उसे डिपेंडेंट के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता। यदि बच्चे को आपके पास रहते हुए 6 महीने से अधिक समय हो गया है, तो वह डिपेंडेंट लिस्ट में शामिल होने का हकदार है।
     
  • आय में योगदान -
    यदि आपकी बेटा/बेटी कमाते हैं और उनकी आय उनके खर्च (शिक्षा समेत) से आधी है, तो उन्हें डिपेंडेंट लिस्ट में शामिल किया जा सकता है।
     
  • टैक्स फाइलिंग -
    यदि आपका बेटा/बेटी उस साल जॉइंट टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं, जिस साल आप उन्हें डिपेंटेंड के रूप में जोड़ना चाहते हैं। तो उन्हें आपकी आश्रित सूची में शामिल नहीं किया जा सकता है।
     
  • अन्य क्लेम -
    एक बच्चा सिर्फ एक ही घर में डिपेंडेंट होने का क्लेम कर सकता है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी ने पहले से ही बच्चे को अपनी डिपेंडेंट लिस्ट में शामिल किया हुआ है, तो आप नहीं कर सकते हैं फिर चाहे आपका बच्चे से कोई भी रिश्ता हो।

(और पढ़ें - सबसे अच्छा हेल्थ इन्शुरन्स कौन सा है)

हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां आमतौर पर आपके जीवनसाथी और बच्चों को डिपेंडेंट लिस्ट में शामिल करते हैं। आपके माता-पिता को अक्सर डिपेंडेंट लिस्ट में शामिल नहीं किया जाता है। हालांकि, हर बीमाकर्ता कंपनी और उसके बीमा प्लान के अनुसार नियम अलग-अलग भी हो सकते हैं, इसलिए स्वास्थ्य बीमा खरीदने से पहले आपको एक बार इस बारे में पूछ लेना चाहिए।

यदि आप अपने स्वास्थ्य बीमा प्लान में अपने माता-पिता को डिपेंडेंट के रूप में जोड़ना चाहते हैं, तो आप इस बारे में अपनी बीमाकर्ता कंपनी से संपर्क कर सकते हैं। आपके हेल्थ इन्शुरन्स में डिपेंडेंट होने के लिए आपके माता-पिता को टैक्स डिपेंडेंट होने का क्लेम भी करना पड़ता है।

यदि आपकी स्वास्थ्य प्रदाता कंपनी आपको अपने माता-पिता को डिपेंडेंट के रूप में शामिल करने से मना करती है और उनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक है, तो आप उनके लिए सीनियर सीटीजन हेल्थ इन्शुरन्स प्लान ले सकते हैं। यदि आपको स्वास्थ्य बीमा से संबंधित कोई भी सवाल या अन्य कोई मदद चाहिए, तो आप myUpchar बीमा प्लस से संपर्क कर सकते हैं। हम आपकी वित्तीय स्थिति और आपके माता-पिता के स्वास्थ्य को देखते हुए सबसे उचित हेल्थ इन्शुरन्स प्लान का चयन करने में आपकी मदद करेंगे।

(और पढ़ें  - myUpchar बीमा प्लस में आपको क्या-क्या कवर मिलता है)

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अपने जीवनसाथी, बच्चे और माता-पिता के अलावा एक बीमित व्यक्ति अन्य किसी रिश्तेदार को भी डिपेंडेंट लिस्ट में शामिल कर सकता है। कुछ शर्तों के तहत आप किसी अन्य रिश्तेदार को अतिरिक्त आश्रित व्यक्ति के रूप में शामिल कर सकते हैं -

  • आपका कोई रिश्तेदार जिसको अभी तक किसी ने डिपेंडेंट लिस्ट में शामिल नहीं किया है
  • यदि किसी व्यक्ति की वार्षिक आय उसके खर्च से आधी है या फिर कंपनी द्वारा निर्धारित किसी विशेष राशि से कम है।
  • आपके रिश्तेदार के अलावा यदि कोई भी व्यक्ति आपके साथ एक साल से अधिक समय से रह रहा है, तो उसे भी डिपेंडेंट लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। हालांकि, उन्हें कंपनी के सभी मानदंडों को पूरा करना पड़ता है।

(और पढ़ें - फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स क्या है)

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