“स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूंजी है” सिर्फ एक कहावत ही नहीं, यह जीवन की सच्चाई भी है। जीवन में स्वस्थ रहना सबसे बड़ी संपत्ति है, क्योंकि यदि आप बीमार हैं तो आपके पास मौजूद सारा धन व्यर्थ है। लेकिन शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए मुंह को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। यदि आपके मुंह में किसी प्रकार का संक्रमण, चोट या बदबू जैसी कोई समस्या नहीं है तो इसका मतलब आपका मुंह पूरी तरह से स्वस्थ है।
दांत आपके मुंह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें विभिन्न प्रकार की बीमारियां लगने का खतरा रहता है और इसीलिए डॉक्टर आपको नियमित रूप से अपने दांतों की जांच करवाते रहने की सलाह देते हैं। यदि समय-समय पर चेकअप न कराया जाए, तो दांतों को कई बीमारियां लग सकती हैं और इससे आपका संपूर्ण स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
लेकिन बढ़ती महंगाई के बीच नियमित रूप से जांच करवाना कोई आसान काम नहीं है और ऐसे में यदि दांतों संबंधी कोई समस्या हो जाती है, तो आपकी वित्तीय स्थिति बदतर हो सकती है। इतना ही नहीं एक आम आदमी के सामने समस्या तब खड़ी होती है, जब उसकी हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी दांत संबंधी समस्याओं के मेडिकल खर्च पर कवरेज नहीं देती है। जी हां! यह बात सच है, सामान्य स्वास्थ्य बीमा योजनाएं दांत संबंधी बीमारियों व रेगुलर चेकअप्स के मेडिकल खर्च पर कवरेज नहीं देती हैं। नीचे इस लेख में हम इसी बारे में बात करने वाले हैं कि हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां डेंटल ट्रीटमेंट पर किन स्थितियों में कवरेज नहीं देती हैं और किन स्थितियों में इस खर्च को शामिल किया जा सकता है।
(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में ग्रेस पीरियड क्या होता है)