भारत में अधिकतर बीमा कंपनियां हेल्थ इन्शुरन्स में डेंटल केयर को शामिल नहीं करती हैं और जो कंपनियां डेंटल केयर को शामिल करती हैं वे आमतौर पर प्रीमियम बढ़ा देती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि दांतों की चिकित्सा अपेक्षाकृत थोड़ी महंगी होती है, क्योंकि इसका फील्ड अन्य शारीरिक चिकित्सा से अलग होता है। सरल भाषा में कहें तो डेंटल केयर के लिए हॉस्पिटल व लैब सेट-अप पूरी तरह से अलग होता है, इसलिए उसका खर्च बढ़ जाता है। इसी कारण से डेंटल केयर के लिए अलग से इन्शुरन्स प्लान तैयार किया गया। डेंटल इन्शुरन्स में दांतों संबंधी सभी समस्याओं पर कवरेज दी जाती है, जैसे दांतों में चोट या कोई भी बीमारी होना।
हालांकि, आजकल मार्केट में काफी सारी नई बीमा कंपनियां आ गई हैं, जिससे इन्शुरन्स मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। इसके चलते कंपनियां ग्राहक को आकर्षित करने के लिए नए-नए ऑफर प्रदान करने की कोशिश करती हैं और इसी कारण कुछ कंपनियां हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में डेंटल इन्शुरन्स के कुछ बेनेफिट्स भी देने लगी हैं।
इस लेख में हम आपको डेंटल इन्शुरन्स से संबंधित जानकारी देंगे और यह बताने की कोशिश करेंगे कि हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में मिलने वाले डेंटल केयर लाभ से डेंटल इन्शुरन्स कितना बेहतर है, चलिए जानते हैं -