आजकल लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त है और ऐसे में हर किसी के लिए हेल्थ इन्शुरन्स खरीदना अनिवार्य हो गया है। स्वास्थ्य बीमा योजना खरीदने का मुख्य उद्देश्य आपके वित्तीय जोखिमों को कम करना होता है, ताकि कोई भी मेडिकल इमर्जेंसी होने पर आप निश्चिंत होकर अपना इलाज करवा सकें। स्वास्थ्य बीमा एक ऐसी सर्विस है जिसे खरीदने से पहले उसके बारे में पूरी तरह से जान लेना जरूरी है। यह भी हो सकता है कि आपको आपके द्वारा खरीदे जाने वाले हेल्थ इन्शुरन्स प्लान के बारे में पूरी जानकारी हो, लेकिन फिर भी कई चीजें छिपी रह जाती हैं। इसलिए हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने से पहले उसके मुख्य घटकों के बारे में जानना जरूरी है, ताकि बाद में आपको कोई समस्या न हो।
इन्हीं घटकों में से एक है, डिडेक्टिबल जो अक्सर लोगों को भ्रमित कर देता है। हालांकि, यदि आसान शब्दों में कहा जाए तो यह बीमाकर्ता कंपनी के द्वारा निर्धारित की जाने वाली एक लिमिट है। यह क्लेम की राशि का एक छोटा हिस्सा है, जो आपको क्लेम प्राप्त करने से पहले अस्पताल में जमा करना पड़ता है। यदि आपके हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में डिडक्टिबल लागू किया गया है, तो आप जब भी बीमा कंपनी से क्लेम करते हैं, आपको हर बार डिडक्टिबल का भुगतान करना पड़ेगा। हेल्थ इन्शुरन्स में डिडक्टिबल लागू करने का मुख्य उद्देश्य बीमाधारक द्वारा अनावश्यक रूप से किए जाने वाले क्लेम को कम करना है। यदि आप हेल्थ इन्शुरन्स धारक हैं या फिर स्वास्थ्य बीमा खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आप यह आर्टिकल पढ़कर डिडक्टिबल के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
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