जिम में आम तौर पर शरीर के जिन हिस्सों के व्यायाम पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है वह हैं सीना और बाइसेप्स। लेकिन क्या आकर्षक शरीर पाने के लिए इन्हीं दो हिस्सों का व्यायाम काफी है? व्यायाम से संबंधित जितने पोस्टर और तस्वीरें देखने को मिलती हैं उनमें बॉडी बिल्डर अपने बड़े-बड़े बाइसेप्स दिखाते हुए नजर आते हैं, लेकिन पूरी बांह को आकर्षक बनाने में बाइसेप्स और ट्राइसेप्स दोनों का समान योगदान होता है। असल में कई मांसपेशियां मिलकर बांहों को आकर्षक और मजबूत बनाती हैं।

हाथों से किए जाने वाले लगभग सभी कार्यों में ट्राइसेप्स का महत्वपूर्ण योगदान होता है। किसी चीज को धक्का देना हो या उसे उठाना, कार का दरवाजा खोलना हो या फिर बारबेल उठाकर व्यायाम करना, ट्राइसेप्स की मांसपेशियां सभी जगह विशेष भूमिका में रहती हैं।  मुख्य रूप से बाहों को चौड़ा बनाने और उन्हे बेहतर आकार देने में ट्राइसेप्स की मांसपेशियां विशेष भूमिका निभाती हैं।

हाथों को मजबूत बनाने के लिए बाइसेप्स के साथ-साथ ट्राइसेप्स का व्यायाम भी बहुत जरूरी है। इससे पहले यह जान लेना जरूरी है कि आखिर ट्राइसेप्स, बांह का कौन सा हिस्सा है? जब आप अपने बांह को एक दम सीधा करते हैं और जोर लगाते हैं तो पीछे की तरफ मांसपेशियों का एक उभार नजर आता है। उभार वाले इसी हिस्से को ट्राइसेप्स कहा जाता है।  ट्राइसेप्स लैटिन भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ है त्रिकोणीय मांसपेशी। इन मांसपेशियों को मजबूत करने और इनके व्यायम के लिए डिप्स, किकबैक, बेंच प्रेस और ट्राइसेप्स एक्सटेंशन जैसे कई सारे व्यायाम हैं। हालांकि, ऐसे व्यायाम बहुत कम हैं, जिनमें एक साथ ट्राइसेप्स के विभिन्न हिस्सों का व्यायाम किया जा सके।

  1. ट्राइसेप्स व्यायाम के फायदे - Triceps Workout ke Laabh in Hindi
  2. ट्राइसेप्स के लिए डायमंड पुश-अप व्यायाम - Triceps ke liye Diamond Push-up in Hindi
  3. स्टैंडिंग ट्राइसेप्स एक्सटेंशन - Standing Triceps Extension in Hindi
  4. ट्राइसेप्स के लिए लेटकर व्यायाम - Lying Triceps Exercise in Hindi
  5. ट्राइसेप्स के लिए किकबैक्स व्यायाम - Triceps ke liye Kickback Exercise in Hindi
  6. रोप पुश डाउन/बार पुश डाउन - Rope push down/Bar push down in Hindi
  7. ट्राइसेप्स व्यायाम के दौरान बरतें सावधानियां - Triceps Workout ke Dauraan kya Savdhaniyan Bartein

सिर्फ बाइसेप्स का व्यायाम करके आप अपनी बांहों को मजबूत और चौड़ा करने के बारे में नहीं सोच सकते हैं। बांह के पिछले हिस्से में अधिक मांस होता है, जिसे व्यायाम के माध्यम से आकार दिया जा सकता है। ट्राइसेप्स से सिर्फ बांह का आधा हिस्सा नहीं, बल्कि पूरी बांह को मजबूती मिलती है। ट्राइसेप्स के व्यायाम से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं।

  • ट्राइसेप्स का व्यायाम हाथ को मजबूत और चौड़ा बनाने के साथ शक्ति प्रदान करता है।
  • भार उठाने में मदद करता है। बेंच प्रेस और शोल्डर प्रेस जैसे व्यायामों मे इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • कंधे और कोहनी के जोड़ों की स्थिरता प्रदान करता है। 
  • टेनिस, गोल्फ, बास्केटबॉल या क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए ट्राइसेप्स का व्यायाम जरूरी होता है, जो उनके हाथों को मजबूती देता है।
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ट्राइसेपस को आकार देना और इससे संबंधित व्यायाम अपेक्षाकृत कठिन होते हैं। इसकी मांसपेशियों को आकार देने के लिए अपेक्षाकृत कठिन व्यायामों की जरूरत होती है। ट्राइसेप्स के लिए डायमंड पुश-अप एक बेहतरीन व्यायाम है। बांहो के साथ शरीर के ऊपरी हिस्से के व्यायाम के लिए वार्म अप और पुशअप करके मांसपेशियों को सक्रिय कर लेना बेहद जरूरी होता है।

  • किन मांसपेशियों पर होता है प्रभाव
    • ट्राइसेप्स और सीना
  • किन उपकरणों की होगी जरूरत
    • इसमें किसी उपकरण की जरूरत नहीं होती है।
  • कौन कर सकता है यह व्यायाम
    • कुछ दिनों से व्यायाम कर रहे लोगों से लेकर अनुभवी तक
  • सेट और रैप
    • 15 रैप के 3 सेट
  • कैसे करें यह व्यायाम
    •  मैट पर हाथों के बल झुकें और हाथों को अपने सीने के नीचे रखें। अपनी तर्जनी और अंगूठे को मिलाकर एक हीरे जैसा आकार बनाएं।
    • अब अपनी कोहनियों को मोड़ते हुए सीने को जमीन से स्पर्श कराने का प्रयास करें। यह बिल्कुल उसी तरह होगा जैसा आप आम तौर पर पुश अप व्यायाम के दौरान करते हैं।
    • एक-दो सकेंड के लिए रुकें और दोबारा अपने शरीर को ऊपर की ओर लेकर आएं। यह एक रैप है।

सावधानियां : अपने शरीर को फर्श के समानांतर ही रखें। कूल्हों या कमर को न उठाएं।

ट्राइसेप्स के लिए किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण व्यायामों में से एक यही है, इसे पूर्ण व्यायाम के दौरान किया जा सकता है। इस व्यायाम को आप डम्बल, बारबेल, केटलबेल, और जिम में मौजूद मशीनों की सहायता से कर सकते हैं।

  • किन मांसपेशियों पर होता है असर
    • ट्राइसेप्स
  • किन उपकरणों की होगी आवश्यकता
    • एक डंबल, बारबेल, कैटेलबेल अथवा केबल मशीन
  • कौन कर सकता है यह व्यायाम
    • इसे सभी स्तर के लोग कर सकते हैं।
  • सेट और रैप
    • 10 से 15 रैप के 3 सेट
  • कैसे करें यह व्यायाम
    • दोनों हाथों में डंबल को पकड़ें, इस अवस्था में हथेलियां आमने-समाने हों।
    •  अब डंबल को ऊपर की ओर ले जाएं, ऐसे में बाहें आपके चेहरे के किनारों को स्पर्श कर रही हों।
    • अब कोहनी को मोड़े जिसमें डंबल की स्थिति सिर के पीछे की ओर हो।
    • सिर के पिछले हिस्से में नीचे की ओर एक से दो सेकेंड के लिए डंबलों को रखें और दोबारा उन्हें ऊपर की ओर ले जाएं। यह एक रैप है।

सावधानियां : शुरुआती चरणों में कम वजन वाले डंबल या खाली बारबेल रॉड से ही व्यायाम करें। अनुभव बढ़ने के साथ-साथ ही वजन बढ़ाएं।

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खड़े होकर आप अधिक वजन उठाने में सक्षम होते हैं, लेकिन जब आप लेट कर यही व्यायाम करते हैं तो शरीर की कोर मांसपेशियों को एक साथ स​क्रिय किया जा सकता है। लेटकर किए जाने वाले इस ट्राइसेप्स के व्यायाम को स्कल क्रशर या फ्रेंच प्रेसेस के रूप में भी जाना जाता है। यह व्यायाम खड़े होकर करने से अधिक लेटकर करने अर्थात स्कल क्रशर के रूप में करने में ज्यादा प्रभावी है।

  • किन मांसपेशियों पर होता है असर
    • ट्राइसेप्स, कोर और बांहें।
  • किन उपकरणों की होगी आवश्यकता
    • एक बारबेल / डम्बल / केटलबेल / मशीन
  • कौन कर सकता है यह व्यायाम
    • कम अनुभव वालों से लेकर अनुभवी लोग इस व्यायाम को कर सकते हैं।
  • रैप और सेट
    • 10 से 15 रैप के 3 सेट
  • कैसे करें यह व्यायाम
    • अगर आप शुरुआती तौर पर जिम जा रहे हैं तो आपको किसी व्यक्ति की जरूरत होगी जो आपको उचित स्थिति में बारबेल पकड़ा सकें।
    • बेंच पर पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को जमीन के स्पर्श में रखें।
    • अपनी कोहनी मोड़ें और अपने माथे के पास एक ओवरहैंड ग्रिप के साथ डंबल को पकड़ें।
    • धीरे धीरे अपने हाथों को बाहर की ओर लांए और एक या दो सेकंड के लिए रुकें।
    • धीरे-धीरे डंबल को अपने माथे के पास नीचे की ओर लाएं। यह एक रैप है।

सावधानियां : अपनी बाहों को स्थिर रखें और कोहनियों को धनुषाकार बनाने का प्रयास करें।

ट्राइसेप्स के तीनों हिस्सों को लक्षित करने के लिए किकबैक सबसे प्रभावी रूप से काम करता है। गुरुत्वाकर्षण के विपरीत जाते हुए यह व्यायाम मांसपेशियों पर अधिक जोर डालता है।

  • किन मांसपेशियों पर होता है प्रभाव
    • बांहों और ट्राइसेप्स पर
  • किन उपकरणों की होगी जरूरत
    • डंबल
  • कौन कर सकता है व्यायाम
    • कम अनुभव वालों से लेकर परिपक्व तक
  • सेट और रैप
    • 10 से 15 रैप के 3 सेट
  • कैसे करें यह व्यायाम
    • किसी चीज की मदद से सामने की ओर झुक कर खड़े हो जाएं।
    • अब एक हाथ में डंबल को पकड़ें और पीठ की ओर  60-70 डिग्री के कोण पर लेकर जाएं।
    • अब अपने हाथों को गर्दन के समांतर लाएं इस दौरान कोहनी की स्थिति पहले जैसी ही होनी चाहिए।
    • अपने पीछे वजन रखें, ट्राइसेप्स को फ्लेक्स करें।
    •  कुछ सेकंड के लिए ऐसे ही रहें और फिर डंबल को 90 डिग्री के कोण पर वापस लाएं। यह एक सेट है।
    • एक सेट को पूरा करें और फिर यही दूसरे हाथ से दोहराएं।

सावधानियां : ऑनलाइन ट्यूटोरियल और वीडियो देखें और कोहनी की स्थिति को समझने के लिए किसी पेशेवर की मदद लें। भारी वजन उठाना कंधे पर दबाव डाल सकता है।

आपने कई बार जिम में लोगों को एक केबल वाली मशीन के जरिए वजन को खींचते हुए देखा होगा। ट्राइसेप्स के लिए यह सबसे प्रचलित और जल्द फायदा देने वाला व्यायाम है। इस व्यायाम के जरिए ट्राइसेप्स मांसपेशियों को उभारा जा सकता है साथ ही मांसपेशियों को आकार देने में भी यह काफी मददगार व्यायाम है।

  • किन मांसपेशियों पर होता है प्रभाव
    • बांहों और ट्राइसेप्स पर
  • किन उपकरणों की होगी जरूरत
    • केबल या बार वाली मशीन
  • कौन कर सकता है व्यायाम
    • कम अनुभव वालों से लेकर परिपक्व तक
  • सेट और रैप
    • 10 से 15 रैप के 3 सेट
  • कैसे करें यह व्यायाम
    • इस अभ्यास को करने के लिए केबल बार को ऊपर की ओर सेट करें।
    • अब रस्सियो के छोर को पकड़ते हुए नीचे की ओर खींच कर लाएं।
    •  वजन को नीचे की ओर खींचें और कोहनियों को स्थिर रखें।
    • अब कोहनी को 90 डिग्री तक लेकर आएं और एक या दो सेकंड तक रोकें। यह एक रैप है।
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हर व्यायाम की तरह इसमें भी वार्मअप करना न भूले। जंपिंग जैक, मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग, ट्रेडमिल को भी वार्मअप के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। शुरुआत में कम भार उठाएं, अचानक ही अधिक भार उठाने होने का खतरा बना रहता है।

आम तौर से सीने से संबंधित व्यायामों के साथ स्वत: ट्राइसेप्स की मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि जिस दिन आप सीने का व्यायाम कर रहे हों उस दिन ट्राइसेप्स न करें। व्यायाम के बीच-बीच में समय निकालर मांसपेशियों को आराम दें।

व्यायम के दौरान कोहनी को सपोर्ट करने वाले गार्ड का इस्तेमाल अवश्यक करें। कई बार ज्यादा दबाव डालने की स्थिति में खिंचाव की आशंका रहती है। व्यायाम के दौरान भारी रैप्स करते हुए किसी प्रशिक्षक की सहायता जरूर लें।

संदर्भ

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  5. Derman PB et al. 24-Hour Fitness: the Orthopedic Resident On-Call Workout. HSS Journal. 2015 Jun; 11:294-298.
  6. Miranda U et al. Effect of Rest Interval Length on the Volume Completed During Upper Body Resistance Exercise. Journal of Sports Science & Medicine. 2009 Sep; 8(3): 388–392. PMID: 24150002.
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