जिम में आम तौर पर शरीर के जिन हिस्सों के व्यायाम पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है वह हैं सीना और बाइसेप्स। लेकिन क्या आकर्षक शरीर पाने के लिए इन्हीं दो हिस्सों का व्यायाम काफी है? व्यायाम से संबंधित जितने पोस्टर और तस्वीरें देखने को मिलती हैं उनमें बॉडी बिल्डर अपने बड़े-बड़े बाइसेप्स दिखाते हुए नजर आते हैं, लेकिन पूरी बांह को आकर्षक बनाने में बाइसेप्स और ट्राइसेप्स दोनों का समान योगदान होता है। असल में कई मांसपेशियां मिलकर बांहों को आकर्षक और मजबूत बनाती हैं।
हाथों से किए जाने वाले लगभग सभी कार्यों में ट्राइसेप्स का महत्वपूर्ण योगदान होता है। किसी चीज को धक्का देना हो या उसे उठाना, कार का दरवाजा खोलना हो या फिर बारबेल उठाकर व्यायाम करना, ट्राइसेप्स की मांसपेशियां सभी जगह विशेष भूमिका में रहती हैं। मुख्य रूप से बाहों को चौड़ा बनाने और उन्हे बेहतर आकार देने में ट्राइसेप्स की मांसपेशियां विशेष भूमिका निभाती हैं।
हाथों को मजबूत बनाने के लिए बाइसेप्स के साथ-साथ ट्राइसेप्स का व्यायाम भी बहुत जरूरी है। इससे पहले यह जान लेना जरूरी है कि आखिर ट्राइसेप्स, बांह का कौन सा हिस्सा है? जब आप अपने बांह को एक दम सीधा करते हैं और जोर लगाते हैं तो पीछे की तरफ मांसपेशियों का एक उभार नजर आता है। उभार वाले इसी हिस्से को ट्राइसेप्स कहा जाता है। ट्राइसेप्स लैटिन भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ है त्रिकोणीय मांसपेशी। इन मांसपेशियों को मजबूत करने और इनके व्यायम के लिए डिप्स, किकबैक, बेंच प्रेस और ट्राइसेप्स एक्सटेंशन जैसे कई सारे व्यायाम हैं। हालांकि, ऐसे व्यायाम बहुत कम हैं, जिनमें एक साथ ट्राइसेप्स के विभिन्न हिस्सों का व्यायाम किया जा सके।