क्या आप भी अपनी व्यस्त दिनचर्या के चलते शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। अगर आपका जवाब हां है तो बता दें, दिनचर्या में महज कुछ साधारण से बदलाव करने से आप इन परेशानियों से निजात पा सकते हैं। इसके लिए आपको पिलाटेस एक्सरसाइज करने की जरूरत है। सन 1920 में जोसेफ पिलाटेस ने इस फिटनेस सिस्टम की शुरुआत की थी, इसके अंतर्गत  कोर मसल्स पर काम किया जाता है। 

कसरत के मुकाबले पिलाटेस एक्सरसाइज आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे शरीर को पतला और लचीला करने में मदद मिलती है। इसके लिए आपको जिम के बड़े-बड़े उपकरणों का इस्तेमाल करने भी जरूरत नहीं है। 

तो आइये जानते हैं पिलाटेस एक्सरसाइज क्या है, इसके प्रकार, फायदे व नुकसान, प्रकार और इसको करने में क्या सावधानियां बरतनी होती हैं।

  1. पिलाटेस क्या है? - What is Pilates in Hindi?
  2. पिलाटेस के प्रकार - Types of Pilates in Hindi
  3. पिलाटेस के फायदे - Benefits of Pilates in Hindi
  4. पिलाटेस के संभावित नुकसान - Side effects of Pilates in Hindi
  5. पिलाटेस करते समय सावधानियां - Safety precautions for Pilates in Hindi
पिलाटेस के डॉक्टर

1923 में, एक जर्मन ट्रेनर, जोसेफ पिलाटेस ने दुनिया में एक्सरसाइज का एक नया रूप पेश किया। प्रथम विश्व युद्ध के उत्तरार्ध के दौरान, पिलाटेस ने बेड के स्प्रिंग्स का उपयोग करते हुए कुछ सैनिकों को चिकित्सीय रूप से बहुत मदद की। उन सैनिकों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को उनकी हालत में काफी तेजी से सुधार दिखा। उसके बाद पिलाटेस ने एथलीटों और नर्तकियों को चोटों से उबरने में मदद की। इस फिटनेस पद्धति की वजह से वह खिलाड़ी और नर्तकी अपने-अपने प्रोफेशन में सुरक्षित तरीके से वापसी कर सके।

आधी सदी के बाद, एक एक्सरसाइज के रूप में पिलाटेस ने भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में लोकप्रियता हासिल करना शुरू कर दिया। पिलाटेस में लगभग 50 दोहराव वाले व्यायाम होते हैं जो शारीरिक और मानसिक कंडीशनिंग में मदद करते हैं।

पिलाटेस शरीर को ट्रेन करने के लिए निम्नलिखित पांच सिद्धांतों पर आधारित है:

  • लयबद्ध श्वास
  • गर्दन का संरेखण
  • कंधे और छाती का स्थिरीकरण
  • कूल्हे की गतिशीलता
  • पेट की कोर मांसपेशियों पर काम करना
 
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पिलाटेस के दो मूल प्रकार हैं:

  • मैट-बेस्ड पिलाटेस - इस प्रकार पिलातेस को मैट पर बैठकर या लेटकर किया जाता है। इसमें गुरुत्वाकर्षण और बॉडीवेट को रेजिस्टेंस के तौर पर उपयोग किया जाता है।
  • रिफॉर्मर-बेस्ड पिलाटेस - यह प्रकार एक विशेष पिलाटेस उपकरण पर किया जाता है जिसे "रिफॉर्मर" कहा जाता है। रिफॉर्मर के ऊपर एक प्लेटफार्म होता है जो स्लाइड करता है। इस प्लेटफार्म पर बैठकर, खड़े होकर, घुटने मोड़कर या झुककर पिलाटेस एक्सरसाइज की जाती है।

कुछ खास पिलाटेस एक्सरसाइज:

द हंड्रेड 

  • सबसे पहले अपनी पीठ के बल लेट जाएं
  • पैरों को ऊपर उठाएं और घुटनों को 90 डिग्री तक मोड़ दें, इस पूरी एक्सरसाइज के दौरान आपको कूल्हों और घुटनों के बीच 90 डिग्री का कोण बनाए रखना है
  • हाथों को शरीर से सटाकर सीधा रखें और हथेलियों को फर्श के ऊपर रखें
  • सांस अंदर की ओर भरते हुए हाथों को सीधा करके धीरे-धीरे ऊपर उठाएं
  • अब सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे की ओर लाएं
  • अपने सिर और कंधे को फर्श से थोड़ा ऊपर उठाएं
  • हाथों को ऊपर उठाकर नीचे लाएं, हाथों को ऊपर-नीचे करने की लय में ही सांस लेते रहें  

द ब्रिज 

  • पीठ के बल लेट जाएं
  • घुटनों को मोड़ें और अपने पैर के पंजों को चटाई पर सीधा रखें। कूल्हों से थोड़ा दूरी बनाकर रखें 
  • अपने हांथो को शरीर के साथ सीधा जमीन पर रखें
  • गहरी सांस लें और सांस छोड़ते समय कूल्हों को फर्श से ऊपर उठाएं
  • घुटने और कंधे एक सीध में होने चाहिए जबकि कूल्हे फर्श से ऊपर उठाकर रखें 
  • गहरी सांसें लेते हुए इस स्थिति में 20 से 30 सेकेंड तक रहने की कोशिश करें   
  • सांस छोड़ें और शुरुआती स्थिति में वापिस आएं
  • इस एक्सरसाइज को 10 बार करने का प्रयास करें

(और पढ़ें - पेट कम करने के लिए एक्सरसाइज)

रोल ओवर

  • पीठ के बल लेट जाएं
  • हाथों को सीधा जमीन पर रखें और हथेलियों को जमीन की ओर करें 
  • सांस लें, अब अपने पैरों को एक साथ ऊपर की ओर उठाएं
  • अब सांस छोड़ें और अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाते हुए सिर के पीछे ले जाएं। इस दौरान पैरों को सीधा रखने की कोशिश करें 
  • अब धीरे-धीरे पैरों को वापिस पुरानी अवस्था में यानी फर्श पर लेकर आएं 
  • इस क्रम को तीन बार दोहराएं

(और पढ़ें - स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने के तरीके)

स्वान 

  • पेट के बल लेट जाएं और अपनी कोहनियों को थोड़ा मोड़कर हाथ जमीन पर रखें 
  • अपने पैरों को सीधा और एक साथ रखें
  • गहरी सांस लेते हुए अपने हाथों पर दबाव बढ़ाएं और धीरे-धीरे अपने शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं, ध्यान रहे कोहनी को शरीर के करीब रखना है 
  • सांस छोड़ने के साथ, धीरे-धीरे अपने शरीर को फर्श की ओर वापिस लाएं, ध्यान रहे आपका माथा जमीन की ओर झुका हुआ होना चाहिए 
  • इस प्रकिया को चार से पांच बार दोहराएं 

तैराकी

  • पेट के बल लेट जाएं 
  • अपने हांथो को आगे और पैरों को पीछे की ओर फैलाकर रखें
  • सांस लेते हुए अपने दाहिने हाथ और बाएं पैर को एक साथ फर्श से ऊपर उठाएं और फिर नीचे लाएं, बार-बार ये क्रिया दोहराएं
  • अब तैराकी वाली प्रकिया अपनाएं यानी बाएं हाथ के साथ दाहिना पैर उठाएं फिर दाहिने हाथ के साथ बायां पैर उठाएं, इस दौरान हल्का खिंचाव महसूस होना चाहिए 
  • इस तरह की स्विमिंग प्रकिया करीबन 24  बार करें

इन एक्सरसाइज को उचित तरीके से करने से आपके शरीर में लचीलापन, पोस्चर में सुधार और रीढ़ की हड्डी में स्थिरता आएगी।

 

पिछले कुछ दशकों में पिलाटेस के लाभों पर कई अध्ययन हुए हैं। ये लाभ चिकित्सीय और निवारक दोनों हैं, जिसका अर्थ है कि वे न केवल आपकी वर्तमान स्वास्थ्य और फिटनेस को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं, बल्कि भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं को भी रोक सकते हैं। निम्नलिखित पिलातेस के फायदे हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए:

  • ओवरआल फिटनेस को बढ़ावा देता है
  • लचीलेपन में सुधार करता है
  • कोर मासपेशिययों की ताकत बढ़ाता है
  • मुद्रा (पोस्चर) में सुधार लाता है
  • वजन कम करता है (और पढ़ें - वजन कम करने के तरीके)
  • पीठ दर्द को कम करता है
  • फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है
  • ह्रदय स्वास्थ्य में सुधार लाता है
  • चोट से उबरने में मदद करता है
  • मन को शांत करता है

पिलाटेस एक "लो-इम्पैक्ट" एक्सरसाइज है (शरीर को कम नुकसान पहुंचाने वाली)। यही वजह है कि इसे करते समय चोट लगने की संभावना कम होती है, खासकर यदि आपके पास एक अच्छा और प्रमाणित प्रशिक्षक है। कुल मिलाकर, पिलाटेस के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं हैं। हालांकि, कुछ चीजें हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए:

  • पिलाटेस वजन कम करने की विधि के रूप में कम प्रभावी है क्योंकि यह "लो-इम्पैक्ट" एक्सरसाइज है। यदि वजन कम करना ही आपका एकमात्र लक्ष्य है, तो आपको पिलाटेस के साथ-साथ "हाई-इम्पैक्ट" एक्सरसाइज भी करनी चाहिए। (और पढ़ें - हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग)
  • जबकि एक पिलाटेस मैट आसानी से उपलब्ध हो सकती है, पिलाटेस के लिए रिफॉर्मर महंगा हो सकता है। रिफॉर्मर-बेस्ड पिलाटेस क्लास या पुनर्वास कार्यक्रम भी अधिक महंगे हो सकते हैं।
  • यदि आप पहले से कोई भी व्यायाम नहीं करते है, तो आपको कुछ लक्षणों का अनुभव हो सकता है जैसे  हालाँकि, यदि आप अपने आप को समय देते हैं और एक अच्छे ट्रेनर की निगरानी में पिलाटेस करते हैं तो ये समस्याएं जल्द ही दूर हो जाएंगी।
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पिलाटेस सभी उम्र और फिटनेस स्तर के लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है। हालाँकि, अगर आपको निम्नलिखित में से कोई भी परेशानी है तो पिलाटेस शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें:

चाहे आपको उपरोक्त में से कोई भी परेशानी या कोई अन्य बीमारी हो या न हो, आपको एक प्रमाणित प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में ही पिलाटेस शुरू करना चाहिए। केवल ऐसे प्रशिक्षक ही आपको उचित ट्रेनिंग दे सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको पिलाटेस से मिलने वाले सभी लाभ मिलेंगे और कोई नुकसान नहीं होगा।

 
Dr. Manish Bansal

Dr. Manish Bansal

फिजियोथेरेपिस्ट
34 वर्षों का अनुभव

Dr.Prem Kumar

Dr.Prem Kumar

फिजियोथेरेपिस्ट
14 वर्षों का अनुभव

Dr. Himanshu Arora

Dr. Himanshu Arora

फिजियोथेरेपिस्ट
7 वर्षों का अनुभव

Dr. Deep Maheshwari

Dr. Deep Maheshwari

फिजियोथेरेपिस्ट
5 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

  1. National Health Service [Internet]. Hertfordshire. UK; A guide to pilates
  2. Kloubec, June. Pilates: how does it work and who needs it?. Muscles Ligaments Tendons J. 2011 Apr-Jun; 1(2): 61–66. PMID: 23738249
  3. Cleveland Clinic. [Internet]. Cleveland. Ohio; Everything You Want to Know About Pilates
  4. Kloubec, June A. Pilates for improvement of muscle endurance, flexibility, balance, and posture. J Strength Cond Res . 2010 Mar;24(3):661-7. PMID: 20145572
  5. Byrnes, Keira. et al. Is Pilates an effective rehabilitation tool? A systematic review. J Bodyw Mov Ther . 2018 Jan;22(1):192-202. PMID: 29332746
  6. Wells, Cherie. et al. Defining Pilates exercise: a systematic review. Complement Ther Med . 2012 Aug;20(4):253-62. PMID: 22579438
  7. Fernandez-Rodriguez, Ruben. et al. Pilates Method Improves Cardiorespiratory Fitness: A Systematic Review and Meta-Analysis. J Clin Med. 2019 Nov; 8(11): 1761. PMID: 31652806
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