फंक्शनल ट्रेनिंग में कई सारी विविधताएं हैं जो विभिन्न मांसपेशियों के समूहों को लक्षित करती हैं। इनमें से अधिकतर व्यायामों के लिए किसी भी उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है। कुछ व्यायामों को करने के लिए उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इन व्यायामों को प्रशिक्षकों की निगरानी में करना बेहतर होता है। प्रशिक्षकों की उपस्थिति से आपको व्यायाम की सही तकनीक के बारे में पता चलेगा।
व्यायाम से पहले वार्मअप और बाद में स्ट्रेचिंग करना न भूलें। इससे व्यायाम के दौरान चोट लगने का खतरा कम हो जाता है। फंक्शनल ट्रेनिंग के कुछ व्यायामों के बारे में नीचे जानकारी दी जा रही है, जिन्हें सही तकनीक से प्रयोग में लाकर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
पुश-अप्स
यह एक ऐसा व्यायाम है, जिसका लगभग सभी तरह के फिटनेस कार्यक्रमों में उल्लेख मिलता है। पुश-अप्स के लिए अतिरिक्त उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती है (हालांकि, इसकी कई विविधताएं हैं जिन्हें आप डंबलों और मशीनों के साथ भी कर सकते हैं)। यह एक सरल अभ्यास है, जिसे कहीं भी किया जा सकता है।
शुरुआती स्तर के लोगों को पुश-अप व्यायाम की शुरुआत इस तरह से करनी चाहिए।
- चटाई पर पेट के बल लेट जाएं।
- हाथों को कंधों के नीचे रखें।
- अब अपने घुटनों को मोड़े। आप चाहें तो अपने पैरों को पूरी तरह से फैलाते हुए पैरों की उंगलियों पर भी पूरा भार ला सकते हैं।
- अब हाथों को सीधा करते हुए पूरे शरीर को चटाई से ऊपर की ओर उठाएं। कोहनी को लॉक न करें।
- सिर से घुटनों तक आपका शरीर एक सीधी रेखा में होना चाहिए। आपके कूल्हे भी उसी सीध में होने चाहिए, ऊपर या नीचे नहीं।
- अपनी कोहनियों को मोड़ते हुए शरीर को फिर से नीचे की ओर लेकर आएं। यह एक रैप है।
- आप इस व्यायाम के क्रमश: 8-10-13 रैप के तीन सेट कर सकते हैं।
सूटकेस या डंबल स्क्वाट
वेटेड स्क्वॉट्स व्यायाम के दौरान आपको बारबेल को गर्दन के पीछे या अपने कॉलरबोन पर रखना होता है। वहीं अगर आप यह व्यायाम डंबल या केटलबेल के साथ करते हैं तो इन उपकरणों को कंधे की ऊंचाई पर रखने की आवश्यकता होती है।
डंबल स्क्वॉट इससे थोड़ा सा अलग है, इसमें अपने बगल की ओर दोनों हाथों में डंबल उठाकर रखना होता है। व्यायाम को इस तरीके से किया जाना चाहिए।
- दोनों हाथों में डंबल या केटलबेल को पकड़कर रखें।
- पीठ को बिल्कुल सीधा रखते हुए अपने घुटनों को मोड़ें और स्क्वॉट की स्थिति में आएं।
- सुनिश्चित करें कि घुटने, पैर की उंगलियों से आगे की ओर तो नहीं जा रहे हैं।
- अब घुटनों को सीधा करते हुए पूर्ववत स्थिति में आ जाएं। यह एक रैप है।
- व्यायाम के 12-15 रैप वाले तीन सेट करें।
स्टेप-अप
स्टेप-अप कई मांसपेशियों के लिए बहुत ही लाभकारी व्यायामों में से एक है। इस व्यायाम के दौरान एक प्लेटफार्म पर चढ़ने और उतरने से दोनों पैरों के बीच संतुलन और समन्वय बढ़िया होता है। यह व्यायाम कूल्हे के साथ ग्लूट्स, पैर और कोर की मांसपेशियों के लिए काफी फायदेमंद है। व्यायाम को करने के लिए निम्न तरीके को प्रयोग में लाएं।
- दोनों हाथों में डम्बल पकड़ें।
- अब एक प्लेटफार्म या बेंच के सामने खड़े हो जाएं। आपके और बेंच के बीच एक हाथ की दूरी बनाए रखें।
- अब बेंच पर एक पैर रखें, फिर दूसरा पैर भी रखें। लेकिन ध्यान रखें जिस पैर को पहले रखा है पूरा भार उसी पर होना चाहिए।
- इसी तरह से नीचे की ओर उतरें और पूर्ववत स्थिति में आएं। यह एक रैप है। दूसरे पैर के साथ भी यही अभ्यास दोहराएं।
- शुरुआत में 15-20 रैप करने की कोशिश करें और धीरे-धीरे इसे बढ़ाते रहें।
टिप्स : प्लेटफॉर्म पर चढ़ने से पहले सुनिश्चित कर लें कि वह स्थिर है और जब आप ऊपर जाएं तो वह बिल्कुल भी हिलता न हो।
मेडिसिन बॉल थ्रो
खिलाड़ियों और एथलीटों के बीच यह बहुत ही चर्चित व्यायाम है। यह अभ्यास ऊपरी शरीर को गति देता है, जबकि शरीर का निचला हिस्सा स्थिर होता है। यह कोर के लिए अच्छा व्यायाम है। इस व्यायाम के लिए पैरों को मोड़ते हुए पीछे की ओर ले जाएं और घुटनों के सहारे ऊपरी हिस्से को सीधा रखें। दोनों हाथों में एक बॉल को पकड़ें और सिर से पीछे की ओर लेकर जाएं। अब हाथों को सीधा करें और पूरी ताकत लगाते हुए बॉल को दीवार की ओर फेंकें। बॉल थ्रो का एक सेट करने के बाद अब मुड़ें और अलग कोण से शरीर के दूसरे हिस्से को लक्षित करें।
साइड लंजेस
वॉकिंग लंजेस या बैकवर्ड लंजेस की जगह पर आप बदलाव के तौर पर साइड लंजेस को भी प्रयोग में ला सकते हैं। यह व्यायाम पैरों की मांसपेशियों के साथ कूल्हों और ग्लूट्स की मांसपेशियों के लिए भी फायदेमंद है। इस व्यायाम के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने दाहिने पैर को क्षमतानुसार चौड़ाई में बढ़ाएं। अब पूर्ववत स्थिति में आएं और दूसरे पैर के साथ भी इस अभ्यास को दोहराएं।
सिंगल लेग हिप रेज
पूरे दिन एक ही स्थान पर बैठकर काम करने से रीढ़ की हड्डी समय के साथ सिकुड़ती जाती है, बाद में यह गंभीर समस्या का रूप ले लेती है। यह व्यायाम पीठ के निचले हिस्से और ग्लूट्स की स्ट्रेचिंग में मदद करता है। अपने घुटने को मोड़ते हुए एक पैर को बेंच पर रखें। दूसरे पैर को सीधा रखें। हाथों को अपनी पीठ के पास रखें और बेंच से लगे पैर को धक्का देकर कूल्हों के बल से शरीर को उठाएं। कुछ क्षण के लिए रुकें और फिर पूर्ववत स्थिति में आएं। दोनों पैरों के साथ इस अभ्यास को दौहराएं।
बियर क्रॉल
बियर क्रॉल एक सरल और प्रभावी फंक्शनल ट्रेनिंग व्यायामों में से एक है। इस व्यायाम के दौरान पूरे शरीर की मांसपेशियां सक्रिय अवस्था में आ जाती हैं। हाथों और पैरों के बीच समन्वय को सुधारने में भी यह मदद करता है। दोनों हाथों और पैरों के बल जमीन पर शरीर को टिकाएं और इन्हीं की मदद से आगे की ओर बढ़े। दाएं पैर के साथ बाएं हाथ, और बाएं पैर के साथ दाहिने हाथ का उपयोग करके आगे की ओर बढ़ना शुरू करें। व्यायाम के दौरान किसी प्रकार के अनावश्यक तनाव से बचने के लिए पीठ को सीधा और पेट को कठोर बनाए रखें।
प्लैंक्स
प्लैंक्स व्यायाम के साथ आप दिन के फंक्शनल ट्रेनिंग को खत्म कर सकते हैं। इस व्यायाम से पूरे शरीर में संतुलन और स्थिरता को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही यह कोर की मांसपेशियों के लिए एक जबरदस्त व्यायाम भी है। व्यायाम के लिए पेट के बल फर्श पर सीधे लेट जाएं। दोनों हाथों को बगल में लाते हुए मोड़ें और हाथों के अग्रभाग या फोरआर्म की मदद से पूरे शरीर का उठाएं और सारा भार इन्हीं पर रखें। सिर से लेकर पैर तक एक सीध में रहें। कम से कम एक मिनट के लिए सामान्य रूप से सांस लेते हुए अपने शरीर को इसी अवस्था में स्थिर रखें। आप चाहें तो अपनी क्षमतानुसार शरीर को इसी अवस्था में टिकाए रख सकते हैं।