दांत में दर्द होना एक ऐसी समस्या है, जिससे रोजमर्रा की हर गतिविधि या काम पर असर पड़ता है। दांत का दर्द दांतों में कीड़ा लगने, दांत के बीच में कुछ फंस जाने, दांत में फोड़ा होने, मसूडों में कोई समस्या होने या अन्य कई कारणों की वजह से हो सकता है। इससे होने वाला दर्द कभी होता है और कभी ठीक हो जाता है, लेकिन जब ये दर्द होता है, तो आमतौर पर बहुत ही तेज होता है। दांत दर्द से कभी-कभी जलन भी होती है।

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कुछ गंभीर मामलों में दांत के दर्द से चेहरे या गले में सूजन और यहां तक कि बुखार भी हो जाता है। इससे मसूड़ों की सूजन हो सकती है और उनमें से खून भी आ सकता है।

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हल्का दांत दर्द घरेलू उपाय करने से ठीक हो जाता है, लेकिन अगर इसकी वजह गंभीर है, तो इसके लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता होती है। दांतों के डॉक्टर को “डेंटिस्ट” कहा जाता है।

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इस लेख में दांत दर्द के लिए क्या करना चाहिए, क्या लगाएं और डेंटिस्ट के पास कब जाएं के बारे में बताया गया है।

  1. दांत दर्द होने पर क्या करना चाहिए - Dant dard ho to kya karna chahiye
  2. दांत दर्द में क्या लगाना चाहिए - Dant dard me kya lagaye
  3. दांत में दर्द होने पर डेंटिस्ट के पास कब जाएं - Dant me dard ke liye dentist ke pas kab jana chahiye

दांत का दर्द होने पर कुछ प्राथमिक उपचार किए जा सकते हैं, लेकिन आमतौर पर ये उपचार कुछ समय के लिए काम करते हैं और आपको डेंटिस्ट के पास जाने की आवश्यकता होती ही है। ये उपाय निम्नलिखित हैं -

  • सबसे पहले नमक के पानी से कुल्ला करें। ध्यान रहे कि पानी अंदर न लें, इसे बाहर थूक दें। (और पढ़ें - नमक के पानी के फायदे)
  • इसके बाद ब्रश का फ्लॉस की मदद से दांतों के बीचे फंसे खाने को निकालने का प्रयास करें। ध्यान रहे कि आप अधिक दबाव लगाकर या जबरदस्ती खाना निकालने का प्रयास न करें, इससे कोई अन्य समस्या हो सकती है या आपकी समस्या बढ़ भी सकती है। (और पढ़ें - टूथपेस्ट के पाँच फायदे)
  • इसके बाद ऐसे माउथवाश से कुल्ला करें जिसमें हाइड्रोजन पेरोक्साइड हो। हाइड्रोजन पेरोक्साइड से मुंह के बैक्टीरिया मर जाते हैं और प्लाक (दांत का मैल) भी कम होता है। इसके अलावा हाइड्रोजन पेरोक्साइड से मसूड़ों से खून आने की समस्या भी ठीक होती है।
  • अगर दर्द बर्दाशत नहीं हो रहा है या आपको इससे बहुत अधिक परेशानी हो रही है, तो मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली एसीटामीनोफेन या आइबुप्रोफेन जैसी दर्द निवारक दवाएं ली जा सकती हैं। (और पढ़ें - पेन किलर के साइड इफेक्ट)
  • अगर आप एस्पिरिन लेते हैं, तो इसे 18 साल से कम व्यक्ति को न दें और किसी भी दर्द निवारक दवा को अपने मसूड़ों पर न रखें, इससे मसूड़ों के ऊतक जल सकते हैं।
  • दर्द कम करने के लिए आप दांत पर सिकाई भी कर सकते हैं। सिकाई करते समय ध्यान देने वाली बात ये है कि कभी-कभी व्यक्ति को सिकाई से दर्द और अधिक होने लगता है। इसके लिए पहले इस बात का ध्यान रखें कि आपको ठंडा या गर्म खाने-पीने से समस्या होती है या नहीं। अगर आपको ठंडा खाने से दांत में दर्द होता है, तो आपको ठंडी सिकाई करनी चाहिए। अगर आपको ठंडा खाने से दांत में दर्द नहीं होता है या गर्म खाने से दांत के दर्द में आराम आता है, तो आपको गर्म सिकाई करनी चाहिए। (और पढ़ें - सिकाई के फायदे)
  • किसी भी प्रकार की सिकाई करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप सिकाई वाली वास्तु को सीधे अपनी त्वचा या मसूड़ों पर न लगने दें, इससे आपकी त्वचा को नुक्सान हो सकता है। सिकाई वाली वास्तु को हमेशा तौलिये में लपेटकर सिकाई करें। (और पढ़ें - त्वचा पर बर्फ लगाने के फायदे)

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दांत दर्द होने पर आप निम्नलिखित चीजें लगा सकते हैं -

प्राकृतिक उपाय

  • लौंग:
    दांत में दर्द होने पर सबसे पहले लौंग ही दिमाग में आता है क्योंकि इसे लम्बे समय से दांत दर्द के लिए उपयोग किया जा रहा है। लौंग से दर्द वाली जगह सुन्न हो जाती है और सूजन भी कम होती है। आप लौंग को अपने दांत के बीच रख सकते हैं या लौंग के तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके लिए थोड़े से लौंग के तेल को रुई में डालें और अपने दांत पर लगाएं। लौंग का तेल तेज होता ही, इसीलिए अगर आपको जरूरत महसूस हो तो इसमें थोड़ा सा पानी मिला लें। आप एक गिलास पानी में थोड़ा सा लौंग का तेल डालकर माउथवाश भी बना सकते हैं।
     
  • लहसुन:
    दांत दर्द का एक और उपाय है लहसुन। सालों से लहसुन को उसकी औषधीय विशेषताओं के कारण दांत दर्द में उपयोग किया जा रहा है। ये बैक्टीरिया को भी मरता है और दर्द से भी आराम देता है। आप लहसुन की एक फांक को धीरे-धीरे चबा सकते हैं या उसे पीसकर पेस्ट बना सकते हैं। इस पेस्ट को अपने दांत पर लगाएं और अगर जरूरत महसूस हो, तो इसमें हल्का सा नमक मिला लें। (और पढ़ें - खाली पेट लहसुन खाने के फायदे)

दवाएं

  1. आप मेडिकल स्टोर पर मिलने वाले बेंजोकेन (Benzocaine) युक्त जेल या दवा को दांत और मसूड़े पर लगा सकते हैं।
  2. दांत दर्द के लिए आप मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली लिगनोकेन (Lignocaine) युक्त म्यूकोपेन (Mucopain) नामक जेल भी ले सकते हैं।

कभी-कभी दांत का दर्द घरेलू उपाय व प्राथमिक चिकित्सा करने के बाद भी ठीक नहीं होता है और आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता होती है। कुछ मामलों में, दांत के दर्द के साथ निचले जबड़े में दर्द, छाती के ऊपरी भाग में दर्द या हाथ के ऊपरी हिस्से में दर्द हो सकते हैं जिनका अर्थ एनजाइना या हार्ट अटैक हो सकता है।

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इसीलिए दांत दर्द के लिए डेंटिस्ट के पास जाना ही बेहतर होता है। अगर आपको निम्नलिखित लक्षण अनुभव हो रहे हैं, तो तुरंत अपने डेंटिस्ट के पास जाएं -

एक या दो दिन तक दर्द ठीक न होना।

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दांत दर्द होने पर आप जितनी जल्दी डेंटिस्ट के पास जाएंगे, आपका इलाज उतना ही बेहतर हो पाएगा।

 

नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।

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