नाक या मुंह में पानी जाने के कारण सांस न ले पाने की स्थिति को डूबना या "ड्राउनिंग" (Drowning) कहते हैं।
शुरुआत में डूब रहे व्यक्ति के फेफड़ों में थोड़ा सा पानी जाता है, जिससे मांसपेशियां ऐंठने लगती हैं और शरीर में सांस व पानी जाना बंद हो जाता है और व्यक्ति बेहोश होने लगता है। इसका मतलब है कि डूबने वाला व्यक्ति चिल्ला कर मदद नहीं मांग पाता क्योंकि उसे पर्याप्त हवा नहीं मिलती। शोर न मचा पाने की वजह से व्यक्ति को मदद नहीं मिल पाती और आस-पास लोग मौजूद होने के बाद भी वह बच नहीं पाता।
इस लेख में डूबते हुए व्यक्ति को कैसे बचाते हैं, खुद डूबने पर कैसे बचते हैं, डूबने का पता कैसे चलता है और पराचिकित्सा सहयोगी मदद कैसे करते हैं के बारे में बताया गया है।
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