व्हिप्पल प्रक्रिया अग्नाशय के कैंसर को ठीक करने के लिए की जाती है। अग्नाशय शरीर में पाचन क्रिया को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। हालांकि, अग्नाशय में ट्यूमर होने के कारण ये क्रियाएं प्रभावित होती हैं।
व्हिप्पल प्रक्रिया छोटी आंत या बाइल डक्ट कैंसर और अग्नाशयशोथ के लिए भी किया जा सकता है। हालांकि, जब कैंसर फ़ैल चुका होता है तो यह सर्जरी नहीं की जाती है।
इस सर्जरी में अग्नाशय के सिरे, पित्ताशय, पित्ताशय की थैली का कुछ भाग और छोटी आंत को निकाला जाता है और कुछ मामलों में पेट का कुछ हिस्सा भी निकाला जाता है। इसके बाद बचे हुए अंगों को वापस से जोड़ दिया जाता है ताकि पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता रहे। इस प्रक्रिया के लिए व्यक्ति को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है। आपको दो हफ्ते तक अस्पताल में रहने को कहा जाएगा। यदि आपको घाव के स्थान पर दर्द, सूजन, लालिमा और बुखार जैसे कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। डिस्चार्ज होने के दो हफ्ते बाद आपको डॉक्टर के पास जाना होगा।
- व्हिप्पल प्रक्रिया क्या है - Whipple procedure Kya Hai
- व्हिप्पल प्रक्रिया क्यों की जाती है - Whipple procedure kyon ki jati hai
- व्हिप्पल प्रक्रिया से पहले की तैयारी - Whipple procedure se pehle ki taiyari
- व्हिप्पल प्रक्रिया कैसे होती है - Whipple procedure Kaise Hoti Hai
- व्हिप्पल प्रक्रिया के बाद देखभाल - Whipple procedure Ke Baad Dekhbhal
- व्हिप्पल प्रक्रिया के खतरे और जटिलताएं - Whipple procedure ke khatre
- व्हिप्पल प्रक्रिया का परिणाम - Whipple procedure ke parinam
- व्हिप्पल प्रक्रिया का कितना खर्चा आता है - Whipple procedure Ka Kharcha
व्हिप्पल प्रक्रिया क्या है - Whipple procedure Kya Hai
व्हिप्पल प्रक्रिया अग्नाशय के कैंसर को ठीक करने के लिए की जाने वाली सर्जरी है। अग्नाशय का कैंसर पेट के पिछले भाग में मौजूद अंग अग्नाशय के सिरे से शुरू होता है। इस सर्जरी के दौरान अग्नाशय का ऊपरी भाग, पित्ताशय की थैली (लिवर के नीचे एक छोटा अंग), ड्यूडेनम (छोटी आंत का एक हिस्सा) का एक बड़ा हिस्सा, पित्त वाहिका का एक भाग और आसपास की लसिका ग्रंथियों को निकाल दिया जाता है। कभी-कभी ड्यूडेनम को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है और पेट का कुछ हिस्सा भी हटाया जाता है।
व्हिप्पल प्रक्रिया क्यों की जाती है - Whipple procedure kyon ki jati hai
व्हिप्पल प्रक्रिया की सलाह निम्न स्थितियों में दी जाती है -
- अग्नाशय का कैंसर
- पित्ताशय की थैली में कैंसर
- छोटी आंत में कैंसर
- लंबे समय से अग्नाशयशोथ
उपरोक्त स्थितियों के कुछ सामान्य लक्षण इस तरह से हैं -
- पीलिया
- जी मिचलाना और उल्टी
- पेट में दर्द और कमर में दर्द
- भूख कम लगना
- बिना कारण के वजन कम होना
- लिवर या गाल ब्लैडर का बढ़ जाना
इसके अलावा अग्नाशय के कैंसर के कारण गहरे रंग का पेशाब, त्वचा में खुजली, ग्रीस जैसा या हल्के रंग का मल, रक्त के थक्के या डायबिटीज जैसी स्थितियां भी पैदा हो जाती हैं, वहीं पित्ताशय के कैंसर में इन्ही लक्षणों के साथ बुखार भी आता है।
छोटी आंत के कैंसर में थकान, कमजोरी, गहरे रंग का मल और एनीमिया जैसे लक्षण हो सकते हैं वहीं लंबे समय से हुए अग्नाशयशोथ में मल में फैट आ सकता है।
जिन लोगों को छोटी आंत और अग्नाशय के सिरे में चोट लगी हो उनके लिए व्हिप्पल प्रक्रिया एक आपातकालीन जीवनरक्षक सर्जरी की तरह की जा सकती है।
व्हिप्पल प्रक्रिया से पहले की तैयारी - Whipple procedure se pehle ki taiyari
सर्जरी के लिए निम्न तैयारी की जरूरत होती है -
- यदि आपको उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और कोई फेफड़े के रोग या हृदय की बीमारी है तो इन्हें नियंत्रण में रखने के लिए डॉक्टर के संपर्क में रहें
- डॉक्टर प्रक्रिया से पहले निम्न टेस्ट कारवाने को कह सकते हैं -
- इलेक्ट्रोलाइट के लिए ब्लड टेस्ट, लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट और कम्पलीट ब्लड काउंट
- इमेजिंग टेस्ट जैसे अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेंगियोपेंक्रिएटोग्राफी (पित्ताशय और अग्नाशय की थैली)
- डॉक्टर आपको रक्त को पतला करने वाली दवाएं जैसे एस्पिरिन, वार्फरिन और आईबूप्रोफेन लेने से मना कर सकते हैं
- सर्जरी से जल्दी रिकवर करने के लिए धूम्रपान न करें
- यदि आपका वजन कम हुआ है तो सर्जरी के बाद इसे बढ़ाने का प्रयास करें
- आपको भोजन पचाने के लिए पेंक्रियेटिक एंजाइम सप्लीमेंट लेने की जरूरत हो सकती है
- प्रक्रिया से कुछ घंटे पहले आपको भूखे रहने को कहा जा सकता है
- सर्जरी की अनुमति देने के लिए डॉक्टर आपसे फॉर्म भरवाएंगे
व्हिप्पल प्रक्रिया कैसे होती है - Whipple procedure Kaise Hoti Hai
अस्पताल में भर्ती हो जाने के बाद आपको अस्पताल का गाउन पहनने को कहा जाएगा और ऑपरेशन रूम में ले जाया जाएगा। डॉक्टर सोने की दवा के साथ आपको जनरल एनेस्थीसिया देंगे।
डॉक्टर आपकी बांह में आइवी ट्यूब लगाएंगे, जिससे आपको सर्जरी से पहले और सर्जरी के बाद एंटीबायोटिक की खुराक दी जाएगी।
सर्जरी निम्न तरीकों से की जा सकती है -
- ओपन सर्जरी - इस सर्जरी में ट्यूमर के मौजूदा स्थान के अनुसार सर्जन बड़ा चीरा लगाते हैं। साथ ही यह भी देखा जाता है कि आसपास के ऊतकों में कैंसर फैला है या नहीं। चीरा पेट के बीच में ऊपर से नीचे की ओर लगाया जा सकता है या फिर पसलियों के नीचे दाएं से बाएं लगाया जा सकता है।
- लेप्रोस्कोपिक सर्जरी - इस तकनीक के दौरान कई छोटे चीरे लगाए जाते हैं और एक ट्यूब जिसमें छोटा कैमरा और लाइट होते हैं उसे चीरों में डाला जाता है। इससे डॉक्टर ट्यूमर को दो दिशाओं में देख पाते हैं और साथ ही आसपास के अंग भी साफ दिखाई देते हैं। इन चीरों के जरिए डॉक्टर सर्जिकल उपकरणों का प्रयोग करके सर्जरी करते हैं।
इस प्रक्रिया में निम्न चरण शामिल होते हैं -
- चीरा लगाने के बाद सर्जन आसपास के भाग की जांच करेंगे, ताकि मौजूदा ट्यूमर या बढी हुई लसिका ग्रंथियों का पता लगाया जा सके। वे उस भाग की बायोप्सी भी कर सकते हैं। यदि कैंसर के लिए सैंपल पॉजिटिव आते हैं तो सर्जरी को रोक दिया जाएगा।
- यदि सैंपल नेगेटिव आए हैं तो प्रक्रिया निम्न तरह से होगी -
- सर्जन सर्जरी के भाग से बड़ी रक्त वाहिकाओं को हटा देंगे
- इसके बाद वे आसपास के ऊतकों से अग्नाशय के सिरे और छोटी आंत को अलग करेंगे, फिर पित्ताशय की थैली को निकाल दिया जाएगा। साथ ही आसपास की लसिका ग्रंथियों को भी निकाला जाएगा।
- जरूरत होने पर पेट का निचला हिस्सा, अग्नाशय का ऊपरी सिरा और छोटी आंत तीनों को निकाला जा सकता है।
- इसके बाद सर्जन अग्नाशय, पेट और पित्त वाहिका को टांकों की मदद से छोटी आंत से जोड़ देंगे। इसके बाद द्रवों को निकालने के लिए ड्रेनेज ट्यूब लगाई जाएगी।
- अंत में आपके पेट की दीवारों को टांकों से सिल दिया जाएगा।
सर्जरी को पूरा होने में चार से सात घंटे का समय लग सकता है। सर्जरी के बाद निम्न की अपेक्षा की जा सकती है -
- सर्जरी के बाद आप एक रात के लिए आईसीयू में होंगे और फिर आपको सामान्य वार्ड में भेज दिया जाएगा। किसी भी तरह की जटिलता की जांच करने के लिए नर्स आपको समय-समय पर जांचती रहेंगी।
- नर्स आपको आइवी के जरिए दर्दनिवारक दवाएं देंगी।
- रक्त के थक्के जमने से बचाने के लिए डॉक्टर आपको इंजेक्शन भी लगाएंगे
- आपके ब्लैडर में यूरिन को इकट्ठा करने के लिए कैथिटर भी लगाया जाएगा। कैथिटर, आइवी लाइन और ड्रेनेज ट्यूब की आवश्यकता खत्म होने के बाद इन्हें हटा दिया जाएगा।
- सर्जरी के अगले दिन आपको थोड़ा बहुत चलने को कहा जाएगा।
- आप सर्जरी के बाद पानी, दूध, चाय, कॉफ़ी और जूस जैसे भोजन पदार्थों से शुरुआत कर सकते हैं। धीरे-धीरे हल्का खाना और कुछ समय बाद सामान्य खाना खा सकते हैं। यदि छोटी आंत से लगे पेट, अग्नाशय और पित्त वाहिका के टांके में कोई लीक है तो आपको कुछ दिनों तक आइवी से ही खाना दिया जाएगा।
- नर्स आपकी पट्टियां बदल देंगी। आपके पेट पर लगे टांके सर्जरी से बाद दस से चौदह दिन में हटा दिए जाएंगे।
- पैथोलॉजिस्ट आपके ऊतकों की जांच करेंगे ताकि हटाए गए ऊतकों में कैंसर की मौजूदगी का पता लगाया जा सके
- एक से दो हफ्ते बाद आपको अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा
- जरूरत होने पर आपको कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी भी दी जा सकती है
व्हिप्पल प्रक्रिया के बाद देखभाल - Whipple procedure Ke Baad Dekhbhal
सर्जरी करवा कर घर आने के बाद आपको निम्न बातों का ध्यान रखना होगा -
- एक से दो हफ्ते तक पट्टियां न हटाएं।
- घाव को गीला न करें। नहाते हुए हल्के साबुन और पानी का इस्तेमाल करें। घाव के आसपास के भाग को भी आराम से धोएं।
- घाव को सूर्य की रौशनी से दूर रखें।
- भोजन का पैटर्न बनाने में आपको थोड़ी समस्या हो सकती है। इसके लिए निम्न निर्देशों का पालन करें -
- तरल पदार्थ के सेवन बढ़ा दें
- वसायुक्त भोजन न खाएं
- दिनभर थोड़ा-थोड़ा खाते रहें
- फूड सप्लीमेंट लें
- सर्जरी के छह हफ्ते बाद तक कुछ भी भार न उठाएं
- आप तीन महीने बाद काम पर लौट सकते हैं। हालांकि, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस तरह का कार्य करते हैं और आपको कीमोथेरेपी दी गयी है या नहीं।
सर्जरी के निम्न फायदे हैं -
- आपका जीवनकाल बढ़ता है और अग्नाशय का कैंसर ठीक हो जाता है
- पीलिया, पाचन की समस्या और दर्द से भी राहत मिलती है
डॉक्टर के पास कब जाएं?
यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं -
- दर्द का बढ़ना
- बुखार
- ऑपरेशन के स्थान से रिसाव
- घाव के स्थान पर लालिमा और सूजन
- तीन दिन तक मल न आना
- बार-बार मल आना, तैलीय मल और दस्त लगना
व्हिप्पल प्रक्रिया के खतरे और जटिलताएं - Whipple procedure ke khatre
व्हिप्पल प्रक्रिया से जुड़ी जटिलताएं निम्न हैं -
- रक्तस्त्राव
- पोस्ट ऑपरेटिव डायबिटीज
- संक्रमण
- भोजन का बिना पचे मल में निकल जाना
व्हिप्पल प्रक्रिया का परिणाम - Whipple procedure ke parinam
व्हिप्पल प्रक्रिया के बाद 20 से 25 प्रतिशत लोगों की आयु पांच साल तक बढ़ जाती है। यदि ट्यूमर को निकाल भी दिया जाता है तो भी यह आशंका है कि कैंसर कोशिकाएं शरीर के किसी भाग में पहले ही फैल चुकी हों, जहां वे एक अन्य ट्यूमर का निर्माण कर सकती हैं।
जिन लोगों के शरीर में आसपास की लसिका ग्रंथियों में कैंसर नहीं फैला होता है, उनकी जीवन प्रत्याशा पांच वर्ष तक बढ़ जाती है।
व्हिप्पल प्रक्रिया का कितना खर्चा आता है - Whipple procedure Ka Kharcha
व्हिप्पल प्रक्रिया का औसत खर्चा 3 से 6 लाख के बीच में आता है। अलग-अलग शहरों व अलग-अलग अस्पतालों में इस सर्जरी की लागत भिन्न हो सकती है। छोटे शहरों में जहां यह कीमत 3 से 4 लाख हो सकती हैं वहीं बड़े शहरों या महानगरों में ये खर्चा 7 लाख रुपये तक हो सकती है।
सर्जरी की लागत
संदर्भ
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