सर्जरी की जानकारी के लिए फॉर्म भरें।
हम 48 घंटों के भीतर आपसे संपर्क करेंगे।

थाइमस ग्रंथि को निकालने वाली सर्जिकल प्रक्रिया को थाइमेक्टोमी कहा जाता है। थाइमस ग्रंथि छाती के अंदरूनी हिस्से में मौजूद होती है। यह ग्रंथि बच्चे के जीवन के पहले 5 से 6 सालों तक सक्रिय रहती है। यह ग्रंथि प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाने का काम करती है। उसके बाद जब प्यूबर्टी शुरू होती है, तो इस ग्रंथि का आकार छोटा पड़ने लगता है। हालांकि, वयस्क लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाने से संबंधी थाइमस ग्रंथि का कोई काम नहीं होता है।

थाइमेक्टोमी को मुख्य रूप से दो रोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें मायस्थेनिया ग्रेविस और थाइमोमा (थाइमस ट्यूमर) के नाम से जाना जाता है। थाइमेक्टोमी सर्जरी के घावों को ठीक होने में आमतौर पर कुछ हफ्तों का समय लगता है। हालांकि, सर्जरी के प्रकार व मरीज की हालत के अनुसार इससे कम या ज्यादा समय भी लग सकता है। डॉक्टर आपको सर्जरी के बाद लगातार 6 हफ्तों तक चेकअप करवाने के लिए कह सकते हैं।

(और पढ़ें - हार्ट बाईपास सर्जरी)

  1. थाइमेक्टोमी क्या है - What is Thymectomy in Hindi
  2. थाइमेक्टोमी क्यों की जाती है - Why is Thymectomy done in Hindi
  3. थाइमेक्टोमी से पहले - Before Thymectomy in Hindi
  4. थाइमेक्टोमी के दौरान - During Thymectomy in Hindi
  5. थाइमेक्टोमी के बाद - After Thymectomy in Hindi
  6. थाइमेक्टोमी के जोखिम - Complications of Thymectomy in Hindi

थाइमस ग्रंथि को सर्जरी की मदद से निकालने की प्रक्रिया को थाइमेक्टोमी कहा जाता है। थाइमस छाती की हड्डी (ब्रेस्टबोन) के पीछे स्थित एक ग्रंथि है। यह ग्रंथि बच्चों में प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाने का काम करती है। प्यूबर्टी के बाद यह ग्रंथि वसायुक्त ऊतकों को छोड़ने लग जाती है और परिणामस्वरूप इसका आकार छोटा पड़ने लगता है। वयस्कों में यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाने का काम नहीं करती है।

थाइमेक्टोमी सर्जिकल प्रक्रिया का इस्तेमाल आमतौर पर ऐसी समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है, जो थाइमस ग्रंथि को प्रभावित करती हैं, जैसे थाइमोमा और मायस्थीनिया ग्रेविस। थाइमोमा थाइमस ग्रंथि में होने वाला एक कैंसरयुक्त ट्यूमर होता है, जबकि मायस्थीनिया ग्रेविस एक प्रकार का स्व प्रतिरक्षित रोग है, जिससे मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं। मायस्थीनिया ग्रेविस से ग्रस्त अधिकतर लोगों में थाइमस संबंधी रोग पाए जाते हैं जैसे थाइमोमा या थाइमस ग्रंथि का आकार असाधारण रूप से बढ़ जाना।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

डॉक्टर निम्न स्थितियों में थाइमेक्टोमी सर्जरी करने पर विचार कर सकते हैं -

  • मायस्थीनिया ग्रेविस से ग्रस्त लोग (विशेष रूप से 60 साल से कम उम्र वाले)
  • थाइमोमा से ग्रस्त लोग
  • मायस्थीनिया ग्रेविस के मरीज जिनके रक्त में एसीटेलकोलीन रिसेप्टर एंटीबॉडीज पाए जाते हैं।

जो व्यक्ति मायस्थीनिया ग्रेविस के मरीज होते हैं, उनमें विशेष रूप से मांसपेशियों में कमजोरी के लक्षण देखे जाते हैं। ये लक्षण आमतौर पर ऑटो-एंटीबॉडीज के कारण होते हैं, जिनमें एसीटेलकोलीन, एमयूएसके और एलआरपी4 आदि शामिल हैं, जो आमतौर पर तंत्रिकाओं व मांसपेशियों के जोड़ को क्षति पहुंचाने लगते हैं।

मायस्थीनिया ग्रेविस और थाइमोमा के मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं, जिनके मिलने पर डॉक्टर आमतौर पर सर्जरी करवाने की सलाह ही देते हैं -

(और पढ़ें - पसली में सूजन का इलाज)

थाइमेक्टोमी प्रक्रिया शुरू करने से पहले डॉक्टर निम्न टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं -

इन टेस्टों के अलावा डॉक्टर मरीज का शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं और साथ ही मरीज से उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली स्थितियों के बारे में भी पूछा जाता है। कुछ गंभीर मामलों में स्थिति को ठीक से समझने के लिए मरीज की बायोप्सी की जाती है। बायोप्सी में शरीर के प्रभावित भाग से ऊतक का एक छोटा सा टुकड़ा सैंपल के रूप में लिया जाता है, जिसका माइक्रोस्कोप की मदद से परीक्षण किया जाता है।

इसके अलावा कुछ प्रकार के इमेजिंग टेस्ट भी किए जा सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

थाइमेक्टोमी सर्जरी से पहले कुछ तैयारियां करने की आवश्यकता होती है, जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • सर्जरी के लिए जाते समय परिवार के सदस्य या करीबी व्यक्ति को ले जाएं, जो वापस आते समय आपकी मदद कर सके।
  • धूम्रपान छोड़ दें क्योंकि यह सर्जरी के घावों को भरने में देरी कर सकता है।
  • आप जो भी दवाएं ले रहे हैं, सर्जरी से पहले ही डॉक्टर को उनके बारे में बता दें ताकि डॉक्टर जरूरत के अनुसार बदलाव करवा सकें।
  • सर्जरी से पहले आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी होता है, इसलिए सर्जन काफी समय पहले ही स्वस्थ आहार लेने और शरीर का वजन सामान्य बनाए रखने की सलाह दे सकते हैं।
  • सर्जरी से पहले ही डॉक्टर आपको प्रक्रिया से जुड़ी सभी जानकारी दे देते हैं, जिनमें सर्जरी के फायदे व नुकसान आदि सभी जानकारियां होती हैं।
  • अंत में आपसे एक विशेष फार्म भरवाया जाता है, जिसमें सर्जरी से पहले आपकी स्वीकृति मांगी जाती है।

(और पढ़ें - धूम्रपान की लत के लक्षण)

जब आप सर्जरी के लिए अस्पताल में पहुंच जाते हैं, निम्न तरीके से निर्देशित किया जाता है -

डॉक्टर सबसे पहले आपको सर्जिकल स्टॉकिन्गस पहनने की सलाह दें,गे ताकि आपकी टांगों में रक्त के थक्के (डीप वेन थ्रोम्बोसिस) न जम पाएं। जब तक आपकी अस्पताल से छुट्टी नहीं हो जाती है, तब तक उन स्टॉकिन्गस को इस्तेमाल करना होता है। खून के थक्के को रोकने के लिए आपको हेपारिन इंजेक्शन भी दिया जा सकता है।

उसके बाद आपके शरीर का तापमान, नाड़ी और ब्लड प्रेशर आदि की जांच की जाती है। सर्जरी के दौरान आपको दर्द से बचाने के लिए एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया जाता है।

थाइमेक्टोमी सर्जरी में आमतौर पर 1 से 3 घंटे तक का समय लगता है और यह कई अलग-अलग प्रक्रिया के अनुसार की जा सकती है -

  • ट्रांसस्टेरनल थाइमेक्टोमी -
    इस प्रक्रिया में सर्जन ब्रेस्टबोन के ठीक ऊपर चीरा लगाते हैं और उनके बीच में जगह बनाकर थाइमस ग्लैंड तक पहुंचते हैं। जैसे ही थाइमस ग्रंथि को निकाल दिया जाता है, ब्रेस्बोटन को उनकी जगह पर वापस लगाकर टांके लगा दिए जाते हैं। इस प्रक्रिया के बाद आपको कम से कम एक हफ्ते तक अस्पताल में रुकना पड़ सकता है।
  • वीडियो-एसिस्टेड थोराकोस्कोपिक सर्जरी (VATS) -
    इसे कीहोल सर्जरी भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में सर्जन छाती के बाईं या दाईं तरफ कई छोटे-छोटे कट लगाते हैं। इन कट में से सर्जरी के उपकरण और कैमरा शरीर के अंदर डाले जाते हैं। कैमरा की मदद से स्क्रीन में देखते हुए उपकरण द्वारा यह सर्जरी की जाती है।
     
  • रोबोटिक-एसिस्टेड थोराकोस्कोपिक सर्जरी (RATS) -
    इस प्रक्रिया में बहुत ही कम कट लगाने की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर छाती में पांच छोटे कट लगाते हैं, जिनकी मदद से सर्जरी के उपकरण और कैमरा अंदर जाता है। ये उपकरण व कैमरा एक रोबोट मशीन से जुड़े होते हैं। सर्जन रोबोट को कंट्रोल करते हैं, जो सर्जरी की मदद से थाइमस ग्रंथि को शरीर के अलग करते हैं।
  • ट्रांससर्वाइकल थाइमेक्टोमी -
    इसमें सर्जन ब्रेस्टबोन के ऊपरी और गर्दन के निचले हिस्से में कट लगाते हैं। इन कट के माध्यम से सर्जन थाइमस ग्रंथि को शरीर से अलग कर लेते हैं। ग्रंथि को निकालने के बाद उसे वापस बंद कर दिया जाता है।

सर्जरी के बाद आपको 24 घंटे तक रिकवरी रूम में रखा जाएगा यदि आपकी हालत को स्थिर होने में ज्यादा समय लग रहा है, तो 24 घंटे से अधिक समय के लिए भी आपको रखा जा सकता है। आपकी हालत स्थिर होने के बाद आपको दूसरे वार्ड में बदल दिया जाता है।

थाइमेक्टोमी सर्जरी के बाद आपको निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है -

  • घाव की देखभाल करना
  • सर्जरी के घाव को साफ व सूखा रखना
  • अधिक तंग कपड़े न पहनें
  • सर्जरी वाले हिस्से पर कोई साबुन या सेंट आदि न लगाएं
  • दर्द का निवारण

आपको कुछ समय के लिए सर्जरी वाले स्थान पर हल्का दर्द महसूस हो सकता है, जिसके लिए आपको दवाएं दी जाती हैं। दवाओं की मदद से यह दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है।

  • व्यायाम या कोई गंभीर शारीरिक गतिविधि न करें
  • शरीर को उचित आराम दें
  • संतुलित आहार लें
  • थोड़ा-थोड़ा करके कई बार खाएं
  • पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें
  • हल्का व नरम खाना लें
  • पर्याप्त मात्रा में पानी व अन्य तरल पेय पदार्थ पिएं

सर्जरी के बाद आपको रिकवर होने में कितना समय लगेगा यह पूरी तरह से थाइमेक्टोमी सर्जरी के प्रकार पर निर्भर करता है। रिकवरी के दौरान डॉक्टर ड्राइव न करने और न ही कोई अन्य मशीन चलाने का सुझाव देते हैं।

(और पढ़ें - व्यायाम करने का सही तरीका)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

थाइमेक्टोमी सर्जिकल प्रक्रिया में निम्न जटिलताएं व अन्य समस्याएं हो सकती हैं -

  • दर्द व अन्य तकलीफें होना
  • सर्जरी वाले स्थान पर संक्रमण होना
  • टांके वाले स्थान पर रक्तस्राव होना
  • श्वसन तंत्र काम करना बंद कर देना
  • छाती से किसी अन्य हिस्से में जाने वाली नस प्रभावित होना

(और पढ़ें - सीने में संक्रमण का इलाज)

संदर्भ

  1. Leeds Teaching Hospitals NHS Foundation Trust [Internet]. National Health Service. UK; Having a thymectomy
  2. Scottish Muscle Network [internet]. NHS Scotland National Network. National Health Service. UK; Thymectomy (removal of the thymus)
  3. Cleveland Clinic. [Internet]. Cleveland. Ohio. US; Thymectomy for Myasthenia Gravis
  4. Gilhus NE, Skeie GO, Romi F, Lazaridis K, Zisimopoulou P, Tzartos S. Myasthenia gravis - autoantibody characteristics and their implications for therapy. Nat Rev Neurol. 2016;12(5):259‐268. PMID: 27103470.
  5. Rogel Cancer Center: Michigan Medicine [Internet]. University of Michigan. US; Thymoma and Myasthenia Gravis Tumors
  6. Hassan A, Yasawy ZM. Myasthenia gravis: clinical management issues before, during and after pregnancy. Sultan Qaboos Univ Med J. 2017 Aug;17(3):e259–e267. PMID: 29062547.
  7. Morren J, Yuebing Li. Myasthenia gravis with muscle-specific tyrosine kinase antibodies: a narrative review. Muscle Nerv. 2018 Sep;58(3):344–358. PMID: 29461627.
  8. University College London Hospitals: NHS Foundation Trust [Internet]. National Health Service. UK; Thymectomy
  9. Beth Israel Lahey Health: Winchester Hospital [Internet]. Winchester. Maryland. US; Thymectomy.
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ