ओवेरियन कैंसर सर्जरी क्या है?
महिलाओं में होने वाले कैंसर का सबसे सामान्य प्रकार ओवरी या अंडाशय का कैंसर है। ओवरी महिलाओं के प्रजनन ग्रंथियों का एक जोड़ा है, जो कि गर्भाशय से दो ट्यूब (फैलोपियन ट्यूब) से जुड़ी होती हैं। ये अंडों का संचयन व सप्लाई करती हैं जो कि किसी को भी गर्भ धारण करने के लिए जरूरी है। आज के समय में ओवरियन कैंसर की स्क्रीनिंग के तरीके सीमित हैं और परीक्षण आमतौर पर देरी से किया जाता है। ऐसे में इससे बचना ही सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसकी पहचान अधिकतर आखिरी की अवस्थाओं में हो पाती है, जिसके कारण शुरुआती इलाज नहीं हो पाता और इलाज की सफलता की संभावना कम हो जाती है। ऐसे में सर्जरी ओवेरियन कैंसर से बचाव (उन महिलाओं में जिन्हें इसका अधिक खतरा है) और ट्रीटमेंट दोनों तरह से कार्य कर सकती है। आमतौर पर कैंसर के प्रकार और अवस्था का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग की जाती है। साथ ही स्क्रीनिंग से आगे की सर्जरी या ट्रीटमेंट को प्लान करने में मदद मिलती है। यह एक स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है। आपके ट्रीटमेंट के लिए लेप्रोस्कोपी या लैपरोटोमी की जा सकती है। लेप्रोस्कोपी में सर्जरी की मदद से शरीर के हिस्से में चीरा लगाया जाता है और फिर उसमें कैमरा डाला जाता है। लैपरोटॉमी में आपकी नाभि से स्तनों के बीच तक एक लंबा चीरा लगाकर सर्जिकल प्रक्रिया की जाती है।
भारत में अभी मेक्सिमल डिबल्किंग सर्जरी और टेलार्ड प्लैटिनम बेस्ड कीमोथेरेपी को मानक ट्रीटमेंट माना जाता है। इस सर्जरी को कुछ अन्य ट्रीटमेंट मेथड को जोड़कर किया जाता है, जैसे कीमोथेरेपी और रेडियो थेरेपी। सर्जरी के परिणाम किस तरह से आएंगे यह घाव की देख-रेख, सर्जरी के बाद स्वास्थ्य का ख्याल, शारीरिक व्यायाम, दवाएं और आहार आदि पर निर्भर करता है। सर्जरी में कुछ जटिलताएं भी हो सकती हैं, जैसे संक्रमण, ब्लीडिंग, रक्त के थक्के जमना आदि।
ओवेरियन कैंसर सर्जरी महिला प्रजनन तंत्र से कैंसरकारी या प्रभावित हिस्से को हटाने के लिए की जाती है। ओवेरियन कैंसर के इलाज के लिए होने वाली सर्जिकल प्रक्रिया में फेलोपियन ट्यूब को काटना, जोड़ना और हिस्टेरेक्टोमी (गर्भाशय को निकालने की सर्जरी) शामिल होते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि ओवेरियन कैंसर की शुरुआत गर्भाशय में ही होती है। इस सर्जरी से आपका शरीर कैंसर मुक्त हो जाएगा और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार आएगा साथ ही सर्जरी से यह भी सुनिश्चित हो जाता है कि यह कैंसर आपको दोबारा नहीं होगा।