सर्जरी की जानकारी के लिए फॉर्म भरें।
हम 48 घंटों के भीतर आपसे संपर्क करेंगे।

जब ग्‍लूकोमा यानी काले मोतियाबिंद के इलाज में अन्‍य उपचार और दवाएं विफल हो जाती हैं, तब उस स्थिति में ऑपरेशन किया जा सकता है। काले मोतियाबिंद के ऑपरेशन की मदद से आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है।

हमारी आंखों में ऑप्टिक नर्व होती हैं, जो किसी भी वस्तु का चित्र दिमाग तक पहुंचाती है। ग्लूकोमा के दौरान हमारी आंखों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। लगातार बढ़ते दबाव के कारण हमारी ऑप्टिक नर्व क्षतिग्रस्‍त हो सकती है। इस दबाव को इंट्रा-ऑक्युलर प्रेशर कहते हैं।

ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि भारत में लगभग 40 साल या उस से अधिक उम्र के 1 करोड़ से ज्यादा लोग काला मोतियाबिंद से पीड़ित हैं और यह सभी सही उपचार के बिना अपनी दृष्टि खो बैठेंगे। तकरीबन 3 करोड़ अन्य लोगों को प्राथमिक (क्रोनिक) ओपन-एंगल ग्लूकोमा है या होने का जोखिम है। कुल मिलाकर इस आयु वर्ग के 31 करोड़ लोगों में से 4 करोड़ लोग ग्लूकोमा होने के खतरे के साथ जी रहे हैं।

  1. ग्लूकोमा की सर्जरी क्या है - Kala motiyabind ka operation kya hai
  2. काला मोतियाबिंद का ऑपरेशन कब करवाना चाहिए - Glaucoma ka operation kab kiya jata hai
  3. ग्लूकोमा सर्जरी से पहले की तैयारी - Kala motiyabind ki surgery se pehle ki taiyari
  4. काला मोतियाबिंद का ऑपरेशन कैसे होता है - Glaucoma surgery kaise hoti hai
  5. ग्लूकोमा के ऑपरेशन के बाद की सावधानियां - Glaucoma operation ke baad savdhaniya
  6. काला मोतियाबिंद के ऑपरेशन के नुकसान - Kala motiyabind ki surgery ke side effect

किस प्रकार की सर्जरी करनी है, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का ग्‍लूकोमा हुआ है और ये कितना गंभीर रूप ले चुका है। ग्‍लूकोमा के लिए लेजर ट्रीटमेंट या इंट्रा-ऑक्‍युलर दबाव को कम करने के लिए आंख में कट लगाकर ऑपरेशन किया जाता है। जब दवा इस दबाव को कम करने में असफल हो जाती है तब सर्जरी से इसे कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, आंखों या दृष्टि को पहुंचे नुकसान को फिर से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन आंखों की रोशनी को खत्‍म होने से रोका जरूर जा सकता है।

नेत्र विशेषज्ञ द्वारा ही ग्‍लूकोमा का ऑपरेशन किया जाता है। आइए जानते हैं कि कब और किस स्थिति में कौन-सी सर्जरी की जाती है।

  • ओपन एंगल ग्लूकोमा
    ओपन एंगल ग्‍लूकोमा में ट्रैबेक्‍युलोप्‍लास्‍टी की जाती है। इस प्रकार के ग्‍लूकोमा की वजह से सबसे ज्‍यादा लोग अंधेपन का शिकार होते हैं। इसमें आंखों के फ्लूइड को बाहर निकालने वाली नलियां धीरे-धीरे बंद हो जाती हैं। परिणामस्वरूप आखों का तरल पदार्थ उचित मात्रा में बाहर नहीं निकल पाता और आख के अंदरूनी हिस्से पर दबाव (इसे इंट्रा-ऑक्युलर प्रेशर कहते हैं) बढ़ जाता है। ट्रैबेक्‍युलोप्‍लास्‍टी से फ्लूइड ठीक तरह से स्रावित होता है और आंख में दबाव कम पड़ता है।
     
  • एंगल-क्लोजर ग्लूकोमा
    इस प्रकार के ग्लूकोमा को एक्यूट ग्लूकोमा या नैरो एंगल ग्लूकोमा भी कहा जाता है। यह ओपन एंगल ग्लूकोमा से बहुत ज्यादा अलग है, क्योंकि इसमें आंखों पर दबाव बहुत तेजी से बढ़ता है। ऐसा तब होता है, जब आंखों के फ्लूइड को बाहर निकालने वाली नलियां बंद हो जाती हैं। इस स्थिति को ठीक करने के लिए इरिडोटोमी सर्जरी की जाती है।

नेत्र विशेषज्ञ आंख के दबाव को कम करने के लिए पहले आपको आई ड्रॉप्‍स या खाने के लिए दवाएं देंगे। अगर इससे मरीज की स्थिति में कोई सुधार नहीं आता है तो फिर सर्जरी की जाती है।

यदि दवाओं के गंभीर साइड इफेक्‍ट दिख रहे हैं जैसे कि हाई ब्‍लड प्रेशर, दिल की धड़कन तेज होना या नपुंसकता की समस्‍या हो रही है तो आपके लिए सर्जरी ज्‍यादा बेहतर रहेगी। जिन लोगों की आंख पर बहुत ज्‍यादा दबाव पड़ रहा है और उनकी आंखों की रोशनी जाने का खतरा है, तो उन्‍हें तुरंत सर्जरी करवा लेनी चाहिए।

सर्जरी से पहले डॉक्‍टर मरीज से हाल ही में हुई कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या के बारे में पूछते हैं जो कि आंख की सर्जरी को प्रभावित कर सकती है।

  • अगर आपको किसी दवा से एलर्जी है तो डॉक्‍टर को उसके बारे में बता दें।
  • सर्जरी की सुबह कुछ भी न खाने-पीने के लिए कहा जाता है।
  • यदि आप कोई खून पतला करने की दवा ले रहे हैं तो डॉक्‍टर की सलाह पर उसे लेना बंद कर दें, क्‍योंकि इसकी वजह से सर्जरी के दौरान ब्‍लीडिंग को रोकना मुश्किल हो सकता है। कुछ लोग पैरों की नसों में खून के थक्‍के जमने या आर्टिफिशियल हार्ट वाल्‍व जैसी गंभीर स्थितियों के लिए खून पतला करने वाली दवाएं लेते हैं जो कि सर्जरी के लिए सही नहीं हैं।
  • ऑपरेशन से पहले मरीज को आंख में एनेस्‍थीसिया दिया जाता है। आमतौर पर दोनों आंखों और नसों में एनेस्‍थीसिया दिया जाता है।
  • एनेस्‍थीसिया देने के बाद मरीज के हार्ट रेट, ब्‍लड प्रेशर और खून में ऑक्‍सीजन के स्‍तर को मॉनिटर किया जाता है।
  • कुछ सर्जन एनेस्‍थीसिया की जगह सिर्फ आई ड्रॉप्‍स या आंख के पास इंजेक्‍शन लगाते हैं।

ग्‍लूकोमा के लिए कई तरह की सर्जरी की जा सकती हैं, जिससे आंख के अंदर से फ्लूइड (तरल पदार्थ) के निकलने को सहज कर दबाव को कम किया जा सके। इसके लिए निम्‍न प्रकार की सर्जरी की जा सकती हैं -

  • लेजर थेरेपी 
    ओपन एंगल ग्‍लूकोमा के लिए लेजर ट्रैबेक्‍यूलोप्‍लास्‍टी की जाती है। इसमें डॉक्‍टर छोटी लेजर बीम से ट्रैबेक्‍यूलर मैशवर्क (आंख में कॉर्निया के बेस के आसपास का ऊतकों वाला हिस्‍सा) में आ रही रुकावट को खोलते हैं। इस सर्जरी के बाद आंखों की स्थिति में कुछ हफ्ते बाद सुधार आता है।
     
  • ट्रैबेक्‍यूलेक्‍टोमी
    इसमें आंख के सफेद हिस्‍से के जरिए सर्जन ट्रैबेक्‍यूलर मैशवर्क के हिस्‍से को हटा देते हैं। इस सर्जरी में इलेक्ट्रिक करंट से आंख के फ्लूइड की नलियों का एक छोटा-सा हिस्‍सा हटाया जाता है।
     
  • स्‍केलेरेक्‍टोमी 
    इस सर्जरी में नेत्र विशेषज्ञ आंख पर पड़ रहे दबाव को कम करने और अतिरिक्‍त फ्लूइड को बाहर निकालने के लिए एक छोटी ट्यूब शंट (इससे फ्लूइड को स्र‍ावित होने में मदद मिलती है) लगाते हैं। इसमें आंखों की ड्रेनेज ट्यूब्‍स (जिन नलियों में तरल पदार्थ स्रावित होता है) को चौड़ा किया जाता है। कभी-कभी इसके लिए नलियों में एक छोटा-सा डिवाइस भी लगाया जाता है।
     
  • मिनीमली इनवेसिव ग्‍लूकोमा सर्जरी (एमआईजीएस)
    आंख के प्रेशर को कम करने के लिए डॉक्‍टर इस सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। इसमें ऑपरेशन के बाद मरीज को ज्‍यादा देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती है और इसमें ड्रेनेज डिवाइस का भी कम इस्‍तेमाल किया जाता है। अक्‍सर मोतियाबिंद के ऑपरेशन के साथ ये सर्जरी की जाती है।
    सर्जरी के बाद मरीज को चेकअप के लिए नियमित डॉक्‍टर के पास आना पड़ता है। अगर आंख पर दबाव ऑपरेशन के बाद भी पड़ रहा है या आंख में कोई अन्‍य बदलाव महसूस हो रहा है तो आपको आगे भी अन्‍य उपचार या इलाज की जरूरत पड़ सकती है।
     
  • विस्‍कोकैनालोस्‍टोमी 
    इस सर्जरी में आंख के अंदर की नाडियों (चैनल्स) को खोला जाता है जिससे कि फ्लूइड आसानी से निकल सके। जब लेजर सर्जरी से ऐसा नहीं हो पाता है, तभी विस्‍कोकैनालोस्‍टोमी सर्जरी की जाती है। 
  • इरिडोटोमी 
    आंख की पुतली (आईरिस) के बाहरी किनारे में छेद किया जाता है, जिससे कि उसका एंगल चौड़ा हो जाता है। इस प्रकार की सर्जरी से फ्लूइड आसानी से बाहर निकल पाता है।

ग्‍लूकोमा के ऑपरेशन के बाद पहले सप्‍ताह तक बार-बार नेत्र विशेषज्ञ के पास जांच करवाने जाने की जरूरत होती है। सर्जरी के अगले दिन सभी मरीजों को डॉक्‍टर को दिखाने जाना पड़ता है और अगर सब कुछ ठीक रहा है तो फिर एक सप्‍ताह बाद और फिर एक से तीन हफ्ते के बाद दिखाने आना होता है।

  • कुछ हफ्ते के लिए डॉक्‍टर आपको आंख में डालने के लिए आई ड्रॉप्‍स (एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड) देंगे। आप ऑपरेशन से पहले जिन आई ड्रॉप्‍स का इस्‍तेमाल करते आए हैं, अब उन्‍हें छोड़ दें। जिस आंख का ऑपरेशन नहीं हुआ है उसमें पहले वाली ही आई ड्रॉप्‍स डाल सकते हैं।
  • जिस आंख का ऑपरेशन हुआ है, उससे धुंधला दिखना सामान्‍य है। ऐसा कुछ हफ्तों या इससे ज्‍यादा समय के लिए हो सकता है।
  • ऑपरेशन के दो सप्‍ताह बाद ही काम पर जाएं।
  • एक महीने तक कोई कठिन काम, व्‍यायाम न करें और न ही धूल-मिट्टी वाली जगह पर जाएं।
  • ऑपरेशन के तुरंत बाद या एक सप्‍ताह तक पढ़ने, टीवी देखने या कंप्‍यूटर के इस्‍तेमाल से बचें।
  • सर्जरी के बाद लगभग एक महीने तक दौड़ लगाना, भारी सामान उठाना या फिटनेस वर्कआउट न करें।
  • आंखों के ऑपरेशन के बाद एक हफ्ते तक आपको चश्‍मा लगाना पड़ सकता है।

ग्‍लूकोमा सर्जरी के बाद मोतियाबिंद का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा काला मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद निम्‍न तरह की समस्‍याएं हो सकती हैं -

  • आंखों में दर्द या लालिमा
  • अब भी आंख पर बहुत ज्‍यादा या कम दबाव पड़ना
  • नजर कमजोर होना
  • संक्रमण
  • जलन
  • आंख में ब्‍लीडिंग होना

काला मोतियाबिंद के ऑपरेशन से पहले जितनी आंखों की रोशनी कम हो चुकी है, उसे ठीक नहीं किया जा सकता है। अगर इस सर्जरी के बाद भी आंख पर दबाव कम नहीं होता है तो आपको दवाओं या और सर्जरी करवाने की जरूरत पड़ सकती है। नियमित चेकअप करवाना जरूरी है।

संदर्भ

  1. Glaucoma Research Foundation [Internet]. California. US; Glaucoma Surgery
  2. BrightFocus Foundation [Internet]. Maryland. US; Glaucoma Surgery Series: The Risks and Benefits of Glaucoma Surgery
  3. National Eye Institute [Internet]. Bethesda (MD). National Institute of Health: U.S. Department of Health and Human Services; Glaucoma Surgery
  4. Freitas ML. Adult glaucoma surgery. Jaypee Brothers Medical Publishers; 2013. Chapter 4, deep sclerectomy; p. 24.
  5. American Academy of Ophthalmology [internet]. California. US; Trabeculectomy
  6. Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; Glaucoma: What Every Patient Should Know
  7. Irish College of Ophthalmologists [Internet]. Ireland. UK; Glaucoma Filtration Trabeculectomy Surgery
  8. Kyari F, Abdull MM. The basics of good postoperative care after glaucoma surgery. Community Eye Health. 2016;29(94):29–31. PMID: 27833261
  9. Norfolk and Norwich University Hospitals: NHS Foundation Trust [Internet]. National Health Service. UK; Glaucoma surgery
  10. Tezel G, Kolker AE, Kass MA, Wax MB. Late Removal of Releasable Sutures After Trabeculectomy or Combined Trabeculectomy With Cataract Extraction Supplemented With Antifibrotics. J Glaucoma. 1998 Apr;7(2):75-81. PMID: 9559491.
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ