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जिंजीवेक्टमी सर्जरी मसूड़ों में चीरा लगाने के लिए की जाती है। ऐसा तब होता है जब उन्हें पेरियोडोनटाटिस, मसूड़ों को बड़ा करना और गमी स्माइल्स की स्थिति में ठीक किया जाना होता है। जिंजीवेक्टमी तब नहीं की जानी चाहिए जब मसूड़ों में सूजन हो या फिर मसूड़ों की पकड़ दांतों पर गहरी न हो। 

जिंजीवेक्टमी से पहले डॉक्टर आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री जानेंगे और ब्लड टेस्ट व रेडियोलॉजिकल टेस्ट किए जाएंगे। साथ ही आपको अनुमति फॉर्म भी भरने को कहा जाएगा। सर्जरी से पहले आपके दांतों और मसूड़ों को साफ भी किया जाएगा। डॉक्टर सर्जरी के स्थान को सुन्न करने के लिए लोकल एनेस्थीसिया देंगे। सर्जरी स्कल्पेल, लेज़र या इलेक्ट्रोसर्जरी तकनीक द्वारा की जाती है। 

एनेस्थीसिया का प्रभाव कम हो जाने पर आप अपनी क्रियाएं कर सकते हैं। आपको दर्द कम करने के लिए दर्द की दवाएं दी जाएंगी। नरम भोजन खाए और सर्जरी के बाद कुछ भी गर्म न पिएं। सर्जरी के एक हफ्ते बाद आपको डॉक्टर से मिलने जाना होगा, लेकिन अगर आपको जी मिचलाना, बुखार, दर्द आदि जैसी कोई भी तकलीफ होती है तो डॉक्टर को तुरंत बताएं।

  1. जिंजीवेक्टमी क्या है - Gingivectomy kya hai
  2. जिंजीवेक्टमी क्यों की जाती है - Gingivectomy kyon ki jati hai
  3. जिंजीवेक्टमी की तैयारी - Gingivectomy ki taiiyari
  4. जिंजीवेक्टमी कैसे की जाती है - Gingivectomy kaise ki jati hai
  5. जिंजीवेक्टमी के बाद देखभाल - gingivectomy ke baad dekhbhaal
  6. जिंजीवेक्टमी की जटिलताएं और खतरे - Gingivectomy ke khatre aur jatiltaein

जिंजीवेक्टमी मसूड़ों को काटने व दोबारा आकार देने की प्रक्रिया है।

यह आमतौर पर मसूड़ों के रोग को ठीक करने के लिए की जाती है, जब एंटीबायोटिक और नॉन सर्जरी ट्रीटमेंट का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। जिंजीवेक्टमी सर्जरी मसूड़ों को बड़ा करने और गमी स्माइल को ठीक करने के लिए की जाती है। यह प्रक्रिया ओरल सर्जन या मसूड़ों के विशेषज्ञ द्वारा की जाती है। 

मसूड़ों और हड्डियों को दांतों के चारों तरफ कस के बंधा होना चाहिए। पेरियोडोनटाइटिस यानि मसूड़ों के रोग में हड्डियों और मसूड़ों में छेद बन जाते हैं। समय के साथ इन छेदों में बैक्टीरिया जम जाते हैं और इनसे ऊतकों और हड्डियों को क्षति पहुंचती है।

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जिंजीवेक्टमी निम्न स्थितियों में की जाती है -

  • मसूड़ों के रोग और दांतों व मसूड़ों के बीच बनी हुई पॉकेट या छेद को ठीक करने के लिए
  • जिंजिवल फाइब्रोमेटोसिस की स्थिति में मसूड़ों को चौड़ा करने के लिए
  • जिंजिवल एंलार्जेमेंट की स्थिति में जो कि फेनीटोइन, साइक्लोस्पोरिन और निफेडिपाईन लेने के कारण हो जाता है
  • गमी स्माइल को ठीक करने के लिए

सर्जरी की सलाह मसूड़ों के रोग को ठीक करने के लिए दी जाती है; इस रोग के लक्षण निम्न तरह से दिखाई देते हैं -

जिंजिवल फाइब्रोमेटोसिस के लक्षण इस तरह से हैं। जिनके लिए सर्जरी की सलाह दी जाती है -

  • चबाने में समस्या और होंठों को बंद करने में तकलीफ जिससे बोलने में समस्या हो 
  • दांत के निकलने में कठिनाई 
  • दांतों का सही पोजीशन में न होना

सर्जरी से पहले आपको निम्न तैयारी करने की जरूरत है -

  • डॉक्टर आपकी सामान्य मेडिकल इतिहास की जांच करेंगे, जिसके लिए आपके स्वास्थ्य की जांच निम्न टेस्टों द्वारा की जाएगी -
  • डॉक्टर सर्जरी से पहले ओरल केविटी को साफ़ कर सकते हैं, ताकि डेंटल प्लाक निकल जाए। वे आपको मुंह साफ़ करने के लिए निर्देश देंगे
  • यदि आप किसी भी तरह की दवा, हर्बल सप्लीमेंट आदि ले रहे हैं तो डॉक्टर को इसके बारे में बता दें। डॉक्टर आपको सर्जरी से पहले कुछ दवाएं लेने से मना कर सकते हैं
  • धूम्रपान न करें क्योंकि इससे रिकवर होने में समय लगेगा और मसूड़ों के संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाएगा 
  • आपको सर्जरी से पहले अनुमति फॉर्म भरने को कहा जाएगा
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सर्जरी निम्न तरीके से की जा सकती है -

  • स्केलपेल जिंजिवेक्टमी - इस प्रक्रिया में स्केल्पल की मदद से मसूड़ों के ऊतक को काटा जाता है 
  • लेजर जिंजिवेक्टमी - लेजर का प्रयोग करके मसूड़ों को काटा जाता है और जरूरी दांत को बाहर निकाला जाता है 
  • इलेक्ट्रोसर्जरी - इस तकनीक में डॉक्टर इलेक्ट्रिक करंट का प्रयोग कर के उपकरण को गर्म करते हैं जिससे मसूड़ों के ऊतक को काटने में मदद मिलती है 

यह सर्जरी निम्न तरह से की जाती है -

  • डॉक्टर सर्जरी के स्थान को सुन्न करने के लिए आपको एनेस्थीसिया देंगे 
  • इसके बाद वे निकाले जाने वाले हिस्से पर निशान लगाएंगे 
  • इसके बाद वे निशान पर एक चीरा लगाएंगे और मसूड़े के ऊतक को काटेंगे 
  • फिर मसूड़ों को आकार देंगे और बची हुई त्वचा को निकाल लिया जाएगा 
  • इस प्रक्रिया के बाद पेरिडोंटल ड्रेसिंग की जाएंगी। इस पुट्टी से आपके मसूड़ों की रिकवरी के दौरान सुरक्षा होगी

जिंजीवेक्टमी के लिए पहले से ज्यादा पूर्वोपाय करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, आपको सर्जरी के बाद घर पर कुछ बातों का ध्यान रखना होगा -

  • एनेस्थीसिया का प्रभाव खत्म हो जाने के बाद आप अपनी सामान्य क्रियाओं पर लौट सकते हैं। आपके मसूड़ों को ठीक होने में कुछ हफ्तों का समय लग सकता है 
  • सर्जरी के बाद मसूड़ों पर गर्म सेक लगाएं और एक दिन तक कुछ भी गर्म न लें 
  • आप नरम भोजन जैसे अंडे, केला और पास्ता खा सकते हैं और थोड़ा बहुत द्रव ले सकते हैं जैसे दूध, जूस और मिल्क शेक। जब तक ड्रेसिंग लगी हुई है। 
  • ड्रेसिंग को आप पांच दिन में निकाल सकते हैं 
  • आपको दिन में दो बार एक हफ्ते तक 0.12% क्लोरेक्सिडिन ग्लुकोनेट सोल्यूशन से कुल्ला करने को कह सकते हैं 
  • सर्जरी के बाद दांतों और मसूड़ों को साफ़ करना आसान हो जाएगा। जब आप ब्रश करेंगे तो कम पानी का प्रयोग करें और घाव को न छुएं 
  • आप दर्द के लिए दवाएं ले सकते हैं जैसे आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल। इनसे दर्द कम हो सकता है 

जिंजिवेक्टमी में अच्छी ओरल आदतों से मसूड़ों के रोगों को रोका जा सकता है और आपके मसूड़े वापस से ठीक और गुलाबी हो जाएंगे। ऐसा इसलिए हो पाएगा क्योंकि अब आपके दांतों के बीच की सफाई अच्छे से हो पाएगी। 

डॉक्टर के पास कब जाएं?

यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या होती है तो आप ओरल सर्जन के पास जाएं -

  • सर्जरी के बाद घाव से चार घंटे तक खून आना
  • बुखार
  • जी मिचलाना और उल्टी
  • सर्जरी के दो दिन बाद तक सूजन
  • सर्जरी का दर्द जो कि कम नहीं हो रहा है
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जिंजीवेक्टमी से आपके रक्त में बैक्टीरिया जा सकता है। मसूड़ों के ऊतक में संक्रमण भी हो सकता है। निम्न स्थितियों में आपको सर्जरी से पहले एंटीबायोटिक दिया जा सकता है -

  • यदि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है 
  • यदि आपको हृदय संबंधी जटिलताएं हैं तो इससे एंडोकार्डाइटिस जैसी समस्या हो सकती है 
  • यदि आपने हाल ही में सर्जरी करवाई है 
  • यदि आपके शरीर में कोई आर्टिफिशियल हिस्सा लगा हुआ है जैसे हार्ट वाल्व

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