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कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी एक विशेष सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से कौरोटिड आर्टरी में जमे हुए प्लाक को निकाला जाता है। कैरोटिड एक विशेष धमनी है, जो चेहरे और मस्तिष्क में रक्त पहुंचाने का काम करती है। इस धमनी में प्लाक जम जाने पर उसके अंदर का रास्ता कम पड़ जाता है और परिणामस्वरूप मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पाता है।

सीईए सर्जरी प्रोसीजर करने से पहले कुछ विशेष डायग्नोस्टिक टेस्ट किए जाते हैं, जैसे अल्ट्रासाउंड, एंजियोग्राफी, एमआरआई और सीटी स्कैन आदि। यदि आप कोई ऐसी दवा ले रहे हैं, जो रक्त को पतला करती है तो डॉक्टर ऑपरेशन से पहले इन्हें बंद करवा सकते हैं। इस सर्जरी को जनरल या लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है। ऑपरेशन के बाद आपको सर्जरी वाले घावों को साफ व सूखा रखने की सलाह दी जाती है। साथ ही आपको व्यायाम करने अच्छी जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जाती है, ताकि भविष्य में प्लाक बनने का खतरा कम हो जाए।

(और पढ़ें - धमनी की बीमारी के लक्षण)

  1. कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी क्या है - What is Carotid endarterectomy in Hindi
  2. कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी क्यों की जाती है - Why is Carotid endarterectomy done in Hindi
  3. कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी से पहले - Before Carotid endarterectomy in Hindi
  4. कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी कैसे की जाती है - During Carotid endarterectomy in Hindi
  5. कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी के बाद - After Carotid endarterectomy in Hindi
  6. कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी की जटिलताएं - Complications of Carotid endarterectomy in Hindi
कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी के डॉक्टर

कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी सर्जरी प्रोसीजर को कैरोटिड आर्टरी डिजीज का इलाज करने के लिए किया जाता है। कैरोटिड गर्दन के दोनों तरफ मौजूद एक धमनी है, जो मस्तिष्क व चेहरे तक रक्त और ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। यदि कैरोटिड धमनी में प्लाक जम जाता है, तो उसे पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता है। प्लाक आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम, फाइब्रिन (एक अघुलनशील प्रोटीन) और वसायुक्त पदार्थों से बना होता है। हमारे मस्तिष्क को सामान्य रूप से काम करने के लिए लगातार लगातार ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। इनकी सप्लाई रुक जाने पर मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट होने लग जाते हैं और जिस कारण से ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है।

सीईए सर्जरी के दौरान कैरोटिड आर्टरी से प्लाक को निकाल दिया जाता है, जिससे मस्तिष्क को फिर से पर्याप्त रक्त, ऑक्सीजन व अन्य पोषक तत्व मिलने लग जाते हैं।

(और पढ़ें - स्ट्रोक होने पर क्या करना चाहिए)

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यदि आपको कैरोटिड आर्टरी डिजीज है, तो डॉक्टर आपको कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी सर्जरी करवाने की सलाह दे सकते हैं। कैरोटिड आर्टरी डिजीज से निम्न समस्याएं हो सकती हैं -

  • ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक या मिनी स्ट्रोक -
    इससे स्ट्रोक जैसे लक्षण पैदा होते हैं, जो आमतौर पर 24 घंटों तक रहते हैं। यह कैरोटिड आर्टरी डिजीज का सबसे पहला संकेत होता है। इसके अलावा कैरोटिड सर्जरी से निम्न लक्षण हो सकते हैं -
    • शरीर का संतुलन न रहना या चक्कर आना
    • गंभीर सिरदर्द
    • अचानक से दृष्टि संबंधी समस्या होना (एक या दोनों आंखों में)
    • बोलने में दिक्कत
    • चेहरे के एक तरफ का हिस्सा सुन्न होना
    • हिल-ढुल न पाना
       
  • स्ट्रोक -
    जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं, स्ट्रोक और मिनी स्ट्रोक के लक्षण आमतौर पर अलग-अलग होते हैं। हालांकि, इससे अन्य गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं जैसे -
    • लंबे समय तक दृष्टि संबंधी समस्याएं होना
    • ठीक से बोल न पाना
    • लंबे समय तक मस्तिष्क में क्षति होना
    • लकवा (चलने में असमर्थ होना)
       
  • ब्रुइट -
    स्टेथोस्कोप में जांच करते समय यदि एक अजीब ध्वनि सुनाई देती है, तो यह कैरोटिड आर्टरी में ब्लड सप्लाई कम होने का संकेत देता है। इस ध्वनि ब्रुइट कहा जाता है।

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कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी का ऑपरेशन करने से कुछ दिन पहले आपको अस्पाल बुलाया जाता है। इस दौरान आपकी स्वास्थ्य जांच की जाती है और साथ ही आपके स्वास्थ्य से संबंधित कुछ सवाल पूछे जाते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं -

  • ब्लड टेस्ट
  • कैरोटिड अल्ट्रासाउंड
  • कैरोडिड एन्जियोग्राफी
  • मैग्नेटिक रेसोनेन्स एंन्जियोग्राफी

दवाएं -

  • यदि आप किस भी प्रकार की दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन या अन्य कोई भी सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो डॉक्टर को इस बारे में बता दें। डॉक्टर आपको इनमें से कुछ दवाओं को सर्जरी से पहले एक निश्चित समय तक बंद कर सकते हैं, जिनमें आमतौर पर रक्त को पतला करने वाली दवाएं शामिल हैं जैसे एस्पिरिन, वार्फेरिन या इबुप्रोफेन। 

बीमारियां -

  • यदि आपको वर्तमान में या कुछ दिन पहले कोई बीमारी हुई है, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। इसके अलावा यदि आपको किसी भी चीज से एलर्जी है, तो इस बारे में भी डॉक्टर को ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही बता दें। ऐसे में डॉक्टर पहले बीमारी का इलाज करते हैं और एलर्जी के मामलों में उन चीजों का पता लगाते हैं, जिनसे एलर्जी हुई है।

जीवनशैली -

  • यदि आप सिगरेट या शराब आदि पीते हैं, तो सर्जरी से कुछ समय पहले ही आपको इन्हें छोड़ने की सलाह दी जा सकती है, ताकि सर्जरी के दौरान जटिलताएं होने का खतरा कम हो और घाव भी जल्दी ठीक हो पाएं।
  • यदि आपके सीने में पेसमेकर मशीन लगाई गई है, तो उसके बारे में भी डॉक्टर को बता दें
  • यदि आप गर्भवती हैं या गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं, तो इस बारे में भी सर्जरी से पहले ही डॉक्टर को जानकारी दें।

कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी सर्जरी को आमतौर पर खाली पेट किया जाता है, जिसके लिए आपको सर्जरी से लगभग 8 घंटे पहले तक कुछ भी खाने या पीने से मना किया जाता है। अंत में आपको एक सहमति पत्र दिया जाता है, जिसपर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे देते हैं। हालांकि, हस्ताक्षर करने से पहले आपको एक बार सहमति पत्र को अच्छे से बढ़ लेना चाहिए।

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आपको ऑपरेशन वाले दिन सुबह या फिर एक दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है। जब आप अस्पताल में पहुंच जाते हैं, कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी सर्जरी की शुरुआत निम्न तरीके से की जाती है -

  • सबसे पहले आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को दी जाती है, जिसे हॉस्पिटल गाउन कहा जाता है। इसके अलावा यदि आपने कोई आभूषण या गैजेट (घड़ी या ब्लूटूथ) आदि पहना है, तो उसे उतार दें।
  • आपकी बांह की नस में एक सुई लगा दी जाती है, जिसे इंट्रावेनस लाइन से जोड़ दिया जाता है। आपकी कलाई से एक विशेष पतली ट्यूब भी लगा दी जाती है, जिससे ब्लड टेस्ट के लिए सैंपल लिया जाता है और ब्लड प्रेशर की जांच की जाती है।
  • हृदय की जांच करने के लिए गर्दन, कॉलर की हड्डी या ग्रोइन में कैथीटर लगा दिया जाता है।
  • यूरिनरी कैथीटर को आपके मूत्राशय से जोड़ दिया जाता है, जिससे जुड़ी थैली में सर्जरी के दौरान आपका पेशाब जमा होता रहता है।
  • आपको ऑपरेशन टेबल पर लिटा दिया जाता है और आपके सिर को हृदय के स्तर से थोड़ा सा ऊपर रखा जाता है। गर्दन के जिस हिस्से में सर्जरी की जानी है, उसके दूसरी तरफ आपका मुंह फेर दिया जाता है।
  • सर्जरी के लिए जहां चीरा लगाना है, उसको एंटीसेप्टिक से साफ किया जाता है और यदि वहां पर बाल हैं तो उन्हें भी शेव करके हटा दिया जाता है।
  • सर्जरी के दौरान आपको एंटीबायोटिक व अन्य दवाएं भी दी जाती हैं, जो संक्रमणसूजन जैसी समस्याएं होने के खतरे को रोकती हैं।
  • इसी दौरान आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन भी दे दिया जाता है, जिससे आप गहरी नींद में सो जाते हैं।

जब आपको एनेस्थीसिया का असर हो जाता है, तो सर्जरी प्रोसेस शुरू कर दी जाती है, जो इस प्रकार है -

  • सर्जरी वाले हिस्से पर विशेष सर्जरी उपकरणों की मदद से चीरा लगाया जाता है।
  • जब चीरे के माध्यम से रोगग्रस्त कैरोटिड आर्टरी दिखने लग जाती है, तो उसमें भी चीरा देकर प्लाक तक पहुंचा जाता है।
  • रक्त के बहाव को चालू रखने के लिए शंट नामक एक विशेष छोटी सी ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है और फिर प्लाक वाले हिस्से के ऊपर कैरोटिड आर्टरी में चीरा लगाया जाता है।
  • चीरे की मदद से धमनी को खोल दिया जाता है और फिर विशेष ऊपकरणों की मदद से प्लाक को निकाल लिया जाता है।
  • इसके बाद शंट को निकाल दिया जाता है और आर्टरी को विशेष तकनीक से बंद कर दिया जाता है।
  • गर्दन का चीरा बंद करते समय घाव में एक ड्रेनेज ट्यूब लगा दी जाती है, ताकि घाव में जमा होने वाला रक्त या अन्य द्रव निकलते रहें। ट्यूब लगाकर त्वचा को फिर से जोड़कर टांके लगा दिए जाते हैं और पट्टी कर दी जाती है।

सर्जरी प्रोसीजर पूरी होन के बाद आपको आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है, जहां पर आपको इंट्रावेनस से ब्लड प्रेशर दवाएं दी जाती हैं। साथ ही इस दौरान आपके सभी शारीरिक संकेतों पर नजर रखी जाती है, जैसे हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर और ब्लड ऑक्सीजन लेवल आदि। साथ ही निम्न कार्य किए जाते हैं -

  • ऑपरेशन के बाद गर्दन में लगी ड्रेनेज ट्यूब को निकाल दिया जाता है और फिर आपके स्वास्थ्य को देखते हुए यूरिनरी कैथीटर को भी निकाल दिया जाता है।
  • आपको शुरुआत में हल्के व पतले खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं और धीरे-धीरे कुछ दिन बाद थोड़ा-थोड़ा करके कठोर खाद्य पदार्थ देना शुरू किया जाता है।
  • सीईए सर्जरी को पूरा करने में आमतौर पर एक से दो घंटों का समय लगता है। सर्जरी के बाद आपको एक या दो दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है और फिर इसके बाद घर के लिए छुट्टी दे दी जाती है।

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कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी सर्जरी के बाद जब आपको अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है, तो डॉक्टर आपको घर पर निम्न देखभाल करने की सलाह देते हैं -

घाव की देखभाल -

  • घाव को साफ व सूखा रखें और गीला होने पर उसे तुरंत स्वच्छ कपड़े से साफ कर लें
  • यदि घाव पर टेप लगाई गई हैं, तो उन्हें गीला न होने दें और न ही अपने आप उतारें, ये कुछ समय स्वयं उतर जाती हैं।
  • जब तक डॉक्टर अनुमति न दें तब तक बाथटब या स्विमिंग पूल में न नहाएं
  • रोजाना अपने घाव को ध्यान रखें और यदि कोई बदलाव होता है, तो डॉक्टर को बताएं
  • गर्दन पर कोई भी कपड़ा आदि न रखें ताकि घाव पर कोई रगड़ न आए
  • डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी प्रकार का लोशन, क्रीम या हर्बल उत्पाद का इस्तेमाल न करें

शारीरिक गतिविधि -

  • कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी सर्जरी होने के लगभग तीन से चार हफ्तों के बाद आप अपनी सामान्य गतिविधियां कर सकते हैं।
  • सर्जरी के बाद लगभग दो से तीन हफ्तों तक आपको हल्का सा दर्द हो सकता है, जिसके लिए जितना हो सके खुद को बेडरेस्ट दें।
  • जब तक सिर हिलने में गर्दन में दर्द हो तब तक कोई भी ड्राइविंग व अन्य कोई ऐसी शारीरिक गतिविधि न करें जिसमें सिर हिलता हो।

दवाएं -

  • सर्जरी बाद कुछ समय तक आपको सर्जरी वाले हिस्से में दर्द हो सकता है, जिनके लिए डॉक्टर आपको पेन किलर दवाएं देते हैं। इन दवाओं को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेते रहना चाहिए।
  • रक्त के थक्के बनने से रोकने के लिए डॉक्टर आपको विशेष दवाएं देते हैं, जिन्हें ध्यानपूर्वक समय पर लेते रहें।
  • सर्जरी वाले घाव में संक्रमण व सूजन होने का खतरा भी रहता है, जिसके लिए विशेष एंटीबायोटिक व एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाएं दी जाती हैं।

आहार -

  • कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी सर्जरी के बाद कुछ दिन तक आपको कम वसा व कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ खाने को दिए जाते हैं।
  • जब तक आप पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाते हैं, तब तक बाहर तैयार व डिब्बाबंद खाने खाने से मना किया जाता है।
  • आपको जितना हो सके अपने आहार में अधिक से अधिक फलसब्जियों को शामिल करने की सलाह दी जाती है और कम से कम डेयरी उत्पादों को शामिल करने की सलाह दी जाती है।

कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी सर्जरी से स्ट्रोक होने का खतरा कम हो जाता है। हालांकि, फिर भी आपको सर्जरी के बाद अपनी जीवनशैली में सुधार करने जरूरी होते हैं जैसे नियमित रूप से व्यायाम करना, संतुलित आहार लेना और धूम्रपान छोड़ना आदि शामिल हैं।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी सर्जरी के बाद आपको निम्न लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर को दिखा लें -

(और पढ़ें - सीने में दर्द हो तो क्या करना चाहिए)

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कैरोटिड एंडरटेरेक्टॉमी सर्जरी से निम्न जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं -

  • हार्ट अटैक
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • दौरे पड़ना
  • स्ट्रोक या मिनी स्ट्रोक
  • मस्तिष्क में रक्तस्राव होना
  • संक्रमण
  • कैरोटिड आर्टरी में फिर से रुकावट होना
  • सर्जरी वाले हिस्से के आसपास की तंत्रिकाएं या नसें क्षतिग्रस्त होना
  • सर्जरी वाले हिस्से के आसपास के ऊतकों में रक्त जमा होने के कारण सूजन आना
  • सर्जरी वाले हिस्से के बाद ब्लीडिंग होना

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संदर्भ

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