आजकल पेट खराब की समस्या आम है। पेट दर्द, पेट में गैस, पेट में मरोड़ (ऐंठन), दस्त या कब्ज, इन सभी को पेट खराब कहा जाता है। पेट खराब के कई कारण हो सकते हैं। पेट खराब से संबंधित लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं और इसके लक्षण जल्द ही ठीक भी हो जाते हैं।

अगर कारण गंभीर न हो तो बिना किसी डॉक्टरी इलाज के पेट खराब की समस्या को ठीक किया जा सकता है। साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि पेट खराब होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। 

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इस लेख में हमने आपको पेट खराब होने पर क्या खाएं और क्या न खाएं के बारें में बताया है। परहेज को ध्यान में रखकर आप पेट खराब की समस्या को बहुत ही आसानी से दूर कर सकते हैं। तो चलिए इस लेख में हम आपको बताते हैं पेट खराब में क्या खाएं और क्या न खाएं -

  1. पेट खराब होने पर क्या खाना चाहिए - Pet kharab hone par kya khana chahiye
  2. पेट खराब होने पर क्या न खाएं और परहेज - Pet kharab hone par kya na khaye
पेट खराब हो तो परहेज, क्या खाना चाहिए, क्या नहीं के डॉक्टर

पेट खराब में अदरक खाएं - Pet kharab me adrak khaye

उल्टी और मतली होना पेट खराब के आम कारण हैं। रिसर्च के अनुसार पाचन क्रिया और मतली की समस्या के लिए अदरक बेहद अच्छी होती है। एक्सपर्ट्स पेट फ्लू या फूड पाइजनिंग में अदरक खाने की सलाह देते हैं। आप अदरक को कच्चा खा सकते हैं या खाने व पानी में डालकर भी ले सकते हैं और यह हर रूप में बेहद लाभकारी है। आप अदरक की चाय या अदरक के पाउडर को भी पेट खराब में ले सकते हैं। गर्भावस्था में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस से भी पीड़ित महिलायें अक्सर अदरक का सेवन करती हैं। अदरक का इस्तेमाल कीमोथेरेपी या कोई बड़ी सर्जरी में भी किया जाता है, क्योंकि इस दौरान भी मतली और उलटी की समस्या होती है। एक ग्राम रोजाना अदरक खाने से केमोथेरेपी या सर्जरी से होने वाले लक्षणों की गंभीरता कम हो जाती है।

(और पढ़ें - दस्त रोकने के घरेलू उपाय)

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पेट खराब होने पर कैमोमाइल का इस्तेमाल करें - Pet kharab hone par chamomile ka istemal kare

पेट खराब के लिए कैमोमाइल बहुत ही पुराना उपाय है। कैमोमाइल सूखा व पिसा हुआ दोनों हो सकता है और इसे चाय में डालकर पी सकते हैं। कैमोमाइल का इस्तेमाल कई प्रकार की आंत की समस्याओं के लिए किया जाता है जैसे गैस, बदहजमी, डायरिया, उल्टी और मतली। एक शोध ने पाया कि कैमोमाइल के सप्लीमेंट्स कीमोथेरेपी के इलाज के बाद लेने से उल्टी की परेशानी दूर हो जाती है, लेकिन यह अभी साफ नहीं है कि अन्य परेशानी से होने वाली उल्टी में कैमोमाइल फायदेमंद है या नहीं। कैमोमाइल का इस्तेमाल आमतौर पर हर्बल सप्लीमेंट्स में भी किया जाता है जैसे बदहजमी, गैस, पेट फूलना डायरिया आदि। 

(और पढ़ें - बदहजमी के घरेलू उपाय)

पेट खराब में पुदीना खाएं - Pet kharab me pudina khaye

कुछ लोगों के लिए पेट खराब इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण होता है। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम पेट से संबंधित बहुत पुराना विकार होता है जिसकी वजह से पेट दर्द, पेट फूलना, कब्ज और डायरिया होता है। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम को ठीक करना थोड़ा मुश्किल है, शोध ने पाया कि पुदीना पेट खराब से जुड़े लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण व्यस्क को होने वाला पेट दर्द, गैस और डायरिया से राहत दिलाने के लिए कम से कम दो हफ्ते तक रोजाना पुदीने के तेल के कैप्सूल लेने चाहिए। कई लोगों के लिए पुदीना काफी सुरक्षित है, लेकिन जिन लोगों को गर्ड, हाइटल हर्निया, पथरी और पित्ताशय विकार की समस्या है उन्हें थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इससे स्थिति और ज्यादा बिगड़ सकती है।

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पेट खराब के लिए मुलेठी खानी चाहिए - Pet kharab ke liye mulethi khaye

बदहजमी के लिए मुलेठी बहुत ही लोकप्रिय उपाय है और यह पीड़ादायक पेट में अल्सर से भी बचाता है। मुलेठी की जड़ को आप पूरा खा सकते हैं। साथ ही इसे सप्लीमेंट के रूप में भी ले सकते है, जिसे डेगलाईसिराइजिनेटेड (Deglycyrrhizinated licorice) कहा जाता है। यह खासकर उन लोगों के लिए भी अच्छा होता है जिन्हें पेट खराब की समस्या होती है और यह समस्या पेट के एसिड और एसिड रिफ्लक्स के कारण होती है। एच. पायलोरी (H. pylori) नामक बैक्टीरया से होने वाली बदहजमी और पेट दर्द से भी डीजीएल छुटकारा दिलाने में मदद करता है। कई स्टडी का कहना है कि डीजीएल सप्लीमेंट्स एच. पायलोरी नामक बैक्टीरया को खत्म करते हैं और पेट के अल्सर के इलाज को भी बढ़ावा देता है। मुलेठी आंत से जुडी समस्याओं के लिए फायदेमंद होती है और सूजनसंक्रमण के कारण होने वाला पेट खराब की परेशानी से भी राहत दिलाता है।

(और पढ़ें - पेट के रोग के लक्षण)

पेट खराब में अलसी खाएं - Pet kharab me alsi khaye

अलसी को लाइनसीड (linseed) भी कहते हैं, जिससे मल त्याग करने का रूटीन सही होता है और कब्ज व पेट दर्द से राहत मिलती है। अगर आपको लम्बे समय से कब्ज की समस्या है तो आप हफ्ते में बस तीन बार मल त्याग कर पाते हैं और कब्ज में पेट दर्द होने लगता है। अलसी को आप अलसी के तेल के रूप में भी खा सकते हैं और इससे कब्ज से जुड़े लक्षणों से आपको काफी राहत मिलेगी। कब्ज से पीड़ित व्यस्क दो हफ्ते तक प्रतिदिन चार मिलीलीटर अलसी के तेल का सेवन कर सकते हैं। इससे ज्यादा से ज्यादा मल आता है।

(और पढ़ें - एसिडिटी के लक्षण)

पपीता के सेवन से पेट खराब की समस्या ठीक करें - Papite ke sewan se pet kharab ki samasya theek kare

पपीते को पौपौ (pawpaw) भी कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल कभी-कभी बदहजमी के इलाज के लिए किया जाता है। पपीते में पपाइन (Papain) होता है जो एक प्रभावी एंजाइम है। पपीता आपके आहार में मौजूद प्रोटीन को तोड़ देता है और खाने को पचाने व अवशोषित करने में मदद करता है। कुछ लोग खाने को पचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में प्राकृतिक एंजाइम का उत्पादन नहीं कर पाते, इसलिए अधिक मात्रा में एन्ज़ाइम खाएं जैसे पपाइन, जो बदहजमी के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करेगा। पेट के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए पपीते के बीज को आप कच्चा भी खा सकते हैं। ये बैक्टीरिया पेट खराब करते हैं और कुपोषण का कारण बनते हैं।

(और पढ़ें - इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के लक्षण)

कच्चे केले से करें पेट खराब की परेशानी को ठीक - Kachhe kele se kare pet kharab ki pareshani ko theek

पेट खराब की समस्या संक्रमण या फ़ूड पोइज़निंग के कारण होती है, जिसके साथ-साथ डायरिया की भी परेशानी बढ़ने लगती है। कई शोध ने पाया कि जो बच्चे डायरिया से पीड़ित होते हैं उन्हें कच्चे केले पकाकर खिलाने से दस्त की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। कच्चे केले में फाइबर होता है जो दस्त रोग को दूर करता है।

(और पढ़ें - नवजात शिशु को दस्त के लक्षण)

पेट खराब के लिए अन्य आहार - Pet kharab ke liye any aahar

पेट खराब की समस्या को कम करने के लिए ऊपर बताये गए आहरों के अलावा आप कुछ अन्य आहरों को भी खा सकते हैं जैसे केला, चावल, सेब की चटनी, ब्रेड, पेक्टीन सप्लीमेंट, प्रोबायोटिक्स आहार (दही, छाछ आदि) ज्यादा पेय पदार्थ पियें (नारियल पानी, फलों का जूस, पानी), अंडे, ओट्स, शकरकंद, कॉफी, जीरा आदि।    

(और पढ़ें - दस्त में क्या खाना चाहिए)

पेट खराब होने पर इन आहरों को न खाएं, इनसे परहेज करने से आपकी पेट को आराम मिलेगा –

1. डेयरी उत्पाद -

पेट खराब में दूध, चीज और आइस क्रीम नहीं खानी चाहिए, क्योंकि इन्हें पचाने में आपको थोड़ी मुश्किल हो सकती है। डेयरी उत्पादों में फैट की मात्रा सबसे अधिक होती है। कभी-कभी आप बिना वसा वाला दही खा सकते हैं, लेकिन दही का सेवन भी कम मात्रा में करें। (और पढ़ें - दस्त बंद करने के लिए क्या करना चाहिए)   

2. तला हुआ खाना -

पेट खराब की समस्या में कभी भी मसालेदार खाना या तला हुआ खाना न खाएं। बाहर का जंक फूड का सेवन बिल्कुल न करें। मसालेदार खाना पाचन क्रिया को उत्तेजित करता है और बदहजमी का कारण बनता है। अगर आप स्वस्थ हैं तब भी तला हुआ खाना पेट के लिए अच्छा नहीं होता। (और पढ़ें - बदहजमी होने पर क्या करें)

3. कैफीन -

पेट खराब में कभी भी कैफीन का सेवन न करें। इससे सीने में जलन, डायरिया व पेट के अल्सर की समस्या और बिगड़ सकती है। साथ ही शराबधूम्रपान न करें। (और पढ़ें - पेचिश के लक्षण)

4. वसा वाला खाना न खाएं -

अधिक वसा वाला खाद्य पदार्थ पाचन क्रिया को खराब कर देता है, इससे कब्ज या डायरिया बढ़ सकता है। (और पढ़ें - कब्ज में परहेज)

5. एसिडिक खाद्य पदार्थ न खाएं -

जिन खाद्य पदार्थों में एसिड की मात्रा सबसे अधिक होती है जैसे टमाटर और संतरे का जूस इनसे पेट से संबंधित समस्याएं बढ़ सकती है। (और पढ़ें - कब्ज दूर करने के घरेलू उपाय)

6. कच्चे फल व सब्जियां न खाएं -

जब आपका पेट स्वस्थ होता है, तो कच्चे फल व सब्जियां खाने से आपको मल करने में आसानी होती है, लेकिन पेट खराब होने पर उन्हीं फल और सब्जियों में मौजूद फाइबर आपको नुकसान पहुंचा सकता है। अच्छा होगा अगर आप इन्हें तब खायें जब आप पूरी तरह से ठीक हो जाएं। पेट खराब की परेशानी में हमेशा थोड़ा-थोड़ा खाने की कोशिश करें। (और पढ़ें - आंतों में सूजन)

Dr. Dhanamjaya D

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