हां, टीबी एक से ज्यादा बार हो सकती है। अगर टीबी का पूरा कोर्स करने के बाद भी आपके टेस्ट में शरीर में टीबी के बैक्टीरिया दिखाई देते हैं तो आपको इसके लिए और आगे ट्रीटमेंट करवाने की जरूरत पड़ती है। जब तक टीबी से संक्रमित व्यक्ति पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता उसे इलाज बंद नहीं करना चाहिए। पूरे कोर्स के बाद, अगर इम्युनिटी कमजोर हो जाए तो दोबारा टीबी के बैक्टीरिया पनप सकते हैं।
अगर आपने 6 महीने तक एंटी-ट्यूबरक्यूलर कोर्स लिया था तो टीबी ठीक हो गया होगा लेकिन यह बीमारी फिर से हो सकती है। आप अस्पताल जाकर अपनी जांच करवा लें।
ट्यूबरकुलोसिस की पुष्टि करना सरल नहीं है। एक्स-रे की रिपोर्ट से इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है, बलगम की जांच में टीबी के बैक्टीरिया का पता लगाया जा सकता है। कभी-कभी किसी व्यक्ति को कुछ अन्य तरह के टेस्ट करवाने की जरूरत भी पड़ सकती है। पुलमोनोलॉजिस्ट से सलाह लें।
इसके इलाज में गैप बिलकुल न करें, इससे दवा का प्रभाव कम हो सकता है। पूरे ट्रीटमेंट में कितना समय लगेगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि दवा कितना असर कर रही है और मरीज की स्थिति में कितना सुधार आ रहा है। इसलिए हर मरीज को ठीक होने में अलग-अलग समय लगता है। सामान्य तौर पर, टीबी के इलाज का 6 महीने का कोर्स होता है।
जिस डॉक्टर ने पहले आपके टीबी का इलाज किया था, उन्हें ही दिखाएं या फिर आप पुलमोनोलॉजिस्ट से इसकी जांच करवा सकते हैं और उन्हें पहले हुई टीबी की रिपोर्ट भी दिखाएं। वैसे तो हर बार खांसी होने का मतलब टीबी नहीं है लेकिन फिर भी अगर आपको 3 हफ्ते से ज्यादा समय से खांसी है तो डॉक्टर को दिखा लेना बेहतर है।
ये बूढ़ों और बच्चों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है जिसकी वजह से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं जो मृत्यु तक का कारण बन सकती हैं।
अगर आप शुरुआत में ही इसका कोर्स छोड़ देते हैं तो आप फिर से बीमार हो सकते हैं। अगर आप सही तरह से दवा नहीं लेते हैं तो टीबी के कीटाणु आपके शरीर में ही रहते हैं और इन्हे दवाओं से खत्म कर पाना मुश्किल हो सकता है। टीबी के सारे कीटाणुओं को खत्म करने में कम से कम 6 महीने और ज्यादा से ज्यादा एक साल का समय लगता है। इसका कोर्स बीच में नहीं छोड़ना चाहिए।