घाव की बायोप्सी के अलावा कोई भी दूसरा ऐसा टेस्ट निश्चित नहीं है जिससे सिर और गले के कैंसर का पता लगाया जा सकता है। इसका पता लगाने के लिए सबसे पहले चिकत्सकीय जांच करवाई जाती है।
आपकी दी गई जानकारी के अनुसार आपको रिफ्लक्स लैरिंगोफैरिन्जाइटिस की प्रॉब्लम है जो कि पेट में गैस बनने से संबंधित विकार है। आपको दो से तीन हफ्ते तक दवाई लेनी चाहिए। कैंसर तो नहीं लग रहा है। ईएनटी स्पेशलिस्ट को दिखा लें एक बार।
गले का कैंसर होने पर आवाज में बदलाव, गले में सूजन, खांसी के साथ ब्लड, जीभ के अंदर सफेद से धब्बे होने लगते हैं।
जी नहीं, ब्लड टेस्ट से गले के कैंसर का पता नहीं चलता है।
जी हां, गले का कैंसर लसीका और रक्त वाहिकाओं के जरिए फैल सकता है।
अगर आपके गले से खून आता है तो हो सकता है कि आपको कि गले का कैंसर हो। इसके लिए आपको जांच करवा लेनी चाहिए।
जी नहीं, गले के कैंसर का पता सिर्फ बायोस्पी से लगाया जा सकता है। एक्स-रे में इसका पता नहीं लगता है।
जी हां, किसी भी बीमारी का इलाज उसकी पहली अवस्था में आसानी से किया जा सकता है जिसमे उस व्यक्ति के ठीक होने की संभावना भी अधिक होती है। अगर बीमारी ज्यादा बढ़ जाती है तो उसके ठीक होने की संभावना भी कम होती है।
गले का कैंसर तीसरे चरण में है तो यह फैल कर गले के आप-पास की जगह को भी संक्रमित कर देता है जिसके लिए फिर सर्जरी ही की जाती है।
गले के कैंसर के पूरे इलाज के बाद 70% लोग 5 साल या इससे ज्यादा समय तक जी सकते हैं।
बच्चों में लैरिंजियल कैंसर होता है। यह कैंसर बहुत ही आम है।
यह होना काफी हद तक नॉर्मल है लेकिन बिना इसकी जांच किए कैंसर की पुष्टि नहीं की जा सकती है। कभी-कभी यह बैक्टीरिया और फंगल की वजह से भी हो सकता है जिसका होना नॉर्मल है। संक्रमण को दवाईयों के जरिए ठीक किया जा सकता है। हाल ही में कैंसर पर किए गए कई अनुसंधानों की रिपोर्ट में कैंसर को ठीक करने के इलाज भी पाए गए है। आप डॉक्टर से मिलें।
गले के कैंसर का पता बायोस्पी से लगाया जाता है, अल्टासाउंड सिर्फ स्क्रीनिंग टेस्ट होता है।
आप ऑन्कोलॉजिस्ट से मिलें और अपनी समस्याएं बताएं। वह आपकी मदद करेंगे।
आप चिंता न करें क्योंकि यह गले में कैंसर होने का लक्षण नहीं है।