कंधों में मांसपेशियों के बीच मौजूद बर्सा में अधिक तरल पदार्थ बनने के साथ जलन और सूजन की वजह से कंधे में दर्द हो सकता है। बर्सा एक थैली है जो लूब्रिकेटिंग तरल पदार्थ से भरी होती है। ये थैली आपकी हड्डियों, मांसपेशियों, टेंडन और त्वचा के ऊतकों के बीच स्थित होती है। यह रगड़, घर्षण और जलन को कम करती है। आमतौर पर बर्साइटिस कंधे, कोहनी, टखने, घुटने, कूल्हों, जांघों जैसे हिस्सों में होता है। कंधे में चोट लगने की वजह से कंधे की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं, जिसकी वजह से बर्सा में रगड़ लगने लगती है, यह दर्द और जलन का कारण बनता है। इसलिए जब आप हाथ को कंधे से ऊपर उठाते हैं, तो आपको दर्द महसूस होता है। इस समस्या के लिए आप ऑर्थोपेडिक डॉक्टर को दिखाएं।
रात के समय कंधे में दर्द के सबसे आम कारणों में रोटेटर कफ टेंडिनोसिस और शोल्डर बर्साइटिस शनील हैं। हालांकि, वैज्ञानिक रूप से यह बात साबित या स्पष्ट नहीं हो पाई है कि रात के समय कंधे में दर्द क्यों बढ़ जाता है। सोने के गलत पोस्चर, सोते समय कंधों पर दवाब पड़ने या सख्त गद्दे पर सोने की वजह से कंधे में दर्द हो सकता है।
कंधे के दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ तरीकों को अपनाएं, जैसे पेट के बल न सोएं, क्योंकि पेट के बल सोने से आपके कंधों पर दवाब पड़ सकता है और इससे दर्द बढ़ सकता है। इसी के साथ ऐसे पोस्चर में सोएं, जिससे प्रभावित कंधे पर किसी तरह का दवाब न पड़े, सोने के लिए नरम और मुलायम तकिए का इस्तेमाल करें और मुलायम व नरम गद्दे पर सोएं। इन बातों का ध्यान रखकर आपको कंधे में दर्द से काफी राहत मिलेगी।
कुछ समय के बाद कंधे का दर्द अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह 3 साल तक भी परेशान कर सकता है। फ्रोजन शोल्डर या कंधों के अकड़ जाने पर फिजिकल थेरेपी की भी सलाह दी जाती है, लेकिन कुछ मामलों में यह दर्दनाक भी हो सकता है। इस स्थिति में आपको डॉक्टर से मिलकर सलाह लेनी चाहिए।
कंधे में दर्द के कई कारण हैं जिनमें पेट खराब होना, पित्ताशय की पथरी, अग्नाशयशोथ, पेल्विक से जुड़ी समस्याएं जैसे ओवेरियन सिस्ट का फटना, हृदय संबंधी या खून की वाहिकाओं में समस्या होना (जिससे दर्द अक्सर बाएं हाथ और कंधे में महसूस होता है) होना शामिल हैं। ऐसा एक मामला सामने आया था जिसमें महिला को हाइटल हर्निया की वजह से कंधे में दर्द हो रहा था। 'हाइटल हर्निया' जब पेट का ऊपरी भाग डायाफ्राम के छेद (हाइटस) से निकलकर छाती के हिस्से में चला जाता है, तो इस स्थिति को हाइटल हर्निया कहा जाता है। डायाफ्राम मांसपेशियों से बनी एक पतली परत होती है, जो छाती और पेट को एक-दूसरे से अलग करती है। डायाफ्राम में एक खुली जगह होती है, जहां भोजन नली और पेट जुड़ते हैं। डायाफ्राम की वजह से पेट खराब हो सकता है, जिससे कंधे में दर्द भी हो सकता है।
कई वजहों से कंधों में दर्द हो सकता है। आपको काफी लंबे समय से कंधों में दर्द हो रहा है, तो अब आपको इसका कारण पता लगाने के लिए डॉक्टर से जांच करवा लेनी चाहिए। आप फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर आपको कंधे का एक्स-रे करवाने के लिए कह सकते हैं। कोई भारी चीज न उठाएं और साथ ही ऐसी गतिविधियां करने से बचें, जिनकी वजह से आपको कंधे में दर्द महसूस होता है।
कई वजहों से कंधों में दर्द हो सकता है। आपकी मां को कंधों में दर्द क्यों हो रहा है। इसके कारण पता लगाने के लिए आप डॉक्टर से उनकी जांच करवा लें। आप उन्हें फिजियोथेरेपिस्ट को दिखाएं, उन्हें कोई भारी चीज न उठाने दें और साथ ही ऐसी गतिविधियों को करने से बचाएं, जिनकी वजह से उन्हें कंधे में दर्द महसूस होता है।
कंधे में दर्द को कम करने के लिए कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं। इसके लिए दर्द निवारक दवाओं में Diclogesic Rr (डिक्लोजेसिक आरआर), Dipsee (दीप्सी) टैबलेट और Diclopara (डिक्लोपैरा) शामिल हैं। डॉक्टर से सलाह लिए बिना आप कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।