यहां कुछ होम्योपैथिक उपचार बताए गए हैं, जिनका उपयोग रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षणों के प्रबंधन के लिए किया जाता है :
रस टॉक्सीकोडेंड्रोन (Rhus Toxicodendron)
सामान्य नाम : प्वॉइजन-आइवी
लक्षण : रस टॉक्सीकोडेंड्रोन मुख्य रूप से जोड़ों के आसपास फाइब्रोस टिश्यू पर असर करता है और इसका उपयोग जोड़ों में अकड़न, जोड़ों में दर्द और रूमैटिक पेन (गठिया संबंधी जोड़ों का दर्द) के इलाज के लिए किया जाता है। इस उपाय का उपयोग अक्सर खिंचाव या भारी समान उठाने की वजह से होने वाली समस्याओं के इलाज के लिए भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह निम्नलिखित लक्षणों को दूर करने में मदद करता है :
यह लक्षण रात में, पीठ के बल या दाईं तरफ लेटने पर बढ़ जाते हैं। ठंड और उमस भरा मौसम भी इन लक्षणों को खराब करता है। हाथ पैरों में स्ट्रेचिंग करने, चलने-फिरने और गर्म सिकाई से लक्षणों से राहत मिलती है।
लेडम पौलस्टर
सामान्य नाम : मार्श-टी (लेडम)
लक्षण : लेडम पैलस्टर को मुख्य रूप से रूमेटाइड डिजीज और जोड़ों के दर्द में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी मदद करता है :
- हाथ पैरों में तेज दर्द, मुख्य रूप से छोटे जोड़ों में
- गाउट के साथ मोतियाबिंद
- गठिया जो पैरों से शुरू होती है और फिर ऊपरी अंगों को भी प्रभावित करती है
- कंधे में थ्रोबिंग (धमक जैसे किसी के मारने पर महसूस होता है) पेन और भारी महसूस करना, यह लक्षण गतिविधि करने से खराब हो जाते हैं।
- जोड़ों में क्रैक या दरार, यह स्थिति बिस्तर पर लेटने के बाद गर्मी लगने से खराब हो जाती है
- तलवों में दर्द के साथ टखनों की सूजन व आसानी से मोच आना
ठंडे पानी में कुछ देर पैर डालने से इन लक्षणों से राहत मिलती है, लेकिन बिस्तर पर लेटने के बाद लगने वाली गर्मी से यह लक्षण खराब हो सकते हैं।
ब्रयोनिआ अल्बा
सामान्य नाम : वाइल्ड हॉप्स (ब्रयोनिआ)
लक्षण : ब्रयोनिआ अल्बा का इस्तेमाल चुभन जैसे तेज दर्द के उपचार के लिए किया जाता है। यह स्थिति रोगी के चलने-फिरने से खराब हो जाती है, जबकि आराम करने से ठीक हो जाती है। इस उपाय द्वारा निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक किया जाता है :
यह लक्षण सुबह में, थकावट के बाद, थोड़ी गतिविधि करने पर और भोजन करते समय खराब हो जाते हैं, जबकि आराम करने और दर्द वाले हिस्से के बल लेटने से इन लक्षणों से आराम मिलता है।
एपिस मेलिफिका
सामान्य नाम : दि हनी-बी
लक्षण : जिन्हें चुभने वाले दर्द, एडिमा और हल्के से छूने पर भी दर्द होता है, उनके लिए यह उपाय लाभकारी है। ये निम्नलिखित लक्षणों से राहत दिलाने में भी फायदेमंद है :
ये लक्षण दोपहर में, प्रभावित हिस्से को छूने या दबाव पड़ने पर और सोने के बाद खराब हो जाते हैं, जबकि ठंडे पानी से नहाने और खुली हवा में रहने से इन लक्षणों में सुधार होता है।
बेलाडोना
सामान्य नाम : डेडली नाइटशेड
लक्षण : बेलाडोना ज्यादातर तंत्रिका तंत्र पर असर करता है और दर्द व ऐंठन जैसे लक्षणों से राहत देता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी मदद करता है :
ये लक्षण दोपहर में, लेटने पर और प्रभावित हिस्से को छूने पर बढ़ जाते हैं, लेकिन जब रोगी सेमी इरेक्ट पोजिशन (लेटने व बैठने के बीच वाली स्थिति) में रहता है तो इन लक्षणों में सुधार होता है।
कैल्केरिया फॉस्फोरिका
सामान्य नाम : फॉस्फेट ऑफ लाइम
लक्षण : यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों में फायदेमंद है :
- गठिया वाला दर्द जो ठंडी हवा में बढ़ जाता है
- भुजाओं और टांगों में अकड़न व दर्द
- जोड़ों का दर्द (और पढ़ें - जोड़ों में दर्द की आयुर्वेदिक दवा)
- पैरों का सुन्न हो जाना, यह स्थिति मौसम बदलने पर खराब हो सकती है
- हड्डी में दर्द
- ऊपर चढ़ते समय तकलीफ होना
ये लक्षण ठंड और नमी वाले मौसम में बढ़ जाते हैं, लेकिन शुष्क और गर्म वातावरण में इनसे राहत मिल सकती है।
रूटा ग्रेवोलेंस
सामान्य नाम : रू-बिटरवर्ट (Rue-bitterwort)
लक्षण : रूटा ग्रेवोलेंस मुख्य रूप से कार्टिलेज और पेरीओस्टेम (हड्डियों को ढंकने वाली परत) पर असर करता है और यह टेंडन में खिंचाव की वजह से होने वाली स्थितियों के उपचार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा निम्न लक्षणों के ट्रीटमेंट में भी यह मददगार साबित हो सकता है :
- सही से न चल पाने के कारण मोच आ जाना
- बदन दर्द
- हाथ पैर और रीढ़ में चोट का एहसास
- हाथ और कलाई में दर्द और अकड़न
- साइटिका की समस्या, यह लक्षण लेटने पर बढ़ जाते हैं
- अकिलिस टेंडन में दर्द
- पैर को खींचने पर जांघों में दर्द
- पैरों और टखने की हड्डियों को छूने पर दर्द होना
यह सभी लक्षण ठंडे और नम मौसम में और लेटने पर बिगड़ जाते हैं।
कॉलोफिलम थैलिक्ट्रोइड्स (Caulophyllum Thalictroides)
सामान्य नाम : ब्लू कोहोश (कॉलोफिलम)
लक्षण : ब्लू कोहोश विशेष रूप से छोटे जोड़ों पर असर करता है। इसके अलावा, यह निम्नलिखित लक्षणों को भी दूर करने में मदद कर सकता है :
- थ्रश (मुंह और त्वचा के अन्य भागों को प्रभावित करने वाला संक्रमण)
- पैर की उंगलियों, उंगलियों और टखनों में दर्द के साथ अकड़न
- कलाई में तेज दर्द
- दर्द जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक फैल सकता है।
पल्सेटिला प्रेटेंसिस
सामान्य नाम : विंड फ्लावर (पल्सेटिला)
लक्षण : विंड फ्लावर नामक उपाय मुख्य रूप से व्यक्ति के स्वभाव और मानसिक स्थिति के आधार पर निर्धारित किया जाता है। जिन्हें यह उपाय दिया जाता है, उनमें निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं :
ये लक्षण शाम को खाने के बाद, गर्मी से और दर्द वाले हिस्से के बल लेटने या बायीं तरफ लेटने पर बढ़ जाते हैं, जबकि चलने-फिरने, ठंडा खाने-पीने और खुली हवा में रहने से इन लक्षणों में सुधार हो सकता है।
कैल्मिया लैटिफोलिया
सामान्य नाम : माउंटेन लॉरेल
लक्षण : गठिया की स्थिति में कैल्मिया लैटिफोलिया को प्रभावी उपाय माना जाता है। यह निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है :
- देखने की क्षमता में कमी
- कमर दर्द (पीठ के निचले हिस्से में दर्द) (और पढ़ें - कमर दर्द के लिए योगासन)
- रूमेटाइड आईराइटिस (आंख के रंगीन वाले हिस्से की सूजन)
- आंख हिलाने पर कड़ापन महसूस होना
- गर्दन का दर्द जो बांह तक फैल सकता है
- बाहों और पैरों में कमजोरी और सुन्नता
- जोड़ों में सूजन (और पढ़ें - सूजन कम करने के तरीके)
खुली हवा में, आगे की ओर झुकने, चलने और नीचे देखने पर यह लक्षण खराब हो जाते हैं।