रूमटाईड आर्थराइटिस जोड़ों को प्रभावित करने वाला एक ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें जोड़ों में सूजन होती है, साथ ही जोड़ों पर लालिमा, जलन व दर्द की समस्या देखी जाती है। यह बीमारी शरीर के जोड़ों को काफी नुकसान पहुंचाती है। अभी तक इस समस्या का पूरा निदान संभव नहीं हो पाया है, जिस कारण से व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है। किन्तु कुछ दवाओं, आहार एवं दिनचर्या में बदलाव करके इनके लक्षणों को काफी समय तक नियंत्रित किया जा सकता है। इस लेख में हम रूमेटाइड आर्थराइटिस के लिए ऐसे ही कुछ आहार और डाइट के बारे में पढ़ेंगे।

  1. रूमेटाइड अर्थराइटिस में क्या खाना चाहिए - What to eat in rheumatoid arthritis in Hindi
  2. रूमेटाइड आर्थराइटिस में कौन से फल और सब्जियां खाना चाहिए - What fruits and vegetables to eat in rheumatoid arthritis in Hindi
  3. रूमेटाइड आर्थराइटिस में क्या नहीं खाना चाहिए और परहेज - What foods to avoid for rheumatoid arthritis in Hindi
  4. रूमेटाइड आर्थराइटिस के लिए भारतीय डाइट चार्ट - Diet chart for rheumatoid arthritis in Hindi
रूमेटाइड आर्थराइटिस के लिए डाइट के डॉक्टर

रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी बीमारी में खाने-पीने का खास ख्याल रखा जाना चाहिए। चलिए जानते हैं, किन चीजों को सेवन करना चाहिए और किन चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए।

हल्दी - Turmeric for rheumatoid arthritis in Hindi

हल्दी दवाओं के रूप में उपयोग के लिए प्रसिद्ध है, पूरे विश्व में इसका प्रयोग किया जाता है। इसमे एंटी कैंसरस, एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। कई शोधों से यह पता चला है कि हल्दी का उपयोग रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण जैसे जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करता है। इसका प्रयोग आप दूध, चाय, के साथ करक्यूमिन कैप्सूल्स, अचार, चटनी और सब्जी के साथ में भी कर सकते हैं।

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फैटी फिश - Fatty fish good for rheumatoid arthritis in Hindi

रवास (इंडियन सैल्मन), बंगड़ा (इंडियन मैकेरल), सुरमई और अन्य ठंडे पानी की मछलियों में ओमेगा3 फैटी एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो कि शरीर में सूजन को कम करता है। हमारे शरीर को ओमेगा3 और ओमेगा6 की संतुलित मात्रा लेने की आवश्कता होती है। कई रिसर्च में पता चला है कि ओमेगा 6 फैटी एसिड्स की ज्यादा मात्रा लेने पर सूजन के आसार बढ़ जाते हैं।  तो ऐसे में, इसे नियंत्रित करने के लिए मीट प्रोडक्ट्स, कुछ प्रकार के तेल, फ्राई किया हुआ भोजन, प्रोसेस्ड फूड का उपभोग कम से कम करें। इस दौरान ओमेगा3 का उपभोग बढ़ा दें।

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साबुत अनाज - Is whole grain good for rheumatoid arthritis in Hindi?

बाजरा, ओट्स, साबुत गेहूं, ब्राउन राइस, क्विनोवा, इत्यादि शरीर में सी रिएक्टिव प्रोटीन के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। जो कि दिल को बीमारी को दूर रखते हैं। रूमेटाइड आर्थराइटिस से ग्रसित व्यक्तियों में दिल की बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है। रिफाइंड अनाज की तुलना में, साबुत अनाज में रेशे और पोषक तत्व अधिक मात्रा मे पाए जाते हैं। रिफाइंड अनाज में चीनी, ट्रांस फैट एवं सोडियम की मात्रा ज्यादा विटामिन, मिनरल, फाइबर की मात्रा काफी कम पाई जाती है जो शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक नहीं होती है। किसी भी पैकेट वाली चीज को खरीदने से पहले न्यूट्रिशन लेबल को अवश्य पढ़ें। साबुत अनाज/ व्होल ग्रेन लिखा होने के बाद ही खरीदें।

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फलियां - Legumes beneficial in rheumatoid arthritis in Hindi

दालें और फलियां प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं, जो कि मांसपेशियों के स्वास्थ्य तथा रूमेटाइड आर्थराइटिस के दौरान हुए मांसपेशियों के क्षय को ठीक करने मे सहायक होते हैं। यह खाद्य समूह वसा से मुक्त होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट,फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और पोटैशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो कि हृदय एवं इम्यूनिटी को भी सुधारने में सहायक होते हैं। इस खाद्य समूह में से आप अरहर की दाल, मूंग की दाल, चने की दाल, राजमा, लोबिया को अपने रोज के आहार में शामिल कर सकते हैं।

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सूखे मेवे और बीज - Nuts and seeds good for rheumatoid arthritis in Hindi

मेवे और बीज मोनोअनसैचुरेटेड फैट के अच्छे स्रोत माने जाते हैं साथ ही साथ इनमें ओमेगा3 फैटी एसिड भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जोड़ों में सूजन को कम करने के साथ-साथ, इनके पोषक तत्व हृदय के लिए भी गुणकारी माने जाते हैं। इनमें बादाम, चिलगोजा, पिस्ता, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज, अलसी के बीज का उपयोग रूमेटाइड आर्थराइटिस से ग्रसित व्यक्ति को अवश्य करना चाहिए।

चूंकि ये ओमेगा3 फैटी एसिड के अच्छे स्रोत है, वसा की वजह से इसमें ऊर्जा की ज्यादा मात्रा होती है। अतः इनका बहुत अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।

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जैतून का तेल - Olive oil good for rheumatoid arthritis in Hindi

जैतून का तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैट का अच्छा स्रोत है। इसमें ओलियोकैंथल नाम का तत्व पाया जाता है, जो कि सूजन को कम करता है एवं दर्द को कम करने में आइबूप्रोफेन कि तरह कार्य करता है। लेकिन इसे सामान्य तेल की तरह ही प्रयोग करना चाहिए, इसके अधिक प्रयोग से वजन में वृद्धि हो सकती है। अतः इसे अन्य तेलों के साथ मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं।

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प्रोबायोटिक फूड - Probiotics help in rheumatoid arthritis in Hindi

एक शोध के अनुसार रूमेटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्तियों में पेट संबंधी समस्याओं के भी लक्षण देखने को मिलते है। ऐसे में प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अपने भोजन में इन खाद्य पदार्थों को बढ़ाने के लिए आप खमीर युक्त भोजन (इडली, डोसा, दही, छाछ), रेशे युक्त भोजन (साबुत अनाज, पत्तेदार सब्जियां, फल) इत्यादि का सेवन प्रतिदिन कर सकते हैं।

कॉड लीवर ऑयल - Cod liver oil helps in rheumatoid arthritis in Hindi

एक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया है कि कॉड लिवर ऑयल के उपयोग से जोड़ों में दर्द, जोड़ों में अकड़न और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। एक अध्ययन के अनुसार 43 लोगों ने तीन महीने तक लगातार कॉड लीवर ऑयल का प्रतिदिन सेवन किया, जिससे उनके लक्षणों में कमी पाए गई। जैसे - सुबह हड्डियों की अकड़न के कारण दर्द में कमी, सूजन में कमी।

कॉड लीवर ऑयल में पाया जाने वाला ओमेगा3 फैटी एसिड सूजन को कम करता है तथा हड्डियों को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है। 1 कैप्सूल या 1 चम्मच कार्ड लीवर ऑयल का सेवन आप अपने दैनिक आहार में कर सकते हैं।

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अश्वगंधा - Ashwagandha for rheumatoid arthritis in Hindi

आयुर्वेद में अश्वगंधा एक बहुत प्रचलित औषधि है, जो कि एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों एवं हड्डियों के लिए काफी उत्तम मानी जाती है। कई रिसर्च ये दर्शाती हैं कि रूमेटाइड आर्थराइटिस के दौरान इसके इस्तेमाल से हड्डियों की अकड़न में कमी आती है तथा हड्डियों एवं जोड़ों के बीच गतिशीलता आती है।

फल और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं, जो कि शरीर में सूजन को कम करती हैं तथा ऑक्सिडेशन की प्रक्रिया को रोकती हैं और कोशिकाओं की टूट-फूट में हमारी मदद करती हैं। इसमें विटामिन और मिनरल भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो कि शरीर के लिए आवश्यक है। इनमें मौजूद पॉलीफेनॉल सी रिएक्टिव प्रोटीन को कम करने में मदद करते हैं। इनके गुणों का पूरा पूरा लाभ उठाने के लिए आप ताजे मौसमी फलों का प्रयोग करें ना कि जूस, जेली, जैम आदि की तरह। इसके साथ ही रंग बिरंगी सब्जियां, जिनमें अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं, भी शामिल कर सकते हैं।

प्रतिदिन 500-700 ग्राम फल (आलूबुखारा, अंगूरब्लूबेरी, अनार, आम, केला, आडू, सेब इत्यादि) एवं 700-800 ग्राम सब्जियां (कद्दू, गाजर, चुकंदर, टमाटर, ब्रोकली, भिंडी, बैंगन) अपने आहार में अवश्य शामिल करें।

(और पढ़ें - सूजन कम करने के उपाय)

कुछ खाद्य पदार्थ शरीर में सूजन तथा इस बीमारी के लक्षणों को बढ़ाते हैं, इनके उपयोग से परहेज करें। उदाहरण के तौर पर -

  • तले हुए भोजन
  • रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट
  • चीनी या शुगर फ्री
  • मोनो सोडियम ग्लूटामेट
  • अल्कोहल
  • अधिक मात्रा में नमक

(और पढ़ें - गुड़ खाने के फायदे)

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रूमेटाइड आर्थराइटिस में भारतीय खाने के अनुसार इस तरह का डाइट प्लान अपनाएं, ताकि आप इस बीमारी से मजबूती से निपट पाएं।

  • सुबह खाली पेट - दूध (1 गिलास) + अखरोट (4-6)
  • सुबह का नाश्ता - मेथी पराठा (2) + दही (1 कटोरी) + पपीता (1 छोटी कटोरी)
  • मध्य आहार -  सेब (1 छोटा)
  • दोपहर का खाना - चपाती (2) / ब्राउन राइस (1 कटोरी) + अरहर दाल / खीरे का रायता (1 कटोरी) + लौकी की सब्जी (1 कटोरी) +  सलाद (1 कटोरी)
  • शाम की चाय - हल्दी की चाय (1 कप) + भुने मखाने (1 कटोरी)
  • रात का खाना - वेजिटेबल सूप (1 कटोरी) + चपाती (2) + पनीर की सब्जी / फिश करी  (1 कटोरी)
  • सोते समय - हल्दी वाला दूध (1 कप )

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