जी हां, आपको रेबीज वैक्सीनेशन करवाना पड़ेगा। क्योंकि रेबीज एक संक्रामक बीमारी है, जो मनुष्य सहित सभी प्रकार के गर्म खून वाले जीवों को प्रभावित कर सकती है। यह विकार संक्रमित जानवर की लार द्वारा फैलता है और वायरस (न्यूरोट्रोपिक लिसेवायरस ; Neurotropic lyssavirus) के कारण होता है जो लार ग्रंथियों और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। जब कोई संक्रमित पशु किसी व्यक्ति को काटता या खरोंच मारता है तो उनमें यह वायरस फैल सकता है। आपको रेबीज से संक्रमित होने का खतरा है, इसलिए आपको रेबीज के लिए वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।
नई रिसर्च के अनुसार रेबीज वायरस का इलाज न लेने पर भी व्यक्ति की जान बच सकती है। रेबीज से संक्रमित सभी जानवरों में यह वायरस पूरी तरह से घातक या जानलेवा नहीं होता है।
आमतौर पर जिन जानवरों में रेबीज होता है, उन्हीं से रेबीज वायरस फैलता है। एक संक्रमित व्यक्ति से किसी अन्य व्यक्ति में रेबीज वायरस फैलना बहुत ही दुर्लभ है। हालांकि, रेबीज से संक्रमित व्यक्ति के ऑर्गन ट्रांसप्लांट या काटने से यह वायरस फैल सकता है।
जी हां, चूहे के काटने से भी आप रेबीज से संक्रमित हो सकते हैं। आपको चूहे ने काटा है, तो तुरंत अस्पताल जाकर रेबीज वैक्सीनेशन और टिटनेस का इंजेक्शन लगवा लें।
रेबीज वायरस संक्रमित जानवर की लार के संपर्क में आने से फैलता है। कुत्ते के चाटने, काटने और खंरोच मारने से कई देशों में लोगों की मौत होने के मामले सामने आए हैं, जिसमें रेबीज भी शामिल है जिससे इंसान की मौत हो जाती है।
रेबीज से संक्रमित जानवर के काटने के बाद व्यक्ति को 24 घंटों के अंदर रेबीज वैक्सीनेशन का एक डोज़ लगवाना जरूरी होता है। रेबीज से संक्रमित व्यक्ति को इस वैक्सीनेशन के 5 डोज़ लेने होते हैं जिसमें से दूसरा डोज़ 3 तीन बाद लगता है।
रेबीज एक संक्रामक बीमारी है और यह वायरस सक्रमित जानवरों की लार में पाया जाता है। स्किन पर इस लार के सूखने पर इसके संक्रामक होने का खतरा नहीं रहता है। साबुन, डिटर्जेंट, ब्लीच और एल्कोहल से आसानी से इस वायरस को खत्म किया जा सकता है।
रेबीज वायरस, संक्रमित जानवर के खून, पेशाब और मल एवं हवा के माध्यम से नहीं फैलता है, लेकिन यह वायरस तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। इसलिए इससे संक्रमित जानवर असामान्य रूप से व्यवहार करने लगते हैं।
जब रेबीज वायरस रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क में पहुंच जाता है, तब यह आपके लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद इसे मस्तिष्क तक पहुंचने में लगभग 10 दिन लगते हैं और ज्यादा से ज्यादा 30 से 50 दिन, लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि कुत्ते ने आपको किस हिस्से पर काटा है। कुत्ते के काटने के बाद आप वैक्सीनेशन लेते हैं और सावधानियां बरतते हैं, तो इसे फैलने से रोका जा सकता है।
रेबीज वायरस सूरज की रोशनी से खत्म हो सकता है। इसी के साथ रेबीज से संक्रमित हिस्से को सुखाकर या उसे साबुन से धोकर आप वायरस को खत्म कर सकते हैं। अगर आप रेबीज से संक्रमित हो जाते हैं या रेबीज से संक्रमित कोई जानवर आपको काट लेता है, तो सबसे पहले आप उस घाव को साफ करें और उसके बाद इसके लिए दवा या वैक्सीन लें।
अगर रेबीज से संक्रमित व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को छूता है, तो यह वायरस उसमें नहीं फैल सकता, लेकिन किस करने से वायरस के फैलने की आशंका रहती है।