पेट या ड्यूडिनल म्यूकोसा (ड्यूडिनम की अंदरूनी लाइनिंग) में दोष के कारण पेट में अल्सर यानि पेप्टिक अल्सर होता है। इसमें गोल या अंडाकार घाव बन जाते हैं, जिससे पेट में अत्यधिक एसिड और पाचक रस बनने की वजह से पेट या ड्यूडिनल लाइनिंग खराब होने लगती है। इस स्थिति के कारण व्यक्ति को समय-समय पर और खाना खाने के बाद परेशानी होती रहती है। खाना खाने के बाद पेट में एसिड बनने की वजह से परेशानी होती है। पेप्टिक अल्सर के दो प्रकार हैं :
गैस्ट्रिक अल्सर : ये पेट के निचले हिस्से में होता है और इसमें खाना खाने के तुरंत बाद या कुछ समय के लिए दर्द होता है।
ड्यूडिनल अल्सर : ये ड्यूडेनम (छोटी आंत का पहला हिस्सा) में होता है और इसमें खाना खाने के बाद 2 से 3 घंटे तक पेट में तेज दर्द रहता है।
आमतौर पर पेट में अल्सर बैक्टीरियम हैलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया से संक्रमण के कारण होता है। हालांकि, ये लंबे समय तक किसी मॉडर्न सूजन-रोधी दवा या आनुवांशिक कारण की वजह से भी हो सकता है।
पेप्टिक अल्सर को नियंत्रित करने के लिए होम्योपैथिक दवाओं में आर्जेन्टम नाइट्रिकम, आर्सेनिकम एल्बम, जेरेनियम मैक्युलेटम, हाइड्रैस्टिस कैनेडेन्सिस, केलियम बाइक्रोमिकम, मरक्यूरियस कॉरोसिवस, ऑर्निथोगैलम अम्बेलैटम, फॉस्फोरस और यूरेनियम नाइट्रिकम का नाम शामिल है।