ज्यादातर मामलों में पेट के अल्सर की समस्या 'हेलिकोबैक्टर पाइलोरी' (एच. पाइलोरी) नामक बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण की वजह से होती है। पेट के अल्सर की एक और सामान्य वजह है नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) का उपयोग करना, जिसे एएसए भी कहा जाता है। अल्सर के उपचार में एच. पाइलोरी इंफेक्शन को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा पेट में बने एसिड की मात्रा को कम करने पर भी फोकस किया जाता है। इससे दर्द में कमी आती है और उपचार में मदद मिलती है।

इसके सामान्य लक्षणों में पेट में हल्का दर्द, वजन कम होना, दर्द की वजह से कुछ खाने का मन नहीं करना, मतली या उल्टी, सूजन, पेट फूलना, डकार या एसिड की वजह से सीने में जलन, एनीमिया आदि शामिल हैं। हालांकि, किसी भी ऐसे भोजन का पता नहीं चला है, जो अल्सर का कारण बनता हो, लेकिन कुछ भोजन लक्षणों को खराब कर सकते हैं या इसके उपचार को कठिन बना सकते हैं। इस लेख में, हम चर्चा करेंगे कि पेट का अल्सर हो जाने पर हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

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  3. पेट में अल्सर के लिए डाइट चार्ट - Diet chart for stomach ulcer in Hindi
पेट के अल्सर में क्या खाएं, क्या न खाएं और परहेज के डॉक्टर

पेट के अल्सर में निम्नलिखित चीजों का सेवन किया जा सकता है :

  • फाइबर है फायदेमंद : नियमित रूप से फाइबर से भरपूर आहार लेना इस बीमारी के दौरान फायदेमंद साबित हो सकता है। इसलिए, भोजन में घुलनशील फाइबर वाली चीजों को शामिल करें। इसके लिए आप सब्जियां, फल, दलिया, जौ, पीनट बटर, नट्स और फलियां जैसे दाल, सूखा सेम और मटर आहार में शामिल कर सकते हैं। घुलनशील फाइबर युक्त उच्च आहार अल्सर रोकने में मदद कर सकते हैं।
  • विटामिन ए से भरपूर आहार लें : हार्वर्ड कोहोर्ट अध्ययन में कहा गया है कि विटामिन ए का सेवन (भोजन और सप्लीमेंट से) इस बीमारी के जोखिम को कम कर सकता है। स्टडी के मुताबिक, जो लोग विटामिन ए का सेवन बहुत कम करते हैं, उनकी तुलना में विटामिन ए का सेवन करने वाले व्यक्तियों में अल्सर का जोखिम 54 प्रतिशत तक कम था। अपने आहार में इस पोषक तत्व को शामिल करने के लिए आप पपीता, तरबूज, गाजर, कद्दू आदि को शामिल करने का प्रयास करें।
  • प्रोटीन की मात्रा पर दें ध्यान : टिश्यू प्रोटीन सिंथेसिस (वह प्रक्रिया जिसमें कोशिकाएं प्रोटीन बनाती हैं) के लिए आवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करने और हीलिंग को बढ़ावा देने के लिए, ज्यादा मात्रा में प्रोटीन लेने की सलाह दी जाती है। प्रोटीन को इसलिए भी आहार में शामिल करना चाहिए, क्योंकि इनमें 'गुड बफरिंग' होता है। बता दें, बफर वे होते हैं जो पीएच में परिवर्तन को नियंत्रित करते हैं। इस बीमारी के दौरान प्रोटीन की सामान्य आवश्यकता में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। हालांकि मांस आधारित प्रोटीन के प्रयोग से बचना चाहिए, क्योंकि मांस का अर्क उत्तेजक का कार्य करता है। इसके अलावा मिल्क प्रोटीन में भी अच्छी बफरिंग क्रिया होती है, इसलिए इसे भी दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए।
  • विटामिन सी है फायदेमंद : अल्सर को ठीक करने और बेहतर आयरन अवशोषण के लिए विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा ली जानी चाहिए। लेकिन टमाटर, टमाटर का रस और खट्टे फलों के रस का सेवन सीमित मात्रा में करें, क्योंकि कुछ लोगों में, इन खाद्य पदार्थों से भोजन नली में दर्द और सीने में जलन की समस्या हो सकती है। विटामिन सी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन किया जा सकता है। यदि आप सप्लीमेंट लेने की सोच रहे हैं तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें।

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कैफीन का सेवन करें सीमित : कैफीन वाले पेय गैस्ट्रिक एसिड का उत्पादन बढ़ाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप श्लेष्मा झिल्ली में जलन होती है। वही, सॉफ्ट ड्रिंक के प्रयोग से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये एसिड उत्पादन के साथ पेट में गैस बनाते हैं और गैस्ट्रिक समस्याओं का कारण बनते हैं। इसलिए कैफीन युक्त पेय (चाय, कॉफी, कोला पेय) का सेवन कम से कम करें। इनकी जगह कैफीन मुक्त चाय, हल्दी वाला दूध, ग्रीन टी, हर्बल टी, ग्लूकोज, पानी, छाछ आदि का सेवन करें।

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मसालेदार और चिकनाई युक्त भोजन से बचें : मसालेदार और तैलीय खाद्य पदार्थ अल्सर का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन वे कुछ लोगों में लक्षण को बदतर कर सकते हैं। यदि, मसालेदार भोजन से आपको परेशानी होती है, तो उनका सेवन बिल्कुल बंद कर दें या सीमित कर दें। इस तरह के भोजन में अचार, मसाले, मिर्च, पेस्ट्री, केक, मिठाई, तला हुआ भोजन, वसा युक्त ग्रेवी इत्यादि शामिल है।

भूखे ना रहें : जो लोग उपवास रखते हैं या किसी समय का खाना नहीं खाते हैं, उनमें इस बीमारी की स्थिति और खराब हो सकती है। इस बीमारी का मुख्य लक्षण पेट में जलन है। पेट के खाली होने पर एसिड की मात्रा बढ़ती है और पेट में दर्द होता है। पेट के एसिड को खत्म करने वाले कुछ खाद्य पदार्थों एवं दवाओं को खाने से दर्द में राहत पाई जा सकती है।

(और पढ़ें - पेट में जलन होने पर क्या करें)

गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें : पेट फूलना इस बीमारी के सामान्य लक्षणों में से एक है और अगर आप ऐसा भोजन कर रहे हैं, जिसकी वजह से गैस बनती है तो यह असुविधा को बढ़ा सकता है। इसलिए पत्तागोभी, फूलगोभी, प्याज और शलजम, सूखा मटर, तले हुए खाद्य पदार्थ आदि का सेवन न करें, ताकि लक्षणों को नियंत्रित किया जा सके।

अल्कोहल का सेवन छोड़ दें : अल्कोहलयुक्त पेय का सेवन करने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के साथ-साथ सुरक्षात्मक म्यूकोसल लेयर को नुकसान हो सकता है और आगे यह सूजन व ब्लीडिंग का कारण बन सकता है। इसलिए लक्षणों को कम करने के लिए, अल्सर से ग्रसित व्यक्ति को अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।

धूम्रपान और तंबाकू का सेवन है हानिकारक : यदि आप धूम्रपान करते हैं या तंबाकू चबाते हैं, तो इस आदत को छोड़ने की कोशिश करें। तंबाकू अल्सर को ठीक करने की गति को कम कर सकता है। इसके अलावा दोबारा अल्सर होने के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। अचानक से तंबाकू और धूम्रपान का सेवन करना कठिन हो सकता है, इसलिए इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें।

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अपने शरीर के लक्षणों पर दें ध्यान : कुछ लोग निश्चित खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद लक्षणों के बिगड़ने के बारे में जानकारी देते हैं। इसलिए यह पता लगाना जरूरी है कि वे कौन से भोज्य पदार्थ हैं, जो इस समस्या को ट्रिगर या बढ़ावा देते हैं। ऐसे भोज्य पदार्थों को तुरंत सीमित करें या इनका सेवन बिल्कुल बंद कर दें।

पर्याप्त आराम करें : अच्छा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य होना बहुत आवश्यक है, जरूरत से ज्यादा काम और शारीरिक एवं मानसिक तनाव कई बीमारियों का कारण बन सकता है। रोगी को यह याद रखना चाहिए कि चिंता पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती है, जो इस बीमारी के दौरान हानिकारक हो सकती है। ऐसे में मानसिक और शारीरिक आराम बहुत जरूरी है।

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पेट के अल्सर के लिए डाइट प्लान में निम्न चीजों को शामिल किया जा सकता है :

  • प्रात : सुबह- 1 गिलास पानी + 8-10 भीगे हुए बादाम
  • नाश्ता - दूध से बना पोरिज (1 बड़ा कटोरा) + पपीता (1 कटोरी)
  • नाश्ते और लंच के बीच वाले समय - खरबूजा (1 कटोरी)
  • लंच - पालक की खिचड़ी (1-2 कटोरी) + दही (1 कटोरी)
  • शाम की चाय के समय - कच्चा पनीर (5-7 टुकड़े) / दो उबले अंडे का सफेद वाला भाग
  • रात का खाना - रोटी (2) + अरहर या तुअर दाल की दाल (1 कटोरी) + लौकी की सब्जी (1-2 कटोरी)
  • सोने के समय - ठंडा दूध (1 गिलास)
  • यदि आप पेट के अल्सर की बीमारी से पीड़ित हैं, तो हरी सब्जियां, फल, फाइबर युक्त और साबुत अनाज से भरपूर आहार लें। ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें, जिनमें घुलनशील फाइबर, विटामिन ए और विटामिन सी का अच्छा स्रोत हो।

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संदर्भ

  1. Aldoori W H, et al. Prospective study of diet and the risk of duodenal ulcer in men.. Am J Epidemiol. 1997 Jan 01; 145(1):42-50. PMID 8982021

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