अंडाशय में सिस्ट महिलाओं के एक या दोनों अंडाशयों की सतह पर तरल पदार्थ से भरी गाँठ होती है। ज़्यादातर महिलाओं को जीवन में कभी न कभी सिस्ट की समस्या होती ही है। अमरीका के रोग नियंत्रण रोकथाम (Disease Control and Prevention) के अनुसार ज़्यादातर महिलाओं को रजोनिवृत्ति से पहले अपने जीवन में ओवरियन सिस्ट की समस्या हो जाती है, जबकि 14.8% महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद ये समस्या देखने को मिलती है।

अंडाशय में सिस्ट दो प्रकार के होते हैं - "फंक्शनल" और "पैथोलॉजिकल"। ज़्यादातर अंडाशय में सिस्ट "फंक्शनल" प्रकार के होते हैं, यानी ये प्राकृतिक रूप से पीरियड्स के समय होते हैं और किसी बीमारी का संकेत या वजह नहीं होते। ऐसे सिस्ट आमतौर पर रोग-मुक्त होते हैं और बिना किसी स्पष्ट कारण के अंडाशय में हो जाते हैं। दूसरी ओर "पैथोलॉजिकल" सिस्ट रोग-मुक्त हो सकते है या फिर कैंसर का कारण बन सकते हैं।

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अक्सर जिनको अंडाशय में सिस्ट होते हैं उनको पता भी नहीं होता कि उन्हें सिस्ट हैं क्योंकि इनकी वजह से किसी भी तरह की समस्या पैदा नहीं होती। हालाँकि कुछ मामलों में, कई लक्षण हो सकते हैं जैसे पेट फूलना, मल त्याग करते समय दर्द होना, अनियमित मासिक धर्म, पीरियड्स से पहले या दौरान श्रोणि में दर्द होना, सेक्स के दौरान दर्द होना, कमर में दर्द या जाँघों में दर्द होना, मलाशय या मूत्राशय पर दबाव पड़ना, मतली और उल्टी। कुछ प्रकार के ओवरियन सिस्ट से प्रजनन क्षमता में कमी आ सकती है।

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ज़्यादातर मामलों में, अंडाशय में सिस्ट खुद बा खुद कुछ महीने में गायब हो जाते हैं। हालाँकि अगर वो असहजता का कारण बनते हैं तो आप कुछ घरेलू नुस्खे इसके लक्षणों से राहत दिला सकते हैं और सिस्ट को छोटा कर सकते हैं। इसके साथ ही आप अपने डॉक्टर से पूरा निदान और इलाज कराने की बात अवश्य करें।

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तो आइये आपको बताते हैं अंडाशय में सिस्ट के कुछ घरेलू उपाय –

  1. ओवेरियन सिस्ट के लिए गर्म कपड़े से सेक करें - Heating pad for ovarian cystin Hindi
  2. अंडाशय में सिस्ट को दूर करने के लिए अरंडी के तेल का उपयोग करें - Castor Oil Pack good for ovarian cyst in Hindi
  3. अंडाशय में गांठ हटाने के लिए सेंधा नमक का उपयोग करें - Epsom Salt Bath benefits for ovarian cyst in Hindi
  4. अंडाशय सिस्ट को दूर करने के लिए कैमोमाइल चाय का उपयोग करें - Benefits of chamomile tea for ovarian cyst in Hindi
  5. अंडाशय में गांठ से छुटकारा पाने के लिए सेब का सिरका है फायदेमंद - Apple cider vinegar remedy for ovarian cysts in Hindi
  6. अंडाशय सिस्ट को हटाने के लिए चुकंदर का उपयोग करें - Beetroot for ovarian cysts in Hindi
  7. अंडाशय में गांठ के लिए अदरक का जूस पियें - Ginger juice for ovarian cyst in Hindi
  8. अलसी है अंडाशय में सिस्ट को कम करने के लिए फायदेमंद - Flax seed for ovarian cyst in Hindi
  9. ओवेरियन सिस्ट साइज को कम करने के लिए बादाम है उपयोगी - Almonds help reduce size of ovarian cysts in Hindi
  10. ओवेरियन सिस्ट को कम करने का तरीका है ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीना - Increase your fluid intake to reduce ovarian cyst in Hindi
  11. सारांश

गर्माहट मांसपेशियों की ऐठन या अंडाशय में सिस्ट की वजह से पेट के निचले हिस्से में दर्द के लिए काफी प्रभावी है।

हीटिंग पैड का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले हीटिंग पैड या गर्म बोतल को अपने पेट के निचले हिस्से पर रख लें।
  2. इसे 15 मिनट के लिए ऐसे ही रखे रहने दें।
  3. इस उपाय को तब तब करें जब जब आपको पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो।
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अरंडी के तेल का पैक अंडाशय में सिस्ट के लिए बहुत ही पुराना उपाय है। अरंडी का तेल शरीर से अधिक उत्तकों और विषाक्त पदार्थों को साफ़ करने में मदद करता है। ये लिम्फाटिक (lymphatic) और सर्कुलेटरी सिस्टम को भी उत्तेजित करता है जिसमे अंडाशय में सिस्ट को दूर और खत्म करने में मदद मिलती है।

अरंडी के तेल के पैक का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले एक बड़े कपड़े को दो या तीन बार फोल्ड कर लें। ध्यान रहे ये फोल्ड किया गया कपडा इतना बड़ा होना चाहिए की आपके पेट के निचले हिस्से में कवर हो जाए।
  2. अब दो चम्मच अरंडी के तेल को बूँद की तरह कपडे पर डालें। अब कपड़े को आधा फोल्ड कर लें जिससे पूरा हिस्सा तेल में हो जाएँ अब इस आधे कपड़े को वापस उसी जगह ले आएं।
  3. अब एक पुरानी तौलिया के ऊपर लेट जाएँ और फिर उस कपडे को अपने पेट के निचले हिस्से पर रख लें।
  4. अब अरंडी के तेल के कपड़े को प्लास्टिक से कवर कर लें और फिर एक पुराणी तौलिया से कवर कर लें।
  5. अब उस तौलिया के ऊपर गर्म बोतल रखें और फिर एक गर्म कम्बल ओढ़ लें।
  6. अरंडी के तेल के कपड़े को आधे घंटे के लिए ऐसे ही लगा हुआ रहने दें और फिर इसे हटा लें।
  7. इस प्रक्रिया को हफ्ते में तीन बार तीन महीने तक करें।
  8. अरंडी के तेल का पैक हटाने के बाद त्वचा से तेल साफ़ करने के लिए आप चार कप पानी में तीन चम्मच बेकिंग सोडा को मिलाकर त्वचा पर से तेल हटा सकते हैं।

नोट - अरंडी के तेल का इस्तेमाल पीरियड्स के दौरान न करें। अगर आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे हैं तो ओव्युलेशन के बाद इस उपाय का इस्तेमाल न करें।

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सेंधा नमक बाथ अंडाशय में सिस्ट से जुड़े लक्षणों और दर्द को दूर करने में बहुत ही मदद करता है। सेंधा नमक में मौजूद सल्फेट मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है जिससे दर्द से आपको राहत मिलती है।

सेंधा नमक का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले एक कप सेंधा नमक को अपने टब या बाल्टी में डाल लें और फिर उसे गर्म पानी से भर लें।
  2. अब उसमे लैवेंडर के तेल, गुलाब या जैस्मिन के तेल की दस बूँदें डालें।
  3. फिर उस पानी को अच्छे से चलाते रहे जिससे नमक पूरी तरह से घुल जाए।
  4. अब 20 से 30 मिनट के लिए अपने निचले धड़ को उसमे डुबो दें या फिर उस पानी का इस्तेमाल पेट के निचले क्षेत्र पर करें।
  5. इस उपाय को रोज़ाना पूरे दिन में एक बार ज़रूर दोहराएं।   

(और पढ़ें - सेंधा नमक के फायदे और नुकसान

हर्बल चाय जैसे कैमोमाइल चाय अंडाशय में सिस्ट के इलाज और दर्द या असहजता के लिए बहुत ही बेहतरीन उपाय है। कैमोमाइल चाय के आराम देने वाले गुण दर्द को दूर करते हैं और आपको आराम दिलाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही इस चाय का गर्म प्रभाव पेल्विक क्षेत्र और गर्भाशय में रक्त के प्रवाह को उत्तेजित करके पीरियड्स के समय को नियंत्रित करता है।

कैमोमाइल चाय का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले दो चम्मच सूखे कैमोमाइल को एक कप गर्म पानी में मिला दें।
  2. फिर उस बर्तन को ढककर रख दें और पांच मिनट तक उबलने का इंतज़ार करें।
  3. आप दो ये तीन कप कैमोमाइल चाय को रोज़ाना पी सकते हैं, तब तक जब तक ये समस्या दूर न हो जाए।  

(और पढ़ें - कैमोमाइल चाय के फायदे)

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सेब का सिरका पोटेशियम की कमी से होने वाले ओवरियन सिस्ट को सिकोड़ने और कम करने में मदद करता है। इसमें पोटेशियम की मात्रा काफी ज़्यादा पायी जाती है और इसे कई हेल्थ एक्सपर्ट्स द्वारा भी सेवन करने के लिए कहा जाता है।

सेब के सिरके का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले एक चम्मच सेब के सिरके को एक ग्लास गर्म पानी में मिला दें।
  2. फिर उसमे एक चम्मच शीरा मिलाएं।
  3. अब इस मिश्रण को अच्छे से चलाने के बाद एक या दो ग्लास रोज़ाना पीते रहें।
  4. इस उपाय को तब तक करें जब सिस्ट पूरी तरह से चला न जाए।

ये उपाय पीरियड्स में अधिक रक्तस्राव के लिए भी फायदेमंद है साथ ही मासिक धर्म में ऐठन और पेट की फूलने की समस्या भी कम होती है।

(और पढ़ें - सेब के सिरके के फायदे)

चुकंदर में बीटासियनिन (betacyanin) यौगिक होता है जो सिस्टम से विषाक्त पदार्थों को साफ़ कर लीवर की क्षमता को बढ़ाता है। इसके साथ ही इसके अल्कलाइन गुण शरीर में एसिडिटी को संतुलित करते हैं। इससे अंडाशय में सिस्ट से होने वाले लक्षणों को दूर करने में मदद मिलती है।

चुकंदर का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले एक या आधा कप ताज़ा चुकंदर का जूस निकाल लें।
  2. अब एक चम्मच एलो वेरा जेल और शीरा को इसमें मिला दें।
  3. इस मिश्रण को अच्छे से चलाने के बाद पी जाएँ।
  4. इस मिश्रण को अपने नाश्ते के बाद रोज़ाना एक बार ज़रूर पियें।
  5. इस उपाय को तब तक दोहराएं जब तक इसके लक्षण दूर न हो जाएँ।

(और पढ़ें - चुकंदर के फायदे)

अदरक एक बहुत ही मजबूत सूजनरोधी जड़ी बूटी है जो सूजन को दूर करती है और दर्द से राहत दिलाती है। इसके साथ अदरक शरीर की गर्माहट को बढ़ाती है और इससे पीरियड्स में भी किसी तरह की परेशानी नहीं होती।

अदरक का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले एक या दो इंच अदरक के टुकड़े, दो डठल अजमोद, आधा ग्लास सेब का जूस और तीन चौथाई अनानास के जूस को एक साथ मिक्सर में मिक्स कर लें और फिर इस मिश्रण को पी जाएँ।
  2. इस मिश्रण को रोज़ाना एक बार क बार ज़रूर पियें, तब तक जब तक सिस्ट चला न जाए।
  3. इसके साथ आप अदरक की चाय के दो या तीन कप भी रोज़ाना पी सकते हैं।

(और पढ़ें - अदरक के फायदे)

अलसी शरीर में एस्ट्रोजन से प्रोजेस्टेरोन के अनुपात (proportion) को संतुलित करने में मदद करती है। इससे सिस्ट दूर होता है। इसके साथ ही अलसी फाइबर से समृद्ध होती है जो शरीर से विषाक्त पदार्थ, कोलेस्ट्रॉल और अन्य ख़राब उत्पादों को भी बाहर निकालता है।

अलसी का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले एक चम्मच अलसी को एक ग्लास गर्म पानी में मिला लें।
  2. अब इस मिश्रण को खाली पेट रोज़ाना पियें, तब तक जब तक आपको कोई सुधार नहीं दिख जाता।
  3. आप दही, स्मूथीस और सलाद में अलसी को मिलाकर खा सकते हैं।

(और पढ़ें - अलसी के फायदे

बादाम एक मैग्नीशियम से समृद्ध आहार है जो ओवरियन सिस्ट की वजह से होने वाली दर्दभरी ऐठन को दूर करने में मदद करता है

बादाम का इस्तेमाल चार तरीकों से करें -

पहला तरीका -

रोज़ाना भुने बादाम को खाएं इससे आपको दर्द और असहजता से आराम मिलेगा।

दूसरा तरीका -

इसके अलावा आप बादाम के तेल से पेट की निचले हिस्से में मसाज करें। इससे दर्द और फूलने की समस्या से आराम मिलेगा।

तीसरा तरीका -

अच्छा परिणाम पाने के लिए, आप बादाम के तेल में जैस्मिन की कुछ बूँदें मिलाएं और फिर इसे मसाज की तरह इस्तेमाल करें।

चौथा तरीका -

  1. आप एक चम्मच बादाम के तेल को एक ग्लास गर्म दूध में डालकर पी सकते हैं  .
  2. इस मिश्रण रोज़ाना एक बार ज़रूर पियें।

(और पढ़ें - बादाम के फायदे

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अगर आप ओवरियन सिस्ट से पीड़ित हैं तो ज़रूरी है कि आप पेय पदार्थों का ज़्यादा से ज़्यादा सेवन करें। एल्कलाइन पानी पीने की कोशिश करें। आप एक ग्लास पानी में एक नींबू निचोड़कर भी डाल सकते हैं। पानी आपके शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद करता है और अंदर से इलाज भी करता है। इससे आपका अंडाशय में सिस्ट की वजह से होने वाले दर्द और सूजन से भी आराम मिलता है। 

(और पढ़ें - नींबू पानी के फायदे)

पानी के साथ साथ आप नारियल का पानी और हरी सब्ज़ियों के जूस भी पी सकते हैं। शराब, कॉफी और कोक, पेप्सी आदि न पीएं।

अगर आपको बहुत ही गंभीर या तेज़ श्रोणि में दर्द, बुखार, चक्कर आना, जल्दी जल्दी सांस लेना या योनि में थोड़े थोड़े खून के धब्बों के साथ दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो जल्द से जल्द चिकित्सीय इलाज करवाएं। इन लक्षणों का मतलब हो सकता है कि या तो आपका सिस्ट फूट चूका है या अंडाशय में मरोड़ पैदा हो गयी है जिसके समय पर इलाज न कराने के बहुत ही गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

अंडाशय में गांठ (ओवेरियन सिस्ट) के घरेलू उपायों से कुछ हद तक राहत मिल सकती है, लेकिन गंभीर मामलों में डॉक्टर से परामर्श जरूरी है। गर्म पानी की सिकाई दर्द और सूजन कम करने में सहायक हो सकती है। अदरक की चाय, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है, सूजन को कम करने और दर्द में राहत देने में मदद कर सकती है। अलसी के बीजों का सेवन हार्मोन संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है, जिससे सिस्ट का विकास कम हो सकता है। इसके अलावा, रोजाना तुलसी की पत्तियां चबाने से हार्मोनल असंतुलन में सुधार हो सकता है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनाव कम करना भी ओवेरियन सिस्ट को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है।

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