मोटापे की बीमारी के डेवलेपमेंट में एक सेंट्रल एलिमेंट की भूमिका होती है, जिसे एडिपोज टिशू कहते हैं। यह ऊतक वसा को स्टोर करने वाले फैट सेल्स (एडिपोसाइट्स) और इम्यून सिस्टम के स्कैवेंजर सेल्स मैक्रोफेज (जिनका संबंध माइक्रोब्स डेस्ट्रेक्शन से है) को आपस में मिलाने का काम करता है। पोलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया और यूनिवर्सिटी ऑफ विएना के वैज्ञानिकों ने शरीर के उन संकेतक मार्गों का पता लगाने का दावा किया है, जो मोटापे से जुड़े एक महत्वपूर्ण एडिपोज टिशू मैक्रोफेज (एटीएम) के डेवलेपमेंट के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह एडिपोज टिशू मैक्रोफेज लाइपोटॉक्सिसिटी (एक मेटाबॉलिक सिंड्रोम) को रोकने का काम करता है। लाइपोटॉक्सिसिटी एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें फैट मॉलिक्यूलस नॉन-एडिपोज टिशूज में जमा हो जाते हैं।
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शोध में वैज्ञानिकों ने पीआई3के नाम के एक विशेष सिग्नलिंग पाथे का खासतौर पर अध्ययन किया है। उन्होंने बताया है कि यह प्रमुख मेटाबॉलिक रेग्युलेचर होता है, जो फैट स्टोरेज को नियंत्रित करने और हार्मोन इंसुलिन के सेल्युलर रिएक्शन में अहम भूमिका निभाता है। अध्ययन के प्रमुख लेखक गेरनॉट शैबुअर इम्यून सेल्स में पीआई3के सिग्नलिंग पाथवे पर सालों से रिसर्च कर रहे हैं। वे बताते हैं, 'मोटापे के मामले में एटीएम की भूमिका अच्छी और बुरी दोनों ही है। वे इनमें से कुछ भी हो सकते हैं। हमारा अनुमान है कि एक्टिव पीआई3के सिग्नल पाथवे इस बीमारी में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।'
वैज्ञानिकों ने बकायदा अध्ययन के आधार पर यह बात कही है। उन्होंने मल्टीकलर फ्लो साइटोमेट्री, लिपिडॉमिक्स, सेल्युलर रेस्पिरेशन टेस्ट और कई एनीमल मॉडल आधारित तकनीकों की मदद से पता लगाया है कि स्थिर गतिविधि के साथ पीआई3के सिग्नलिंग पाथवे मैक्रोफेज में अहम भूमिका निभा सकता है। यह विशेष एटीएम प्रोड्यूस करता है, जिन्हें मार्को (मैक्रोफेज रिसेप्टर विद कोलेजिनस स्ट्रक्चर) स्कैवेंजर रिसेप्टर्स की बढ़ी संख्या के साथ वर्णित किया जाता है। इस पर अध्ययन की एक सह-लेखक एंड्रिया वोगल ने बताया, 'हमें पता चला है कि मार्को युक्त एटीएम पेशेवर लिपिड स्कैवेंजर होते हैं। ये कोशिकाएं मार्को को खुद एब्जॉर्ब करके उसे तोड़ देती हैं। इससे यह खून के बहाव में शामिल होने का रास्ता नहीं ढूंढ पाता।'
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वहीं, अध्ययन के एक अन्य लेखक उमर शरीफ ने बताया, 'मेटाबॉलिक सिंड्रोम और लाइपोटॉक्सिसिटी मोटापे की अनोखी विशेषताओं में से एक हैं। हमारे शोधकार्य से पता चला है कि ज्यादा लिपिड (वसा) लेने और एटीएम का इंप्रूव्ड एनर्जी मेटॉलिज्म व्यवस्थित मेटाबॉलिक हेल्थ को बनाए रखने में मदद करता है। इसका कई मेटाबॉलिक बीमारियों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।' इन तमाम जानकारियों को अध्ययन समेत मेडिकल पत्रिका नेचर मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित किया गया है।