भागदौड़ भरी जिंदगी में माइग्रेन तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। बता दें, माइग्रेन पुरुषों, महिलाओं और यहां तक कि बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है। इसकी बात होते ही हम अक्सर सिरदर्द के बारे में सोचने लगते हैं, लेकिन ये जानना जरूरी है कि माइग्रेन और सिरदर्द दोनों में अंतर है।
माइग्रेन में सिर के आधे भाग में तेज दर्द होता है। ये दर्द आम सिरदर्द की तुलना में काफी ज्यादा होता है। इसमें होने वाले दर्द में इंसान सामान्य कार्य करने में भी असमर्थ हो जाता है। ये भी कहा जाता है कि पुरुषों की तुलना में माइग्रेन महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है। आइए जानते हैं कि इस विषय पर रिसर्च क्या कहती है।
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माइग्रेन के मुख्य कारण
माना जाता है कि माइग्रेन का तेज दर्द मस्तिष्क के भीतर से उत्पन्न होता है। कुछ वैज्ञानिकों को लगता है कि दिमाग में हुई किसी तेज गतिविधि के चलते ऐसा होता है। माइग्रेन के कारण उतने ही जटिल होते हैं, जितना कि खुद माइग्रेन है। हमारे आसपास के वातावरण में होने वाले बदलाव इस समस्या को जन्म देते हैं जैसे - ध्वनि, प्रकाश, गंध या कोई कार्य। कई बार अनुवांशिक कारणों की वजह से भी माइग्रेन हो सकता है।
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महिलाओं में कब और क्यों होता है माइग्रेन
नैशविले न्यूरोसाइंस ग्रुप के संस्थापक न्यूरोलॉजिस्ट जैनलुईस ब्रैंड्स कहते हैं कि ''हार्मोन में होने वाले उतार-चढ़ाव माइग्रेन का कारण हो सकते हैं। लड़कियों के मासिक धर्म शुरू होने तक लड़कों की तुलना में लड़कियों में माइग्रेन होना अधिक सामान्य है। लड़कियों में मासिक धर्म शुरू होने पर हार्मोन में उतार-चढ़ाव आने लगता है और इस स्थिति में इनमें माइग्रेन का खतरा बढ़ जाता है।''
इस वजह से कई विशेषज्ञ मानते हैं कि हार्मोंस में उतार-चढ़ाव का बहुत असर पड़ता है खासतौर पर जब मासिक धर्म के समय एस्ट्रोजन (महिलाओं में यौन और प्रजनन विकास के लिए एक महत्वपूर्ण हार्मोन) हार्मोन कम होने लगता है। माइग्रेन के अधिकांश अटैक मासिक धर्म से कुछ दिन पहले या बाद में आते हैं।
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माइग्रेन का कोई परमानेंट इलाज नहीं
हालांकि, माइग्रेन के दर्द के लिए दवाएं उपलब्ध हैं जो माइग्रेन से होने वाले दर्द को बार-बार उठने से रोकती हैं लेकिन, इसका कोई परमानेंट इलाज नहीं है। एक महत्वपूर्ण सर्वे में शामिल सभी रोगियों में से आधे लोगों का कहना था कि माइग्रेन का मौजूदा उपचार उनके लिए फायदेमंद नहीं है और लगभग सभी पीड़ितों का कहना है कि अगर उन्हें उपचार के नए विकल्प मिल जाते हैं तो वे खुशी से उसका इस्तेमाल करना चाहेंगे।
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WHO की रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्वभर में प्रत्येक 7 वयस्कों में 1 को माइग्रेन प्रभावित करता है।
महिला स्वास्थ्य पर रिसर्च करने वाली जैनिन क्लेटन ने कहा है कि "पुरुषों की तुलना में महिलाओं में माइग्रेन की समस्या अधिक होने के पीछे क्या कारण हैं, इसको लेकर सही तथ्य मौजूद नहीं हैं लेकिन, पुरुषों की तुलना में महिलाएं इस दर्द से अधिक प्रभावित होती हैं इसलिए उन्हें अपना ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।
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