अधिकतर लोगों को पता है कि माइग्रेन कितनी गंभीर बीमारी है। इस बीमारी के कारण सिर में एक ओर या दोनों तरफ तेज और असहनीय दर्द होता है। हालांकि, कुछ लोग इसे सामान्य सिर दर्द समझकर नजरअंदाज करते हैं, जो बाद में एक गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। माइग्रेन के असहनीय दर्द के लिए दवा आपके घर में ही उपलब्ध है और यह बहुत सस्ती भी होती है।
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क्या है माइग्रेन?
माइग्रेन की बीमारी में सिर में रुक-रुक कर बेहद भयानक दर्द होता है, जो कि एक वक्त में 2 घंटे से लेकर कई दिनों तक बना रह सकता है। ये मूल रूप से न्यूरोलॉजिकल (नर्वस सिस्टम बिगड़ने की स्थिति) समस्या है। जिसके कारण शरीर में कुछ न्यूरोट्रांसमीटर (शरीर में रसायनों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की प्रक्रिया) का उत्पादन होता है। इस बीमारी में पीड़ित के दिमाग में रक्त का संचार बढ़ जाता है, इसलिए उसे काफी तेज सिरदर्द महसूस होता है।
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एस्प्रिन है माइग्रेन का इलाज
माइग्रेन का इलाज उसके लक्षणों को और भविष्य में बीमारी के हमलों यानि अटैक को रोकने में मदद कर सकता है। इसके लिए लक्षणों को पहचानते हुए तुरंत दवा लें। जैसे-
एस्प्रिन या आइबूप्रोफेन, हल्के माइग्रेन में राहत देने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, इनके अलावा कुछ दवाइयां हैं, जो विशेषकर माइग्रेन के दर्द को ठीक करने के लिए दी जाती हैं- जैसे कि एसिटामिनोफेन, एस्प्रिन और कैफीन को मिलाकर बनी गई दवाइयां, जो कि माइग्रेन के दर्द में आराम दिला सकती हैं।
क्या है एस्प्रिन?
एस्प्रिन एक प्रकार की दवा है, जो बुखार, सिरदर्द, जोड़ों का दर्द, दांतों का दर्द और अन्य कई बीमारियों में इलाज के लिए दी जाती हैं। एस्प्रिन हार्ट अटैक और स्ट्रोक को दोबारा आने से रोकती है।
एस्प्रिन से माइग्रेन का इलाज कैसे?
लगभग 4 हजार लोगों पर किए गए 13 क्लीनिकल ट्रायल के बाद ये पता चला है कि एस्प्रिन का इस्तेमाल माइग्रेन के इलाज में किया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि माइग्रेन दुनिया की तीसरी सबसे सामान्य बीमारियों में से एक है।
- हर सात में से एक व्यक्ति माइग्रेन का शिकार है। इसकी भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डायबिटीज, दौरे या मिर्गी और अस्थमा की तुलना में अधिकतर लोग माइग्रेन की समस्या से ग्रसित हैं।
- इस बीमारी में सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है और पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने की वजह से माइग्रेन के अधिकांश मरीजों को इलाज ही नहीं मिल पाता।
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एस्प्रिन इलाज में कितनी असरदार
वैज्ञानिकों ने बताया कि एस्प्रिन की 900 से 1,300 मिलीग्राम की हाई डोज माइग्रेन के भयंकर दर्द में असरदार साबित होती है। इतना ही नहीं बार-बार माइग्रेन के दर्द से बचने के लिए रोजाना 81 से 325 मिलीग्राम तक की एस्प्रिन की डोज लेना फायेदमंद हो सकता है।
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डॉक्टर की क्या है राय?
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर शहनाज़ जफर के मुताबिक वैसे माइग्रेन का इलाज अलग से भी किया जा सकता है, लेकिन एस्प्रिन इसमें कारगार साबित होता है। इसके लिए एस्प्रिन का 75 मिलीग्राम डोज दिया जाता है। जिससे माइग्रेन की समस्या को कम किया जा सकता है।
एस्प्रिन के फायदे
एस्प्रिन, माइग्रेन की समस्या में सबसे कारगार है। हालांकि, इसके साथ एस्प्रिन अन्य कई बीमारियों और मांसपेशियों के दर्द में आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। इसके सेवन से जहां हृदय रोग का खतरा कम होता है, तो साथ ही कावासाकी रोग (एक ऐसी बीमारी है जो लगभग हमेशा बच्चों को ही प्रभावित करती है, उनमें से अधिकतर बच्चे 5 वर्ष से कम आयु के होते हैं। इसे म्यूकोक्यूटेनियस लिम्फल नोड सिंड्रोम भी कहा जाता है।) का जोखिम भी घटाती है।
एस्प्रिन के नुकसान
एस्प्रिन के फायदे के साथ-साथ इसके थोड़े नुकसान भी हैं, जो कुछ हद तक मुश्किल में भी डाल सकते हैं। एस्प्रिन के सेवन से कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जैसे-
- जी मिचलाना या उल्टी
- पेट में सूजन और दर्द
- ब्लड प्लेटलेट्स में कमी
- सीने में जलन होना
- कब्ज की समस्या
- त्वचा का पीला पड़ना
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ये कुछ समस्याएं हैं, जो एस्प्रिन के सेवन के चलते किसी भी व्यक्ति को हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही एस्प्रिन का इस्तेमाल करें।