आप बच्चे को तुरंत पीडियाट्रिक (बच्चों के डॉक्टर) को दिखाएं। वह बच्चे का चेकअप करके देखेंगे कि उसे क्या समस्या है, जिसके अनुसार ही इलाज की सलाह देंगे।
जी हां, खसरा रोग की वजह से निमोनिया जैसी जटिलताएं हो सकती हैं, जिसके लिए आपको आइवी एंटीबायोटिक या अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत पड़ सकती है। अगर खाना खाने के 8 घंटे बाद भी आपको बुखार रहता है, तो आप टैबलेट Dolo 650 एमजी की एक गोली लें। इसी के साथ हैल्दी तरल पदार्थ अधिक मात्रा में पिएं, डाइट में हल्का पदार्थ लें, टैबलेट Montek-LC की एक गोली रात में 7 से 10 दिनों के लिए लें और शरीर पर रैशेस और दाने पर खुजली न करें और न ही इस पर ठंडी सिकाई करें।
खसरा एक वायरल संक्रमण है, जिसके लक्षणों में खांसी और गले में खराश होना आदि हैं। इसका इलाज इसके लक्षणों पर निर्भर करता है। आप कितनी जल्दी ठीक हो सकते है, यह इसके उचित व सही इलाज पर निर्भर करता है। आपके भतीजे का इलाज अस्पताल से चल रहा है। आप उसके इलाज का पूरा कोर्स करवाएं, चिंता न करें।
जी नहीं, बिना देखे इसके बारे में नहीं बताया जा सकता है। आप उसी डॉक्टर से दोबारा सलाह लें, यह ज्यादा बेहतर होगा।
हार्मोन में बदलाव की वजह से शरीर और चेहरे पर मुहांसे और दाने निकल सकते हैं। ऑयली स्किन इसका मुख्य कारण होती है और यह किशोर अवस्था में होना बहुत ही आम है, यह बूढ़े लोगों को भी हो सकता है। कुछ पदार्थ खाने से ये बढ़ सकते हैं, जिनमें खाद्य पदार्थ जैसे आइस क्रीम, चॉकलेट और मीठा खाना आदि। इसका इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपको दाने और मुहांसे कहां पर हुए हैं, कितने हुए हैं और यह किसी-किस प्रकार के हैं, जिसे देखकर ही इसका सही ट्रीटमेंट बताया जा सकता है। इसलिए आप डॉक्टर से चेकअप करवा कर ही इसके लिए ट्रीटमेंट लें। जांच के बाद ही डॉक्टर इसके लिए सही इलाज बता पाएंगे।
खसरे का वैक्सीनेशन लगवाने के लिए शुरुआती उम्र 270 दिन है, तो आप इसे अपने बच्चे को 270 दिन से पहले, यानि कि 28 फरवरी, 2020 से पहले न लगवाएं। अब उसे सिर्फ खसरा वैक्सीनेशन अकेले देने के बजाए एमएमआर (मीज़ल, मम्प्स और रूबेला) वैक्सीनेशन दिया जाएगा।
अगर आपकी दोस्त को बुखार 100 डिग्री से ऊपर होता है, तो वह टैबलेट Dolo की एक गोली ले सकती हैं और शरीर पर रैशेस के लिए Calamine लोशन का इस्तेमाल करने को कहें।
सबसे पहले आप उसे पीडियाट्रिक के पास ले जाएं और इसकी जांच करवा लें। जांच के बाद ही इसके लिए उचित और सही इलाज बताया जा सकता है।
वैक्सीनेशन के बाद लगभग 60 प्रतिशत बच्चों को ही बुखार आता है। आप चिंता न करें, यह होना नॉर्मल है।
बिना देखे और जांच किए इसके लिए दवा नहीं दी जा सकती है। इसके लिए आप डॉक्टर से मिलकर अपना चेकअप करवा लें, जिसके अनुसार ही आपका इलाज किया जाएगा।
इस वैक्सीनेशन के कोई भी बड़े दुष्प्रभाव नहीं हैं। इस वैक्सीनेशन से बच्चे को हल्का बुखार आ सकता है। यह वैक्सीनेशन लंबे समय तक इम्युनिटी को मजबूत करता है। चिंता न करें, आप उसे यह वैक्सीनेशन शड्यूल के हिसाब से ही लगवाएं।
जी हां, आप चिंता न करें। आप उसे एयर कंडीशनर में बिठा सकते हैं।