फेफड़े यानी लंग्स हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं जो रोजाना हमारे शरीर के सभी कार्य सुचारू ढंग से हों इसके लिए बहुत कुछ करते हैं। लेकिन हम में से अधिकांश लोग फेफड़ो को साफ और स्वस्थ रखने के बारे में कुछ नहीं करते, जिससे फेफड़ों को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिल सके। हम जिस हवा में सांस लेते हैं, उसमें कई तरह के प्रदूषक कण होते हैं जिससे हवा दूषित हो जाती है। पराग कण से लेकर रसायन और फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं से लेकर तक सिगरेट के सेकेंड हैंड धुएं तक- ये सारी हानिकारक चीजें वातावरण में मौजूद हवा में फंस जाती हैं और फिर सांस के जरिए हमारे फेफड़ों में प्रवेश कर सकती हैं।

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वायु प्रदूषण, सिगरेट का धुआं और अन्य विषाक्त पदार्थों को सांस के जरिए शरीर के अंदर लेने से फेफड़ों को नुकसान हो सकता है और यह कई तरह की बीमारियों का भी कारण बन सकता है। शरीर के बाकी हिस्सों को स्वस्थ रखने के लिए फेफड़ों का स्वस्थ बनाए रखना बेहद आवश्यक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार, हर साल दुनिया भर में वायु प्रदूषण के कारण करीब 42 लाख लोगों की मौत हो जाती है। तो वहीं भारत की बात करें तो यहां साल 2017 में वायु प्रदूषण की वजह से करीब 12 लाख लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा दुनियाभर में धूम्रपान करने वालों में से करीब 12 प्रतिशत लोग भारत में ही रहते हैं और सिगरेट के धुएं के कारण भी हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है।

लिहाजा फेफड़ों को साफ और स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है।

  1. फेफड़ों को साफ रखना क्यों जरूरी है? - Why lungs detox is important in hindi?
  2. फेफड़ों को साफ करने का घरेलू उपाय है भाप लेना - Steam therapy for lungs detox in hindi
  3. फेफड़ों को साफ रखने के लिए करें ब्रीदिंग एक्सरसाइज - Breathing exercise for lungs cleanse in hindi
  4. फेफड़ों को साफ करने के लिए करें एरोबिक एक्सरसाइज - Aerobic exercise for lungs detox in hindi
  5. फेफड़ों को साफ रखने का आसान तरीका है नियंत्रित खांसी - Controlled coughing for lungs cleanse in hindi
  6. फेफड़ों को साफ करने का आसान उपाय है ग्रीन टी - Green tea for lungs detox in hindi
  7. फेफड़ों को साफ करने के लिए ये चीजें खाएं - Foods for lungs cleanse in hindi
  8. विटामिन डी से भरपूर चीजें फेफड़ों को करेंगी साफ - Vitamin D foods for lungs detox in hindi
  9. फेफड़ों को साफ रखने के लिए घर के अंदर की हवा रखें साफ - Keep indoor air clean for lungs detox in hindi

वैसे तो हमारा फेफड़ा एक ऐसा अंग है जो ज्यादातर मौकों पर खुद ही अपनी सफाई कर लेता है लेकिन कुछ चीजें हैं जिनकी मदद से आप अपने फेफड़ों को बेहतर तरीके से काम करने में मदद कर सकते हैं। फेफड़ों की सफाई खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है जिन्हें सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं जैसे- सांस लेने में कठिनाई, अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), या सिस्टिक फाइब्रोसिस। इसके अलावा अगर आप बहुत ज्यादा धूम्रपान करते हैं, बहुत ज्यादा वायु प्रदूषण के संपर्क में रहते हैं या सांस के जरिए ली जाने वाली दवाइयों का सेवन करते हैं तो आपको फेफड़ों की सफाई से लाभ हो सकता है।

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इन दिनों मार्केट में कई तरह की दवाइयां, विटामिन्स, चाय, तेल, सॉल्ट इन्हेलर्स और मास्क मौजूद हैं जो फेफड़ों को होने वाले नुकसान को दूर कर फेफड़ों की सफाई करने का दावा करते हैं। लेकिन क्या आपको इन उत्पादों का इस्तेमाल करना चाहिए। अमेरिकन लंग एसोसिएशन के सीनियर साइंटिफिक सलाहकार डॉ नॉर्मन एडेनमन की मानें तो इसेंशल ऑइल जैसा कोई भी उत्पाद जिसे आपके फेफड़ों की सफाई के लिए प्रचारित किया जाता है, अगर उन्हें सांस के जरिए इन्हेल किया जाए तो ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।

ऐसे में अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका सिगरेट के धुएं और वायु प्रदूषण जैसे हानिकारक विषाक्त पदार्थों से बचने के साथ-साथ नियमित व्यायाम करना और अच्छी तरह से भोजन करना है। इसके अलावा कुछ घरेलू उपाय भी हैं जैसे- ब्रीदिंग एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में किए जाने वाले परिवर्तन जिनकी मदद से फेफड़ों से अतिरिक्त बलगम को हटाने, फेफड़ों की सफाई करने और सांस लेने में सुधार में मदद मिल सकती है।

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स्टीम थेरेपी या भाप को जब सांस के जरिए शरीर के अंदर लिया जाता है तो इससे वायुमार्ग को खोलने और फेफड़ों में मौजूद बलगम को बाहर निकालने में मदद मिलती है। जिन लोगों को फेफड़ों की बीमारी होती है उनके लक्षण सर्दी के मौसम में या शुष्क हवा की स्थिति में और बिगड़ने लगते हैं। ऐसे में भाप, हवा में गर्मी और नमी जोड़ती है, जो सांस लेने में सुधार कर सकती है और वायुमार्ग और फेफड़ों के अंदर बलगम को ढीला करने में मदद करती है। इसके अलावा स्टीम थेरेपी या भाप की चिकित्सा एक प्रभावी अस्थायी समाधान है लेकिन फेफड़ों के स्वास्थ्य पर भाप चिकित्सा के लाभों को पूरी तरह से समझने से पहले शोधकर्ताओं को और अधिक शोध करने की आवश्यकता है।

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सांस लेने से जुड़े कुछ व्यायाम (ब्रीदिंग एक्सरसाइज) ऐसे हैं जो फेफड़ों के कार्य में सुधार कर सकते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो मौजूदा समय में धूम्रपान करते हैं, जिन्होंने अतीत में धूम्रपान किया हो या फिर किसी पुरानी बीमारी की वजह से जिनके फेफड़े क्षतिग्रस्त हो गए हों। सांस लेने से जुड़े व्यायाम में ये 2 तकनीक शामिल है:

  • सांस लेने में कठिनाई होने पर मुंह से धीरे-धीरे सांस लेना
  • बेली ब्रीदिंग या पेट से सांस लेना, जिसे डायाफ्रामिक ब्रीदिंग भी कहा जाता है

सांस से जुड़ा व्यायाम करते वक्त जब हम गहरी सांस लेते हैं तो हमें आराम महसूस होता है और इससे ऑक्सीजन शरीर की कोशिकाओं तक सही मात्रा में पहुंचता है। 

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आपकी रोजाना की व्यायाम दिनचर्या जिसमें एरोबिक्स एक्सरसाइज शामिल हो आपके फेफड़ों की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। एरोबिक एक्सरसाइज में शामिल है वॉक करना, दौड़ना, साइकल चलाना, स्विमिंग करना, जुम्बा, डांस करना, बॉक्सिंग करना और टेनिस जैसे खेल आदि। अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से फेफड़ों की बीमारी हो तो किसी भी तरह का व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना जरूरी है।

हमारे फेफड़ों में मौजूद म्यूकस में जो विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं उन्हें प्राकृतिक रूप से बाहर निकालने का स्वाभाविक तरीका है खांसी। ऐसे में नियंत्रित खांसी या कंट्रोल्ड कॉफिंग फेफड़ों में अतिरिक्त बलगम को ढीला करती है जिससे यह वायुमार्ग के माध्यम से बाहर आ जाता है। डॉक्टरों का सुझाव है कि सीओपीडी बीमारी से पीड़ित लोगों को अपने फेफड़ों को साफ करने के लिए इस नियंत्रित खांसी का अभ्यास करना चाहिए।

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ग्रीन टी में कई एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो फेफड़ों में सूजन और जलन यानी इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद कर सकते हैं। धुएं को सांस के जरिए शरीर के अंदर लेने पर फेफड़ों में जो हानिकारक नुकसान होता है उससे फेफड़ों के ऊतकों को बचाने में मदद करता है ग्रीन टी में मौजूद कम्पाउंड्स। कोरिया में 1 हजार से अधिक वयस्कों को लेकर किए गए एक हालिया अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग प्रतिदिन कम से कम 2 कप ग्रीन टी पीते हैं, उनके फेफड़ों का कार्य बेहतर होता है उन लोगों की तुलना ममें जिन्होंने कभी ग्रीन टी न पी हो।

वायुमार्ग में अगर किसी तरह की सूजन या जलन (इन्फ्लेमेशन) हो जाए तो सांस लेने में कठिनाई होने लग जाती है और छाती में भारीपन और जकड़न महसूस होने लगती है। ऐसे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ खाने से इन लक्षणों को दूर करने और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। निम्नलिखित खाद्य पदार्थ इन्फ्लेमेशन से लड़ने में मदद कर सकते हैं:

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विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से आपके फेफड़ों का स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। साल 2017 में अस्थमा से पीड़ित लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि अगर व्यक्ति के शरीर में विटामिन डी का स्तर हेल्दी लेवल पर हो तो अस्थमा के अटैक की संख्या को कम किया जा सकता है जिसमें कोर्टिकोस्टेरॉयड उपचार की आवश्यकता होती है। विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स आमतौर पर पशु उत्पाद है जैसे- साल्मन, सार्डिन और अंडा। हालांकि, कई शाकाहारी खाद्य पदार्थ भी हैं जो विटामिन डी का सोर्स हैं जैसे- बादाम का दूध, मशरूम, ऑरेंज जूस, सोया योगर्ट, चीज, ब्रेकफस्ट सीरियल आदि।

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घर के बाहर वातावरण में जो हवा मौजूद है उस पर तो आपका कोई नियंत्रण नहीं है और आप उसे साफ नहीं कर सकते लेकिन घर के अंदर की हवा की क्वॉलिटी को आप साफ कर सकते हैं। इसके लिए आप घर में एयर-प्योरिफायर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा घर में जितने भी फिल्टर्स हैं, रोशनदान हैं, घर में हवा और रोशनी आने के लिए जितने भी द्वार या छिद्र हैं उनकी अच्छी तरह से सफाई करें।

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साथ ही घर के अंदर किसी भी तरह के आर्टिफिशयल सुगंध का इस्तेमाल न करें। फिर चाहे वह रूम फ्रेशनर हो या सुगंधित मोमबत्ती इनके उपयोग से बचें क्योंकि इनकी खुशबू में हानिकारक केमिकल्स होते हैं जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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