फेफड़ों की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि ये हवा की कुल कितनी मात्रा धारण कर सकते हैं. यह शरीर का वह अंग हैं, जो निरंतर काम करता रहता है. समय के साथ-साथ फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होती जाती है. क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसी कुछ स्थितियां फेफड़ों की क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती हैं. इससे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है.

ऐसे में कुछ व्यायाम हैं, जो फेफड़ों की क्षमता को बनाए रखने और बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. इससे फेफड़ों को स्वस्थ रखना और शरीर को आवश्यक ऑक्सीजन प्राप्त करना आसान हो जाता है. फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ और बातों का ध्यान रखना भी जरूरी हैं, जैसे स्मोकिंग न करें और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजें खाएं आदि.

आज इस लेख में हम जानेंगे कि फेफड़ों की क्षमता कैसे बढ़ाएं -

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  1. फेफड़ों को मजबूत कैसे बनाएँ
  2. सारांश
  3. फेफड़ों को मजबूत कैसे करें ? के डॉक्टर

कुछ लोग फेफड़ों के स्वास्थ्य पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते, लेकिन समय पर इनकी देखभाल की जाए, तो फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है. कुछ ब्रीदिंग एक्सरसाइज और आहार में बदलाव करके इसे ठीक किया जा सकता हैं. आइए, विस्‍तार से जानते हैं कि फेफड़ों की क्षमता कैसे बढ़ाएं -

  1. फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए ब्रीदिंग
  2. इंटरवल ट्रेनिंग
  3. पर्स्ड लिप ब्रीदिंग
  4. फेफड़ों को मजबूत करने के लिए क्या खाएँ

फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए ब्रीदिंग

अमेरिकन लंग एसोसिएशन द्वारा सुझाया गया डायाफ्रामिक ब्रीदिंग व्यायाम उस दर को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिस पर फेफड़े फैलते हैं और सिकुड़ते हैं. बेली ब्रीदिंग डायाफ्राम विशेष रूप से डायाफ्राम की मसल्स को मजबूत करने में मदद करते हैं, जिससे व्यक्ति को गहरी सांस लेने में मदद मिलती है. यह तकनीक सीओपीडी वाले लोगों में विशेष रूप से सहायक है, क्योंकि ऐसे लोगों का डायाफ्राम कमजोर होता है और डायाफ्रामिक ब्रीदिंग व्यायाम से इसे मजबूत किया जा सकता है. इसे करने का सही तरीका नीचे बताया गया है -

  • पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़कर पैर कूल्हों के पास ले आएं. इस अवस्था में तलवे जमीन से सटे रहेंगे.
  • अब पेट पर हाथ या हल्की वस्तु रखें.
  • नाक से धीरे-धीरे सांस लें और ध्यान दें कि पेट कितना ऊपर उठता है. 
  • अब मुंह से सांस छोड़ें.
  • फिर नाक से सांस लें, इस बार पेट को और ज्यादा ऊपर उठाने की कोशिश करें.
  • फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए प्रतिदिन लगभग 5-10 मिनट के लिए बेली ब्रीदिंग का अभ्यास करें.

(और पढ़ें - स्वस्थ फेफड़ों के लिए आहार)

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इंटरवल ट्रेनिंग

यदि व्यायाम करते समय सांस फूलने या सांस लेने में तकलीफ होती है, तो इंटरवल ट्रेनिंग व्यायाम बेहतर विकल्प हो सकता है. इंटरवल ट्रेनिंग में अधिक जोरदार और कम जोरदार व्यायाम की छोटी अवधि के बीच बारी-बारी से किया जाता हैं. जैसे, एक व्यक्ति 1 मिनट के लिए बहुत तेज गति से चलने की कोशिश कर सकता है, फिर चक्र में 2 मिनट के लिए अधिक धीरे चल सकता है. इसी तरह, एक व्यक्ति 1 मिनट के लिए एक शक्ति प्रशिक्षण गतिविधि कर सकता है.

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पर्स्ड लिप ब्रीदिंग

इसे करने से सांस धीमी हो सकती है, जिससे आपके वायुमार्ग को अधिक समय तक खुला रखकर सांस लेने का काम कम हो जाता है. इससे फेफड़ों के लिए कार्य करना आसान बनाता है और ऑक्सीजन व कार्बन डाइऑक्साइड के आदान-प्रदान में सुधार होता है.

डायाफ्रामिक ब्रीदिंग एक्सरसाइज की तुलना में इसे करना आसान होता है और इसका अभ्यास किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन कितनी देर करना है, इस समय पर ध्यान देना जरूरी हैं. जैसे- 5 सेकंड के लिए सांस लेना और 10 सेकंड के लिए सांस छोड़ना. ये उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं. इसे करने का तरीका कुछ इस प्रकार है-

  • सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और अपनी गर्दन व कंधे की मांसपेशियों को आराम दें.
  • अब दोनों हाथ पेट पर रखें और नाक से धीरे-धीरे सांस लें.
  • फिर होंठों को इस तरह से गोल करें कि जैसे आग को बुझाना हो.
  • अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें, सांस छोड़ने की गति सांस लेने की गति से दाेगुना कम होगी.

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फेफड़ों को मजबूत करने के लिए क्या खाएँ

आहार में बदलाव करके अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और पल्मोनरी फाइब्रोसिस जैसी स्थितियों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया जा सकता हैं. शोध से पता चला है कि पोषक तत्वों से भरपूर आहार का पालन करने सहित जीवनशैली में बदलाव फेफड़ों की रक्षा करने में मदद कर सकता है और यहां तक ​​कि फेफड़ों की क्षति और बीमारी के लक्षणों को भी कम कर सकता है. विशिष्ट पोषक तत्वों और खाद्य पदार्थों को फेफड़ों के कार्य के लिए विशेष रूप से फायदेमंद माना गया है.

चुकंदर में नाइट्रेट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो फेफड़ों के कार्य को बढ़ाने में मदद करता हैं. नाइट्रेट्स रक्त वाहिकाओं को आराम देने, ब्लड प्रेशर को कम करने और ऑक्सीजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. हल्दी अक्सर अपने शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के लिए जानी जाती हैं. हल्दी में मुख्य एक्टिव घटक करक्यूमिन, फेफड़ों के कार्य में मदद करते हैं.

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पौष्टिक खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में उच्च आहार का सेवन करना फेफड़ों के स्वास्थ्य का एक स्मार्ट तरीका है. कॉफी, हरी पत्तेदार सब्जियां, गुड फैट युक्त फिश, टमाटर, जैतून का तेल, कस्तूरी, ब्लूबेरी और कद्दू ऐसे खाद्य पदार्थ और पेय के कुछ उदाहरण हैं, जिन्हें फेफड़ों के कार्य को लाभ पहुंचाने के लिए माना जाता है. फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज, इंटरवल ट्रेनिंग कारगर हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना डाइट में बदलाव या व्‍यायाम न करें.

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