सबसे पहले हमें स्कार को समझना होगा, यह ऐसे निशान हैं जो शारीरिक चोट भरने के बाद या सर्जरी के बाद प्रभावित हिस्से पर दिखाई देते हैं। जब इन स्कार ऊतकों में वृद्धि या उभार आने लगता है तो इन्हें केलॉइड नाम से जाना जाता है। कुछ मामलों में, केलॉइड बिना किसी चोट के भी हो सकता है, इन्हें ‘स्पाॅन्टेनियस केलॉइड‘ के रूप में जाना जाता है।
केलॉइड आमतौर पर स्तन, कान, चेहरे, छाती और पीठ के ऊपरी हिस्से पर देखे जाते हैं। केलॉइड के मुख्य कारणों में मुंहासे, जलन, चिकनपॉक्स, कान छिदवाना, टैटू, मामूली खरोंच, सर्जरी या चोट से कट जाना, कीड़ों के काटने और टीकाकरण शामिल हैं। हालांकि, यह आवश्यक नहीं है कि हर स्कार केलॉइड में बदल सकता है।
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आमतौर पर केलॉइड की समस्या 10 से 30 वर्ष की आयु के युवा व्यक्तियों में देखी जाती है। ऐसे लोग जिनकी त्वचा के रंग में अंतर होता है जैसे एशियाई, अफ्रीकी वंश के लोगों में केलॉइड का खतरा अधिक होता है। ये निशान अक्सर परिवारों यानी वंशानुगत रूप से देखे जाते हैं। इसमें यह जरूरी नहीं है कि जितना बड़ा घाव होगा उतना ही बड़ा केलॉइड निशान होगा, आमतौर पर घाव की तुलना में यह निशान बहुत बड़े होते हैं। कुछ केलॉइड निशान बढ़ते रहते हैं, लेकिन वे कैंसर में नहीं बदलते हैं।
केलॉइड को आमतौर पर उपचार की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि वे हानिरहित होते हैं। हालांकि, यह दिखने में अच्छे नहीं लगते हैं या कुछ मामलों में दर्दनाक और खुजलीदार हो सकते हैं, तो ऐसे में उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है। केलॉइड के आकार को कम करने के पारंपरिक उपचारों में कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन, फ्रीजिंग, लेजर उपचार, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी शामिल हैं।
इसके अलावा केलॉइड के इलाज के लिए होम्योपैथी चिकित्सा भी मौजूद है। इसका उद्देश्य केवल एक स्वास्थ्य स्थिति का इलाज करना नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है। होम्योपैथिक डाॅक्टर उपाय निर्धारित करने से पहले व्यक्ति की जीवन शैली, वंशानुगत कारकों, लक्षणों के साथ-साथ बीमारी के इतिहास को ध्यान में रखते हैं। इसलिए, कहा जाता है कि भले किसी दो इंसान को एक जैसी बीमारी या लक्षण हों लेकिन उनके उपाय एक जैसे हों यह होम्योपैथी में जरूरी नहीं होता है। केलॉइड के उपचार के लिए कुछ महत्वपूर्ण होम्योपैथिक उपचारों में कैल्केरिया फ्लोरिका, कॉस्टिकम, फ्लोरिकम एसिडम, ग्रेफाइट्स, रेडियम ब्रोमैटम, फाइटोलैक्का डेसेंड्रा, सबडिला और सिलिसिया टेरा शामिल हैं।