बांझपन का सामना कर रही महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्या आती है. इस अवस्था में डॉक्टर से उचित इलाज करवाने की जरूरत होती है. ऐसी ही एक समस्या अस्पष्ट बांझपन है. इस अवस्था में भी महिला के लिए गर्भवती होना मुश्किल हो जाता है. इस समस्या का सामना कर रही महिला के मन में हमेशा यही सवाल होता है कि अस्पष्ट बांझपन में गर्भधारण करने का तरीका क्या है?

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आज इस लेख में आप अस्पष्ट इनफर्टिलिटी के साथ गर्भवती कैसे हों, इस बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. अस्पष्ट बांझपन क्या है?
  2. अस्पष्ट बांझपन के साथ गर्भवती कैसे हों?
  3. सारांश
अस्पष्ट बांझपन क्या है व गर्भवती कैसे हों? के डॉक्टर

जब बांझपन होने के पीछे किसी स्पष्ट कारण का पता नहीं चल पाता है, तो उस अवस्था को अस्पष्ट बांझपन कहा जाता है. निम्न अवस्थाओं में गर्भधारण न कर पाने को अस्पष्ट बांझपन कहा जाता है -

  • महिला के यूट्रस में किसी भी तरह की असामान्यता या संरचनात्मक समस्याएं नहीं हैं.
  • ओवुलेशन नियमित अंतराल पर होता है.
  • महिला की फैलोपियन ट्यूब पूरी तरह से खुली हुई हैं.
  • अंडों की संख्या अच्छी है.
  • प्रजनन के लिए मस्तिष्क आवश्यक हार्मोन का उत्पादन बेहतर तरीके से कर रहा है.
  • महिला के पार्टनर का सीमेन एनालिसिस (काउंट, मात्रा, गतिशीलता और आकार) सामान्य है.

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अस्पष्ट बांझपन के साथ गर्भवती होने के लिए कई तरीकों का सहारा लिया जा सकता है. सबसे पहले ऐसे लोगों को सही इलाज की जरूरत होती है. इसके अलावा, डॉक्टर कई तरह के बदलाव करने की सलाह दे सकता है -

इलाज का विकल्प

अस्पष्ट इनफर्टिलिटी की समस्या का इलाज करने में हेल्थ एक्सपर्ट्स को कम से कम 6 महीने से 1 वर्ष तक का समय लग सकता है. इसके अलावा, कुछ हेल्थ एक्सपर्ट बिना किसी इलाज के गर्भवती होने की कोशिश करने की सलाह दे सकता है. अगर किसी महिला की आयु 35 वर्ष से अधिक है, तो इस अवस्था में डॉक्टर 6 महीने के बाद अन्य विकल्पों का सहारा लेने की सलाह दे सकते हैं.

अस्पष्ट इनफर्टिलिटी के लिए सबसे पहले एक्सपर्ट वजन घटाने या धूम्रपान को छोड़ने की सलाह दे सकता है. इसके अलावा, डॉक्टर क्लोमिड या गोनाडोट्रोपिन (ओवुलेशन को बढ़ावा देने के लिए) के साथ-साथ 3 से 6 चक्रों के लिए आईयूआई का उपयोग करने की सलाह दे सकते हैं. इन विकल्पों से अगर मरीजों को सफलता नहीं मिलती है, तो डॉक्टर का अगला कदम इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) हो सकता है.

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लाइफस्टाइल में बदलाव

अस्पष्ट इनफर्टिलिटी की परेशानी होने पर मरीज को सबसे पहले अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करने की कोशिश करनी चाहिए. हालांकि, इस तरह का कोई रिसर्च सामने नहीं आया है, जो यह कह सके कि लाइफस्टाइल में बदलाव करके गर्भधारण करने में मदद मिलती है. खराब लाइफस्टाइल की वजह से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है, इसलिए अस्पष्ट इनफर्टिलिटी की परेशानी होने पर सबसे पहले लाइफस्टाइल में बदलाव जरूर करें. इसके लिए निम्न तरीकों को अपनाएं -

  • शराब का सेवन करने से बचें.
  • कैफीन का कम से कम सेवन करें.
  • वजन को कंट्रोल करें.
  • स्ट्रेस न लें.
  • धूम्रपान का सेवन न करें.

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प्राकृतिक रूप से गर्भधारण का प्रयास

अस्पष्ट इनफर्टिलिटी की परेशानी होने पर पहले कुछ माह तक प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने की कोशिश करें. हालांकि, डॉक्टर इस तरह की सलाह नहीं देते हैं, लेकिन कुछ मामलों में लोगों को इससे सफलता मिल सकती है.

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क्लोमिड का उपयोग

क्लोमिड एक दवा है, जिसका इस्तेमाल प्रजनन क्षमता को बेहतर करने के लिए उपयोग किया जा सकता है. यह दवा उन लोगों के लिए उपयोगी साबित होती है, जिन्हें ओवुलेट होने में परेशानी होती है. यह शुक्राणु उत्पादन को भी बढ़ावा दे सकता है. अस्पष्ट इनफर्टिलिटी की परेशानी से जूझ रहे लोगों के लिए क्लोमिड एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इस दवा का सेवन एक्सपर्ट की सलाह पर ही करें.

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आईयूआई की कोशिश

अस्पष्ट इनफर्टिलिटी के साथ गर्भवती होने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए आईयूआई का इस्तेमाल करना अच्छा विकल्प हो सकता है. कुछ स्थितियों में फर्टिलिटी की दवाओं के साथ आईयूआई की कोशिश की जा सकती है. इसे आईवीएफ की तुलना में सस्ता विकल्प माना जाता है.

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आईवीएफ का सहारा

अगर कई कोशिशों के बावजूद गर्भधारण करने में परेशानी हो, तो आईवीएफ को अच्छा विकल्प माना जाता है. जब भी इनफर्टिलिटी के लिए इलाज की बात आती है, तो सबसे पहले गर्भधारण के लिए आईवीएफ का नाम लिया जाता है. इससे मरीज को काफी सफलता मिलती है. आईवीएफ ट्रीटमेंट से गर्भावस्था होने की दर क्लोमिड के साथ आईयूआई की तुलना में तीन गुना अधिक है, लेकिन इसके परिणाम उम्र के साथ अलग-अलग हो सकते हैं.

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अस्पष्ट इनफर्टिलिटी के साथ गर्भवती होने के लिए कई विकल्पों का सहारा लिया जा सकता है. ये विकल्प गर्भधारण करने में मददगार साबित हो सकते हैं. हालांकि, किसी भी विकल्प को अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर या फिर किसी अच्छे हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें, ताकि आगे होने वाली चुनौतियों को कम किया जा सके.

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