इसमें कोई शक नहीं कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. धूम्रपान करने वाले लोगों को कैंसर और हृदय रोग का जोखिम अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है. धूम्रपान फेफड़ों, लिवर व हृदय आदि अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है. धूम्रपान में मौजूद निकोटिन महिला की प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है. जो महिला धूम्रपान करती है, उसे गर्भधारण करने में मुश्किल हो सकती है. यहां तक कि गर्भपात का भी सामना करना पड़ सकता है. एक रिसर्च के अनुसार धूम्रपान की वजह से कम से कम 13 फीसदी जोड़ों को कमजोर या कम प्रजनन क्षमता से जूझना पड़ता है.

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आज इस लेख में आप धूम्रपान का महिला प्रजनन क्षमता पर पड़ने वाले असर के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. धूम्रपान से महिला की प्रजनन क्षमता कैसे प्रभावित होती है?
  2. धूम्रपान से बच्चे के जन्म पर पड़ने वाले प्रभाव
  3. सारांश
धूम्रपान का महिला की प्रजनन क्षमता पर असर के डॉक्टर

धूम्रपान करना महिला और पुरुष दोनों के लिए नुकसानदायक होता है. धूम्रपान करने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता कमजोर हो सकती है. एक रिसर्च के अनुसार, धूम्रपान करने वाली महिलाओं को बांझपन का भी सामना करना पड़ सकता है. धूम्रपान से महिलाओं की प्रजनन क्षमता निम्न प्रकार से प्रभावित होती है -

कंसीव करने में समस्या

कई अध्ययनों से पता चला है कि जो महिलाएं रोजाना सिगरेट पीती हैं, उन्हें गर्भवती होने में अधिक समय लग सकता है. जो महिलाएं प्रतिदिन 2-4 सिगरेट पीती हैं, उनके लिए गर्भधारण करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि प्रतिदिन 1 सिगरेट पी जा सकती है. गर्भधारण करने के लिए धूम्रपान से पूरी तरह से दूरी बनाना जरूरी होता है.

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फैलोपियन ट्यूब की समस्याएं

धूम्रपान करने वाली महिलाओं को फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इस स्थिति में गर्भधारण में रुकावट आ सकती हैं यानी जब फैलोपियन ट्यूब में कोई समस्या आती है, तो अंडे और शुक्राणुओं को आपस में मिलना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में एक्टोपिक प्रेगनेंसी का जोखिम बढ़ जाता है. 

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अंडों को नुकसान

कुछ अध्ययनों से पता चला है कि धूम्रपान से प्रजनन क्षमता उसी समय प्रभावित नहीं होती है, जब सिगरेट पीते हैं, बल्कि बाद में भी हो सकती है. अगर कोई महिला अभी रोज सिगरेट पीती हैं, लेकिन कुछ सालों या महीनों बाद सिगरेट पीना छोड़ देती हैं, तो भी इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ सकता है. इसके पीछे कारण यह है कि शरीर में मौजूद धूम्रपान के टॉक्सिंस पहले ही प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर चुके होते हैं. 

दरअसल, पुरुष अपने पूरे जीवन में नए-नए शुक्राणु पैदा करते हैं. लेकिन महिलाएं जिन अंडों के साथ पैदा होती हैं, उनके पास उतने ही अंडे रहते हैं. ऐसे में अगर धूम्रपान की वजह से एक बार अंडे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो दोबारा से नहीं बन सकते हैं. धूम्रपान महिला के अंडाशय में मौजूद अंडों की संख्या को कम कर सकता है. इससे भविष्य में गर्भधारण करने में मुश्किल आ सकती है.

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भ्रूण को नुकसान पहुंचना

कई बार धूम्रपान करने के बावजूद महिला गर्भधारण कर लेती है, लेकिन अंडों के डैमेज होने से विकासशील भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है. इतना ही नहीं धूम्रपान करने से गर्भपात तक का भी खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, अगर कोई महिला धूम्रपान करती हैं और कंसीव भी कर लेती है, तो तुरंत सिगरेट या नशीले पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए, वरना गर्भपात का सामना करना पड़ सकता है.

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धूम्रपान से गर्भपात का जोखिम

कई रिसर्च में साबित हो चुका है कि धूम्रपान करने से गर्भपात का जोखिम काफी बढ़ जाता है. रिसर्च की मानें तो 30 फीसदी महिलाओं को धूम्रपान की वजह से गर्भपात का सामना करना पड़ता है. आपको बता दें कि धूम्रपान एक बच्चे को जन्म से पहले ही नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में गर्भधारण के बाद आपको धूम्रपान का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.

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गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करना गर्भपात के जोखिम को बढ़ाता है. वहीं, कई महिलाएं गर्भपात से बच जाती हैं, लेकिन धूम्रपान की वजह से शिशु को जन्म दोष का सामना करना पड़ सकता है -

  • हृदय संबंधी दोष या समस्याएं
  • अंग दोष (एक हाथ या पैर का पूरी तरह से विकसित न होना)
  • आंखों की समस्याएं
  • हर्निया
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दोष

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धूम्रपान करना प्रजनन क्षमता को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकता है. अध्ययनों से यह भी पता चला है कि धूम्रपान छोड़ने के एक साल बाद प्रजनन दर में सुधार हो सकता है. इसलिए, अगर आप कंसीव करना चाहती हैं और धूम्रपान करती हैं, तो कंसीव करने की प्लानिंग करने से कम से कम एक साल पहले धूम्रपान का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें. इसके अलावा, अगर आपका मेल पार्टनर भी सिगरेट पीता है, तो भी गर्भधारण करने में दिक्कत हो सकती है, क्योंकि धूम्रपान पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता को कम कर देता है.

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