खराब खानपान और लाइफस्टाइल को बांझपन का मुख्य कारण माना जाता है. इसी के साथ टाइप 1 डायबिटीजरूमेटाइड अर्थराइटिस व थायराइड जैसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर भी पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं. वहीं, सोरायसिस भी ऑटोइम्यून विकार है, तो क्या सोरायसिस से भी पुरुष प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है? इसका जवाब है हां. सोरायसिस का पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है. इस स्थिति में सोरायसिस का इलाज करवाना जरूरी होता है, अन्यथा बांझपन तक का सामना करना पड़ सकता है.

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आज इस लेख में आप सोरायसिस और पुरुष प्रजनन क्षमता के बीच संबंध के बारे में जानेंगे -

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  1. सोरायसिस क्या है?
  2. क्या सोरायसिस से पुरुष प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है?
  3. सोरायसिस और मेल इंफर्टिलिटी में क्या संबंध हैं?
  4. क्या सोरायसिस की दवा से भी प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है?
  5. प्रजनन क्षमता को सही रखने के लिए सोरायसिस का इलाज
  6. सारांश
क्या सोरायसिस से पुरुष प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है के डॉक्टर

सोरायसिस एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिससे आजकल करोड़ों लोग प्रभावित हैं. यह समस्या इम्यून सिस्टम के ओवरएक्टिव होने के कारण होती है. इसमें शरीर में सूजन होने लगती है. सोरायसिस की वजह से होने वाली सूजन का पुरुष प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. यह पुरुष बांझपन का कारण भी बन सकता है. इसी के साथ सोरायसिस त्वचा पर खुजलीदार और पपड़ीदार धब्बों को भी विकसित कर सकता है. आपको बता दें कि सोरायसिस त्वचा के साथ ही शरीर के अन्य अंगों और ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है. ऐसे में इसका समय पर उपचार करवाना जरूरी होता है.

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हां, सोरायसिस शरीर में सूजन का कारण बन सकता है. इसके अलावा, सोरायसिस प्रजनन हार्मोन और ग्रंथियों को प्रभावित कर सकता है, इससे पुरुष प्रजनन क्षमता कम हो सकती है. 2017 के एक अध्ययन के अनुसार, शरीर की सूजन पुरुष प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालती है. जानें, सोरायसिस किस तरह पुरुष प्रजनन को प्रभावित करता है -

आपको बता दें कि सोरायसिस से ग्रस्त पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन और SHBG दोनों में कमी होने लगती है. जब इनमें कमी होती है, तो पुरुष प्रजनन पर काफी हद तक बुरा असर पड़ सकता है. SHBG एक प्रोटीन होता है, यह शरीर द्वारा उपयोग किए जाने वाले टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करता है.

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सोरायसिस एक सिस्टामेटिक इंफ्लेमेटरी कंडीशन होता है. इसका मतलब है कि सोरायसिस पूरे शरीर में सूजन पैदा कर सकता है. कई रिसर्च में साबित हुआ है कि सूजन शुक्राणु की गुणवत्ता को कम कर सकती है. इतना ही नहीं यह शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता को प्रभावित करके बांझपन का कारण भी बन सकती है.

इसके अलावा, सोरायसिस वाले पुरुषों में एस्ट्राडियोल का स्तर उच्च होता है. यह एस्ट्रोजन का ही एक रूप है. जब पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन कम होता है, लेकिन एस्ट्रोजन अधिक होता है, तो इस स्थिति में सेक्स ड्राइव कम होने लगती है. इस लिहाज से एस्ट्राडियोल का अधिक स्तर पुरुषों की यौन क्रिया पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.

आपको बता दें कि सोरायसिस में सूजन होना सामान्य होता है. सूजन की वजह से सोरायसिस वाले व्यक्ति में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का अनुभव होने लगता है. ऐसे में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस दोनों ही शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं. इस स्थिति में पुरुषों की प्रजनन क्षमता कम हो सकती है.

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अगर सोरायसिस का समय पर इलाज किया जाए या सूजन को कम किया जाए, तो प्रजनन क्षमता को प्रभावित होने से रोका जा सकता है. वहीं, कई बार सोरायसिस की दवाइयां भी पुरुष प्रजनन को कम कर सकती हैं. इम्यूनोसप्रेसेंट दवाइयां, जैसे - सल्फासालजीन शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी का कारण बन सकती हैं. इसलिए इस दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के बिल्कुल न करें.

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कुछ दवाइयों और जीवनशैली में बदलाव करने से सोरायसिस का इलाज संभव हो सकता है. सोरायसिस का इलाज करने से सूजन कम हो सकती है, जिससे प्रजनन क्षमता में सुधार करने में मदद मिल सकती है -

ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर-अल्फा

2017 के एक अध्ययन के अनुसार, ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर-अल्फा (टीएनएफ-अल्फा) ब्लॉकर सोरायसिस का इलाज करके पुरुष प्रजनन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. इसके अलावा, फ्यूमरिक एसिड एस्टर भी सोरायसिस वाले पुरुषों में शुक्राणु की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है.

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एंटी टीएनएफ एजेंट

एंटी-टीएनएफ एजेंट भी सोरायसिस का उपचार कर सकता है. सोरायसिस के इलाज के लिए एंटी टीएनएफ दवाइयों में शामिल हैं -

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जीवनशैली में बदलाव

सोरायसिस का इलाज करने के लिए दवाइयों के साथ ही बेहतर जीवनशैली को अपनाना भी जरूरी होता है. जब दवाइयों और अच्छी जीवनशैली का पालन एक साथ किया जाता है, तो इससे अधिक लाभ देखने को मिल सकते हैं -

  • सोरायसिस के लक्षणों को कम करने और प्रजनन को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करना जरूरी होता है. इसके लिए प्रतिदिन 30 मिनट की एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए.
  • सोरायसिस में पर्याप्त आराम करने की भी जरूरत होती है. इसके लिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए.
  • सोरायसिस होने पर हेल्दी डाइट लेना भी जरूरी होता है. इसके लिए अपनी डाइट में एंटीइंफ्लेमेटरी युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें. सब्जियोंफलनट्स और मछली का सेवन कर सकते हैं. 
  • सोरायसिस में शुगर, धूम्रपान व शराब आदि का सेवन करने से भी बचना चाहिए.
  • तनाव भी सोरायसिस का कारण बन सकता है और प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में सोरायसिस को कम करने के लिए तनाव मुक्त रहने की पूरी कोशिश करें. इसके लिए आप मेडिटेशन कर सकते हैं.

इन दवाइयों और हेल्दी लाइफस्टाइल की मदद से सोरायसिस, प्रजनन क्षमता और समग्र स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

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अगर सोरायसिस का समय रहते उपचार न किया जाए, तो इससे पुरुष प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. दरअसल, सोरायसिस सूजन का कारण बनता है, जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है. खासकर प्रजनन क्षमता पर सोरायसिस का बुरा असर पड़ता है. सोरायसिस पुरुषों में हार्मोन स्तर और शुक्राणु की गुणवत्ता को खराब कर सकता है. ऐसे में दवाइयों और जीवनशैली में बदलाव करके सोरायसिस का इलाज किया जाना जरूरी होता है. सोरायसिस के इलाज से सूजन को कम करने में मदद मिलती है और पुरुष प्रजनन क्षमता में भी सुधार होता है.

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