असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई (85 वर्षीय) को अचानक तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑक्सीजन लेवल कम होने के चलते गोगोई को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसकी जानकारी असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दी। सरमा ने बताया कि तरुण गोगोई गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) के आईसीयू में भर्ती हैं जहां उनका इलाज जारी है। हालांकि उनकी हालत में पहले से थोड़ा सुधार हुआ है। गौरतलब है कि गोगोई हाल ही में कोविड-19 बीमारी से उबरे थे जिसके बाद उन्हें यह समस्या आई है।
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शरीर में कम हुआ ऑक्सीजन लेवल
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि पूर्व सीएम तरुण गोगोई का ऑक्सीजन स्तर (खून में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल) 92 हो गया था। इलाज के दौरान उन्हें छह लीटर कृत्रिम ऑक्सीजन दिया गया जिसके बाद उनकी हालत में थोड़ा सुधार हुआ। साथ ही उनका ऑक्सीजन स्तर भी बढ़कर 94 हो गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार को गोगोई का ऑक्सीजन स्तर घटकर 84 पर पहुंच गया था, जो सामान्य ऑक्सीजन लेवल 94 से बहुत कम था। यही कारण है कि उन्हें सीधे आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। वहीं दूसरी वजह यह है कि गोगोई की उम्र ज्यादा है और वह पहले से ही कई अन्य बीमारियों (कोमॉरबिडिटी- एक से ज्यादा बीमारियां) से भी पीड़ित हैं।
एम्स डायरेक्टर की निगरानी में हो रहा इलाज
सरमा ने बताया कि तरुण गोगोई के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के निदेशक डॉ. रंजीत गुलेरिया से बात की गई। इसके बाद गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के साथ उनकी एक वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग की गई। इस दौरान गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने गोगोई को दिए जा रहे उपचार के बारे में एम्स डायरेक्टर को बताया। एम्स डायरेक्टर गुलेरिया जो खुद पल्मोनरी स्पेशलिस्ट हैं उन्होंने गोगोई को दिए जा रहे उपचार को लेकर संतोष व्यक्त किया।
स्वास्थ्य मंत्री सरमा के मुताबिक “गुलेरिया ने सुझाव दिया कि पूर्व सीएम का कुछ अतिरिक्त टेस्ट किया जाएगा और एम्स फैकल्टी से कुछ लोग भी एक-दो दिन में गुवाहाटी जाएंगे जो पूर्व मुख्यमंत्री की स्वास्थ्य की समीक्षा करेंगे।” गौरतलब है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में गोगोई के बेटे गौरव गोगोई भी मौजूद रहे, जो कि कलबोर से लोकसभा सदस्य भी हैं। उन्होंने अपने पिता के उपचार के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
एक महीने पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे तरुण गोगोई
कांग्रेस से तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके तरुण गोगोई बीते 25 अगस्त को कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद उन्हें जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 31 अगस्त को ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल में अचानक गिरावट के बाद उन्हें प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी।
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प्लाज्मा थेरेपी के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ और कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव आई, और उनकी हालत स्थिर बनी रही। यही वजह थी कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गोगोई की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी के लिए पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. जोगेश सरमा की अध्यक्षता में डॉक्टरों की नौ सदस्यीय समिति का गठन किया था। गौरतलब है कि असम में कोरोना संक्रमण का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इसी के चलते राज्य के अब तक 25 विधायक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।
ऑक्सीजन की कमी क्या है?
खून शरीर के सभी हिस्सों में मौजूद हर कोशिका तक ऑक्सीजन पहुंचाता है, जिससे वे स्वस्थ रह पाती हैं। जब आपके शरीर में ऑक्सीजन कम हो जाता है, तो इस स्थिति को हाइपोक्सेमिया या शरीर में ऑक्सीजन की कमी होना कहा जाता है। ऑक्सीजन की कमी शरीर में तब होती है, जब खून में ऑक्सीजन की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है। ऑक्सीजन की कमी होना सांस संबंधी या ब्लड सर्कुलेशन (रक्त परिसंचरण) संबंधी समस्याओं का संकेत देता है। इससे सांस फूलने जैसे श्वसन संबंधी लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं। यदि शरीर में ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो जाए तो शरीर ठीक से काम नहीं कर पाएगा और मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती है।