ब्लड ऑक्सीजन लेवल क्या होता है?

ब्लड ऑक्सीजन लेवल ब्लड में मौजूद ऑक्सीजन की मात्रा है। अधिकांश ऑक्सीजन लाल रक्त कोशिकाओं में होता है, जो फेफड़ों से ऑक्सीजन एकत्र करते हैं और इसे शरीर के सभी हिस्सों में पहुंचाते हैं। आपका शरीर हर समय ब्लड ऑक्सीजन लेवल पर करीबी नज़र रखता है ताकि उसे एक रेंज में रखा जा सके - यानि इसकी एक अधिकतम और न्यूनतम संख्या होनी चाहिए। इससे शरीर सुनिश्चित करता है कि हर कोशिका को ऑक्सीजन सही मात्रा में मिल सके। पल्स ऑक्सीमीटर से मापे जाने पर नार्मल ऑक्सीजन लेवल 95 और 100 प्रतिशत के बीच होता है।

रक्त में ऑक्सीजन का स्तर इस बात का सूचक होता है कि शरीर फेफड़ों से कोशिकाओं तक ऑक्सीजन को कितनी अच्छी तरह वितरित कर पा रहा है, और यह आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। आगे जानते हैं कि नार्मल ब्लड ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए और इसे कैसे नापा जा सकता है।

  1. ब्लड ऑक्सीजन लेवल कैसे मापा जाता है? - How your blood oxygen level is measured in Hindi
  2. नार्मल और लो ऑक्सीजन लेवल और रेंज - Normal and low blood oxygen levels in Hindi
  3. ऑक्सीजन लेवल नार्मल रेंज से बाहर हो तो क्या होता है? - What happens if your oxygen level is too low in Hindi
  4. सारांश
नार्मल ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए? के डॉक्टर

आपका रक्त ऑक्सीजन स्तर दो अलग-अलग परीक्षणों से मापा जा सकता है:

आर्टेरियल ब्लड गैस

आर्टेरियल ब्लड गैस (एबीजी; धमनी रक्त गैस) टेस्ट एक तरह का ब्लड टेस्ट है। यह आपके रक्त के ऑक्सीजन स्तर को मापता है। यह आपके रक्त में अन्य गैसों के स्तर, साथ ही साथ पीएच (एसिड / बेस स्तर) का भी पता लगा सकता है। एबीजी बहुत सटीक होता है।

एक एबीजी माप प्राप्त करने के लिए, डॉक्टर नस के बजाय धमनी से रक्त लेते हैं। नसों के विपरीत, धमनियों में एक पल्स होती है जिसे महसूस किया जा सकता है। साथ ही, धमनियों से निकलने वाला रक्त ऑक्सीजन युक्त होता है। आपकी नसों में रक्त में ऑक्सीजन नहीं होता है।

पल्स ऑक्सीमीटर

पल्स ऑक्सीमीटर एक डिवाइस है जो आपके रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा का अनुमान लगाता है। यह आपकी हाथ की उंगली, पैर की अंगुली या ईयरलोब में केशिकाओं में इंफ्रारेड प्रकाश भेजकर ऐसा करता है। फिर यह मापता है कि ब्लड में मौजूद गैसों से कितना प्रकाश परावर्तित होता है।

पल्स ऑक्सीमीटर की रीडिंग इंगित करती है कि आपका रक्त का कितना प्रतिशत सैचुरेटेड (संतृप्त) है, जिसे SpO2 लेवल कहा जाता है। इससे मिलने वाली रीडिंग आपके वास्तविक रक्त ऑक्सीजन स्तर की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक या कम हो सकती है।

यह परीक्षण थोड़ा कम सटीक हो सकता है, लेकिन इसे करना बहुत आसान है। इसलिए डॉक्टर जल्दी से आपके ब्लड ऑक्सीजन लेवल को जानने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।

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स्वस्थ फेफड़ों के लिए नार्मल एबीजी ऑक्सीजन लेवल 80 और 100 मिलीमीटर मरकरी (मिमी एचजी) के बीच होता है। और यदि पल्स ऑक्सीमीटर से मापा जाए ब्लड ऑक्सीजन लेवल (SpO2) की नार्मल रीडिंग 95 और 100 प्रतिशत के बीच होती है।

60 मिमी एचजी से नीचे ब्लड ऑक्सीजन लेवल कम माना जाता है और डॉक्टर के निर्णय और व्यक्तिगत मामले के आधार पर ऑक्सीजन पूरकता की आवश्यकता हो सकती है।

जब स्वस्थ व्यक्ति के औसत स्तर की तुलना में ब्लड ऑक्सीजन लेवल बहुत कम होता है, तो यह हाइपोक्सिया (ऑक्सीजन की कमी) नामक स्थिति का संकेत हो सकता है। इसका मतलब है कि शरीर को अपने सभी कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में कठिनाई हो रही है।

जब आपका ब्लड ऑक्सीजन लेवल नार्मल रेंज से बाहर चला जाता है, तो आपको कुछ लक्षण अनुभव हो सकते हैं, जैसे -

यदि आपका ऑक्सीजन लेवल कम है, तो आपको सायनोसिस के लक्षण हो सकते हैं। इस स्थिति का मूल संकेत हैं आपके नाखून, त्वचा और बलगम झिल्ली का नीले पड़ना।

सायनोसिस एक आपातकालीन स्थिति है। यदि आप इसके लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हाल ही में, ऑक्सीजन लेवल का गिरना कोविड-19 से जोड़ा गया है।

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नार्मल ऑक्सीजन लेवल स्वस्थ व्यक्ति के लिए 95% से 100% के बीच होना चाहिए, जिसे पल्स ऑक्सीमीटर से मापा जा सकता है। अगर ऑक्सीजन लेवल 90% से कम हो जाए, तो यह हाइपोक्सेमिया का संकेत हो सकता है, जो फेफड़ों या दिल से जुड़ी समस्याओं का कारण हो सकता है। शारीरिक गतिविधि, ऊंचाई, और स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर ऑक्सीजन लेवल में हल्का बदलाव सामान्य है, लेकिन किसी भी असामान्यता की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली ऑक्सीजन लेवल को बनाए रखने में मदद करती है।

Dr. Shubham Satsangi

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