नीचे कुछ होम्योपैथिक उपचार के बारे में बताया गया है, जिनका उपयोग पित्ती के ट्रीटमेंट में किया जाता है :
एपिस मेलिफिका
सामान्य नाम : दि हनी-बी विनोम
लक्षण : यह उपाय सूजे हुए ऊतकों और त्वचा पर असर करके पित्ती को कम करता है। इसका प्रयोग निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन के लिए किया जा सकता है :
- चुभने वाला दर्द और त्वचा में जलन
- सूजन (और पढ़ें - सूजन की होम्योपैथिक दवा)
- संवेदनशील त्वचा
- किसी कीट के काटने से होने वाली सूजन
- त्वचा पर कई फोड़े हो जाना व साथ में जलन होना
- गर्मी बर्दाश्त न कर पाना
- एरीसिपेलस (त्वचा के ऊपरी डर्मिस परत पर संक्रमण) व साथ में सूजन और त्वचा का संवेदनशील हो जाना
- त्वचा का सख्त होना
- उंगलियों का सुन्न हो जाना
- पित्ती की वजह से हाथ और पैरों में असहनीय तौर पर खुजली
यह लक्षण दोपहर में, गर्म व बंद कमरे में सोने के बाद, दाईं ओर लेटने और छूने के दौरान बढ़ जाते हैं। जबकि ठंडे पानी से नहाने या कुछ समय खुली हवा में रहने से इनमें सुधार होता है।
कैम्फोरा
सामान्य नाम : कैम्फोर
लक्षण : यह उपाय उन लोगों के लिए बेहतरीन है, जो प्रभावित हिस्से को छुए जाने और ठंड के प्रति बहुत संवेदनशील हैं, जिन्हें गंभीर रूप से दौरे पड़ते हैं और ठंड लगने के साथ छींक आती है। कैम्फोरा पित्ती के इलाज के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षणों को भी कम करने में मदद करता है :
- त्वचा का गहरा-नीला ग्रे होना
- त्वचा ठंडी होना
- चेहरे पर ठंडा पसीना आना (और पढ़ें - पसीना रोकने के उपाय)
यह लक्षण रात में और ठंड के मौसम में खराब हो जाते हैं जबकि गर्मी में इन लक्षणों में सुधार होता है।
कोपाइवा ऑफिसिनैलिस
सामान्य नाम : बालसम ऑफ कोपाइवा
लक्षण : कोपाइवा ऑफिसिनेलिस त्वचा की श्लेष्म झिल्ली, मूत्र पथ और श्वसन संबंधी अंगों पर सबसे अच्छा असर करता है। यह कब्ज और बुखार के साथ पित्ती को कम करने में उपयोगी है। यह बच्चों में क्रोनिक पित्ती के इलाज में भी फायदेमंद है। इसके अतिरिक्त, नीचे दिए गए लक्षणों से भी यह राहत देता है :
- त्वचा चित्तीदार दिखना
- एरिसिपेलाटस इंफ्लेमेशन (त्वचा या श्लेष्मा झिल्ली में लालिमा के साथ सूजन)
- रोजोला (वायरल संक्रमण जिसकी वजह से चकत्ते और तेज बुखार होता है) (और पढ़ें - बच्चों में बुखार का इलाज)
- क्रोनिक अर्टिकेरिया (बच्चों में)
रस टॉक्सिकोडेंड्रोन
सामान्य नाम : प्वॉइजन-आइवी
लक्षण : रस टॉक्सिकोडेंड्रोन ऐसे लोगों में अच्छा असर करता है, जिन्हें टियरिंग पेन (मांस फटने जैसा दर्द) होता है। उन्हें तब बेहतर महसूस होता है जब यह लंबे समय तक बैठे रहने के बाद उठ कर अपने शरीर को स्ट्रेच करते हैं। रस टॉक्सिकोडेंड्रोन, पित्ती को कम करने में और अचानक या तेज होने वाली खुजली से राहत देता है। इसके अलावा यह नीचे दिए गए लक्षणों का भी प्रबंधन कर सकता है :
- त्वचा की लालिमा और सूजन
- सेल्यूलाइटिस (बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन)
- वेसिकल (फफोले)
- एरिसिपलस (यह एक त्वचा संक्रमण है जो कि सेलुलाइटिस का ही एक रूप है, लेकिन सेलुलाइटिस ऊतकों को गहराई तक प्रभावित करते हैं, जबकि एरिसिपलस केवल त्वचा की ऊपरी परतों को प्रभावित करता है) (और पढ़ें - स्किन इन्फेक्शन के घरेलू उपाय)
- पेम्फिगस (त्वचा विकार, जिसमें त्वचा और श्लेष्म झिल्ली पर फफोले बनते हैं)
- ठंडी ताजी हवा के संपर्क में आने पर दर्द होना
रात, ठंड और बरसात के मौसम में यह सभी लक्षण खराब हो जाते हैं। नींद लेने और पीठ के बल या दाईं ओर लेटने से भी लक्षण बढ़ते हैं, जबकि चलने, गर्म सिकाई और गर्म और शुष्क मौसम में रोगी को बेहतर महसूस होता है।
आर्सेनिकम एल्बम
सामान्य नाम : आर्सेनिक एसिड
लक्षण : यह उपाय उन लोगों के लिए सर्वोत्तम है, जो ज्यादातर चिंतित और घबराए होते हैं। यह उपाय पित्ती व संबंधित लक्षणों जैसे बेचैनी और जलन के इलाज में फायदेमंद है। आर्सेनिकम एल्बम का इस्तेमाल नीचे दिए लक्षणों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है :
- जलन और खुजली के साथ सूजन
- सोरायसिस
- पूरे शरीर में ठंड लगना
- गैंग्रीन (संक्रमण या रक्त प्रवाह की कमी की वजह से ऊतकों का खराब या नष्ट होना) के साथ सूजन
- सिरियस (धीमी गति से बढ़ने वाला ट्यूमर जो छूने पर टाइट लग सकता है)
- एंथ्रेक्स (जीवाणु संक्रमण, जिसकी वजह से त्वचा के अल्सर और सांस की तकलीफ होती है)
- अल्सर में डिस्चार्ज होना
- पपड़ीदार, खुरदरी और सूखी त्वचा जो खरोंच लगने और ठंडे वातावरण में स्थिति को खराब कर देता है
- स्किन एपिथीलिओमा (त्वचा की एपिथीलियम परत में असामान्य वृद्धि)
यह लक्षण आधी रात को, बरसात और ठंड के मौसम में और समुद्र के किनारे और ठंडे खान-पान से बढ़ जाते हैं। जबकि गर्म ड्रिंक और गर्म वातावरण में रहने से इनमें सुधार होता है।
सल्फर
सामान्य नाम : सब्लीमेटड सल्फर
लक्षण : यह उपाय उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जिन्हें पानी पसंद नहीं है, जिनकी त्वचा सूखी है, खुद की साफ-सफाई अच्छे से नहीं करते हैं और जिनकी त्वचा में संक्रमण होने का खतरा है। सल्फर, पित्ती से जुड़ी त्वचा की खुजली और जलन को कम करता है। इसके अलावा नीचे दी गई स्थितियों का भी प्रबंधन करने में मदद करता है :
- सूखी और पपड़ीदार त्वचा
- त्वचा की चोटें, जिनमें मवाद बनता है
- स्किन इरप्शन (जैसे दाने, मुहासे इत्यादि) (और पढ़ें - मुंहासे कम करने के उपाय)
- पस्ट्यूले (Pustules - लाल रंग के उभार, जिनके ऊपरी हिस्से पर सफेद मवाद होता है)
- खुजली जो गर्म वातावरण और शाम को होती है
यह लक्षण सुबह और रात में, खड़े रहने, नहाने के दौरान और आराम करते समय खराब हो जाते हैं। लेकिन दाईं ओर लेटने और गर्म व शुष्क मौसम में इनमें सुधार होता है।
बोविस्टा लाइकोपोरडन
सामान्य नाम : पफ-बॉल
लक्षण : यह उपाय हकलाने वाले बच्चों, पैल्पिटेशन (किसी गतिविधि, अधिक थकान या बीमारी की वजह से दिल की धड़कन अनियमित होना) से ग्रस्त उम्रदराज महिलाओं के लिए अधिक फायदेमंद है। यह पित्ती के इलाज के अलावा निम्नलिखित लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है :
अर्टिकेरिया जो सुबह टहलने के दौरान शुरू होता है और नहाने के बाद खराब हो जाता है।
एंटीमोनियम क्रूडम
सामान्य नाम : ब्लैक सल्फाइड ऑफ एंटीमोनी
लक्षण : यह उपाय उन लोगों के लिए बेस्ट है जो अत्यधिक बेचैन और चिड़चिड़े होते हैं। ऐसे लोग, जिन्हें इस उपाय से फायदा होता है, वे सूर्य की रोशनी को बर्दाश्त नहीं कर पाते और उनमें मोटे होने की प्रवृत्ति रहती है। यह त्वचा पर खसरे जैसे इरप्सन से जुड़े पित्ती को कम करता है। इस उपाय से अन्य लक्षणों में भी लाभ होता है जैसे :
- एक्जिमा के कारण होने वाली गैस्ट्रिक समस्याएं
- त्वचा पर शहद के रंग जैसे सख्त और मोटे निशान
- मुहासे
- ठंडे पानी के प्रति त्वचा संवेदनशील होना
- सूखी त्वचा (और पढ़ें - रूखी त्वचा के लिए घरेलू उपाय)
- मस्सा
- ड्राई गैंग्रीन
- खुजली और जलन के साथ त्वचा पर पपड़ी जम जाना, यह स्थिति रात में खराब हो जाती है
- खुजली जो बिस्तर पर लेटने के बाद लगने वाली गर्मी की वजह से होती है
गर्म माहौल में और शाम के समय में यह लक्षण बिगड़ जाते हैं। हालांकि, पानी, शराब और एसिड के संपर्क में आने से भी यह लक्षण खराब हो जाते हैं। लेकिन मरीज के आराम करने या खुली हवा में समय बिताने के बाद अच्छा महसूस होता है।
(और पढ़ें - त्वचा पर चकत्ते की होम्योपैथिक दवा)