एड्स ऐसी लाइलाज बीमारी है, जिसमें इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो जाती है। भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में इस बीमारी को महामारी बनने से रोकने के लिए हर साल 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाया जाता है। लोगों को इसके फैलने वाले हर संभव कारण से अवगत करवाया जाता है। शरीर के तरल से फैलने वाला यह रोग इंसान को धीरे-धीरे खत्म करता है।

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अभी चंडीगढ़ की स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने अप्रैल से लेकर दिसंबर 2019 के बीच एचआईवी के 420 मामलों का आंकड़ा पेश किया है। सामने आए आंकड़ों में से 117 लोग चंडीगढ़ के ही रहने वाले थे। कुल संक्रमित लोगों में से 25 गर्भवती महिलाओं में एचआईवी संक्रमण पाया गया।

संक्रमण का चंडीगढ़ में फैलाव

  • दिसंबर 2019 तक चंडीगढ़ की केयर यूनिट में 11,359 लोगों के मामले दर्ज किए गए। इस संख्या में से एड्स से निरंतर जंग जारी रख इलाज करवाने वाले 6435 लोग हैं। इन हजारों लोगों में से 850 चंडीगढ़ के स्थाई निवासी हैं।
  • 2019 में जिन एड्स रोगियों का इलाज चल रहा था, उनमें से पिछले साल नवंबर तक 21 लोगों की मौत हो चुकी थी, 35 लोगों की मौत 2018 में, 148 लोग 2017 में , 101 मरीज 2016 में और 2015 में 167 लोग इस बीमारी से अपनी लड़ाई जारी नहीं रख पाए।
  • इसके अलावा आंकड़ों से पता चला कि 2019 में बाहर से इलाज के लिए आए लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 2019 में अप्रैल से नवंबर के बीच 626 लोग इलाज के लिए आए, जिसमें से 117 लोग चंडीगढ़ से ही थे।

पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े

  • अगर 2015 से अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाएंगे कि एड्स के मामले कम हो रहे हैं। 2015-16 में एड्स के फैलाव दर 0.98 थी वहीं 2016-17 में ये घटकर 0.78 हो गई, 2017 -18 में मामूली गिरावट के साथ 0.76 और 2018-19 में 0.72 और 2019 के दिसंबर तक 0.49 ही रह गई है। एड्स के फैलाव की दर 2008 में 7.12 हुआ करती थी।
  • अप्रैल-दिसंबर 2019 में चंडीगढ़ में एचआईवी के लिए 85,481 लोगों का चेकएप किया गया। डाटा के अनुसार बच्चे की जांच के लिए आई महिलाओं में से सिर्फ दो में एड्स संक्रमण पाया गया।
  • 2017 में लगाए गए अनुमान के अनुसार भारत में 21.40 लाख लोग एड्स रोगी थे। 15 से 49 साल के बीच के लोगों में भी एड्स के फैलाव में गिरावट देखी गई है। 2001-03 में ये दर 0.38 थी और 2017 में ये 0.22 ही रह गई।

चंडीगढ़ की स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा किए गए कार्य
चंडीगढ़ की स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने विविध बीमारियों पर नियंत्रण सेवा का एक डिलीवरी मॉडल पारित किया है। इस गैर सरकारी संस्था से पांच साल और इससे ज्यादा समय तक जुड़ने वाले लोगों में किसी भी तरह का यौन संक्रमण नहीं देखा गया। इसके अलावा इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर भी कम हुई है।

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ये गैर सरकारी संस्था स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के साथ मिलकर उन लोगों को भर्ती करेगी, जिनमें एचआईवी घातक रूप धारण कर चुका है। ऐसे लोगों को सही स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

दो दिन का एड्सकॉन-9 जनवरी 17 से शुरू हो गया है
17 और 18 जनवरी को चंडीगढ़ की स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने एड्स जागरुकता के लिए एड्सकॉन - 9 कॉन्फेंस का आयोजन किया। ये कॉन्फ्रेंस डॉ. पीएन छुट्टानी मेमोरियल आईएमए कॉम्पेलेक्स में सेक्टर 35 में हुआ।

इस कॉन्फ्रेंस में बीमारियों की रोकथाम के लिए कई सेशन चलाए हुए। इन सेशन्स में रक्त संरक्षण, यौन संक्रमणों से बचाव, बीमारियों की रोकथाम, एचआईवी से बचाव और इलाज इसके अलावा एड्स में दवाइयों का उपयोग और कई तरह के जरूरी विषयों पर चर्चा हुई।

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